पीरियड्स के दौरान अपनाइए ये इको-फ्रेंडली नैपकिन्स सेहत के लिए भी हैं लाभदायक
बॉलीवुड खिलाड़ी अक्षय कुमार पिछले काफी लंबे समय से अपनी फिल्म पैडमैन के प्रमोशन में जोर शोर से लगे हुए हैं अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन अपने अलग कंटेंट के चलते आम दर्शकों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है गौरतलब है कि यह फिल्म एक बायोपिक है जो महिलाओं की जिंदगी से जुड़ी एक सबसे महत्वपूर्ण समस्या पीरियड्स यानी मासिक धर्म पर आधारित है फिल्म का उद्देश्य ग्रामिण महिलाओं को इस समस्या के विषय में ज्यादा से ज्यादा जागरूक करना और उन्हें कपड़े की जगह सैनेट्री नैपकिन का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करना है।
अक्की की ये फिल्म साउथ के उस व्यक्ति की जिंदगी पर आधारित है जिसने ग्रामिण औरतों के लिए सैनेट्री पैड बनाने के लिए मशीन का अविष्कार किया था इसके अलावा अगर पीरियड्स की बात करें तो बेशक शहरों में महिलाएं हर महीने होने वाली इस समस्या के प्रति जागरूक हैं और अपनी सेहत को ध्यान में रखते हुए पैड्स का इस्तेमाल करती हैं लेकिन आज भी गावों और पिछड़े इलाकों में रहने वाली महिलाएं, लड़कियां कपड़ा इस्तेमाल करती हैं जिनकी वजह से उन्हें कई तरह की बिमारियां होने का खतरा होता है।
सस्ते और किफायती दामों में मिलते हैं इको फ्रेंडली पैड्स
आमतौर पर बाज़ारों में सैनेट्री नैपकिन कई अलग-अलग तरह के मिलते हैं और महिलाएं, लड़कियां इन्हें खरीदती भी हैं लेकिन ग्रामिण इलाकों या निचले तबके में रहने वाले गरीब परिवार की लड़कियों और महिलाओं के लिए हर महीने सैनेट्री पैड्स खरीदना काफी महंगा पड़ता है ऐसी महिलाओं और लड़कियों के पास कपड़ा इस्तेमाल करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नही रहता ऐसी महिलाओं के लिए बाज़ार में इन दिनों इको फ्रैंड्ली पैड्स या सैनिट्री नैपकिन भी मौजूद हैं जो बेहद किफायती भी हैं और कम दाम में आसानी से उपलब्ध भी हैं। इन पैड्स की सबसे अच्छी बात यह भी है कि मूल्य में सस्ते होने के साथ-साथ ये दुबारा धोने के बाद फिर से इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
दोबारा इस्तेमाल में लाए जा सकते हैं
इन पैड्स को दुबारा इस्तेमाल करने से किसी भी तरह का जान का खतरा भी नही होता ना ही किसी प्रकार शारीिरक संक्रमण होने की आशंका होती है। साथ ही ऐसी महिलाएं जिन्हे पैड्स इस्तेमाल करने के बाद कहां फेंके इस बात की चिंता होती है और शर्म की वजह से वो पैड्स इस्तेमाल करने से बचती हैं उनके लिए भी ये इको फ्रेंडली पैड्स बेहद कारगर हैं।
कपड़ों और टैंपून्स के इस्तेमाल से बचें
ग्रामिण इलाकों के साथ ही शहरों में भी अाज भी कई महिलाएं कपड़ा या टैंपून्स का इस्तेमाल करती हैं जो शरीर के लिए बेहद हानिकार होते हैं बाजारों में मिलने वाले इन टैंपून्स का इस्तेमाल बिलकुल ना करें कई बार अंदरूनी बिमारियों को दावत देतें हैं टैंपून्स या कपड़ें भूलकर भी इनका इस्तेमाल ना करें। इनकी जगह कॉटन के कपड़ों और मुलायम रूई से बनाए जाने वाले वॉशेबल इकोफ्रेंडली पैड्स या नैपकीन्स को इस्तेमाल में लाएं।
आम सैनेटरी नैपकिन्स से 40 प्रतिशत सस्ती दरों में उपलब्ध हैं आनंदी ,आकार इनोवेशंस जैसे इको फ्रेंडली पैड्स
बाज़ारों में ब्रांडेड सैनेट्री नैपकिन्स कई सर्विस टैक्स की वजह से महंगे दामों में मिलते हैं ऐसे में आनंदी, आकार इनोवेशन्स जैसी कंपनिया बेहद सस्ते दामों में मिलने वाले पैड्स भी बनाती हैं जो आम पैड्स की तुलना में 40 से 50 प्रतिशत तक कम दामों में आसानी से हर कहीं उपलब्ध हैं।