#MeTooEffect बीजेपी के नेता एमजे अकबर ने विदेश राज्यमंत्री पद से दिया इस्तीफा !
#MeToo के लपेटे में आए एमजे अकबर ने विदेश राज्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. उनके ऊपर अब तक 20 महिला पत्रकारों ने #MeToo अभियान के तहत आरोप लगाए हैं. लेकिन एमजे अकबर के अलावा मीटू मूवमेंट के कठघरे में कई बड़े नाम घिरे हुए हैं, जिन्होंने आरोप लगने के बाद चुप्पी बनाए रखी है. अब इंतजार है इन आरोपियों की माफीनामे का.
अनुचित व्यवहार और यौनशोषण के आरोपों से घिरे केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री एम. जे. अकबर ने आखिरकार बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. अकबर पर 20 महिलाओं ने अनुचित व्यहार या यौनशोषण का आरोप लगाया था. इससे पहले रविवार को अपने आधिकारिक विदेश दौरे से वतन वापसी पर अकबर ने बयान जारी कर आरोपों पर अपना पक्ष रखा था. उन्होंने आरोपों को बेबुनियाद बताया था. अकबर ने आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दिल्ली की एक अदालत में मानहानि का केस भी किया है. रमानी ने अकबर के इस्तीफे पर खुशी जताई है. रमानी ने ट्वीट कर लिखा, ‘एक महिला होने के नाते मुझे एमजे अकबर के इस्तीफे से सुकून मिला है. मुझे उम्मीद है कि हमें अदालत में भी न्याय मिलेगा’
रविवार को स्वदेश लौटने के बाद अकबर ने अपने ऊपर लगे आरोप को पूरी तरह से झूठ करार दिया था और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पत्रकारों में से एक प्रिया रमानी के खिलाफ सोमवार को आपराधिक मानहानि का मुकदमा कर दिया था. हालांकि, रमानी के समर्थन में 20 महिला पत्रकार सामने आई गई हैं. ये सभी पत्रकार ‘द एशियन एज’ अखबार में काम कर चुकी हैं. अकबर की ओर से रमानी को मानहानि का नोटिस भेजे जाने पर इन महिला पत्रकारों ने एक संयुक्त बयान में रमानी का समर्थन करने की बात कही और अदालत से आग्रह किया कि अकबर के खिलाफ उन्हें भी सुना जाए.
अकबर ने बुधवार को मीडिया में बयान जारी कर अपने इस्तीफे की जानकारी दी. उन्होंने अपने बयान में कहा, ‘चूंकि मैंने इंसाफ के लिए व्यक्तिगत स्तर पर अदालत का दरवाजा खटखटाया है, इसलिए मुझे पद छोड़कर खुद पर लगे झूठे ओरोपों को चुनौती देना, वह भी व्यक्तिगत स्तर पर चुनौती देना उचित लगा. लिहाजा मैंने विदेश राज्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का दिल से आभारी हूं कि उन्होंने मुझे देश की सेवा करने का मौका दिया.’