भगवान शिव का अपमान करने के बाद ‘तांडव’ की टीम ने मांगी माफी, कांग्रेस लीडर भी बोले- रेगुलेशन जरूरी
तांडव वेब सीरीज को लेकर निर्माताओं ने माफी मांगी है। वेब सीरीज के निर्माताओं की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ‘वेब सीरीज की कास्ट और क्रू मेंबर्स का मकसद किसी व्यक्ति, जाति, संप्रदाय, नस्ल, धर्म या फिर सामुदायिक समूह की भावनाएं आहत करना नहीं था। इसके तहत किसी संस्थान, राजनीतिक दल या फिर किसी जीवित या मृत व्यक्ति के सम्मान को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था। तांडव की कास्ट और क्रू ने लोगों की आपत्तियों को संज्ञान में लिया है। यदि किसी भी भावनाएं इससे आहत हुई हैं तो हम बिना शर्त इसके लिए माफी मांगते हैं।’
Our sincere apologies . pic.twitter.com/Efr9s0kYnl
— ali abbas zafar (@aliabbaszafar) January 18, 2021
इस बीच बीजेपी समेत कई राजनीतिक दलों की ओर से तांडव वेब सीरीज का विरोध किया गया है। इससे पहले रविवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन को नोटिस जारी कर तांडव में कथित विवादित टिप्पणियों को लेकर जवाब मांगा गया था। बता दें कि सोमवार को बीएसपी चीफ मायावती ने भी तांडव को लेकर कहा है कि यदि इसमें कुछ भी आपत्तिजनक है तो उसे हटाया जाना चाहिए। देश में सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे के माहौल को बनाए रखने के लिए किसी भी विवादित सामग्री को वापस लिया जाना चाहिए।
Though I oppose political censorship, to create a level-playing field, OTT must be subject to the same regulation as TV broadcasters. Several countries are considering or already have similar rules.
Keep GoI away by self-regulating through an OTT industry association?
— Milind Deora | मिलिंद देवरा ☮️ (@milinddeora) January 18, 2021
यही नहीं कांग्रेस लीडर मिलिंद देवड़ा ने भी कुछ ऐसी ही राय व्यक्त की है। उन्होंने तांडव वेब सीरीज को लेकर सीधे तौर पर तो कुछ नहीं कहा है, लेकिन ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को लेकर नियमावली तैयार करने की बात जरूरत कही है। उन्होंने कहा कि हम सेंसर का समर्थन नहीं करते, लेकिन रेगुलेशन होना चाहिए। मिलिंद देवड़ा ने ट्वीट किया, ‘हालांकि मैं राजनीतिक सेंसरशिप के खिलाफ हूं, लेकिन एक सही व्यवस्था बनाए रखने के पक्ष में हूं। लेकिन टीवी ब्रॉडकास्टर्स की तरह ही नियमन की एक व्यवस्था जरूर बननी चाहिए। कई देशों में इस तरह का विचार किया जा रहा है या फिर ऐसी व्यवस्था बनाई गई है। इसका स्वनियंत्रण करते हुए ओटीटी इंडस्ट्री एसोसिएशन को भारत सरकार को इससे दूर रखना चाहिए?’ हालांकि बीजेपी लीडर्स का कहना है कि सरकार को ओटीपी प्लेटफॉर्म्स के कॉन्टेंट को लेकर व्य़वस्था तैयार करनी चाहिए।