ट्विटर ने भारत में 500 से ज्यादा अकाउंट किये सस्पेंड, लेकिन अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन जारी रखेंगे : ट्विटर
माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने बुधवार को कहा कि भारत सरकार द्वारा केवल भारत में ही कुछ आकउंट को बंद करने के निर्देश के तहत उसने कुछ अकाउंट पर रोक लगाई है। हालांकि, सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनीतिज्ञों एवं मीडिया के ट्विटर हैंडल को ब्लॉक नहीं किया है क्योंकि ऐसा करने से अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार का उल्लंघन होगा।
https://twitter.com/TwitterSafety/status/1359360244254605315
ट्विटर ने जोर देकर कहा कि वह अपने उपयोगकर्ताओं की अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करना जारी रखेगी और इसके लिए वह सक्रियता से भारतीय कानून के तहत विकल्पों पर विचार कर रही है जो ट्विटर एवं उपयोगकर्ताओं के खातों को प्रभावित करते हैं।
https://twitter.com/TwitterSafety/status/1359360254140555265
बता दें कि सरकार ने ट्विटर से ऐसे कई अकाउंट को बंद करने को कहा जिनसे कथित तौर पर देश में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर भ्रामक एवं भड़काऊ सूचनाएं साझा की जा रही हैं। सरकार ने आदेश का अनुपालन नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी है।
https://twitter.com/TwitterSafety/status/1359360250109861893
इस बारे में रुख स्पष्ट करने की मांग पर ट्विटर ने ब्लॉगपोस्ट में कहा कि नुकसानदेह सामग्री कम नजर आए इसके लिए उसने कदम उठाए हैं जिनमें ऐसे हैशटैग को ट्रेंड करने से रोकना एवं खोजने के दौरान इन्हें देखने की अनुशंसा नहीं करना शामिल है।
ट्विटर ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को भी इन उपायों को लागू करने की जानकारी दे दी है।
ट्विटर ने रेखांकित किया कि उसने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सभी आदेशों के तहत 500 से अधिक अकाउंट पर कार्रवाई की है। इनमें ट्विटर के नियमों का उल्लंघन करने पर अकाउंट को स्थायी रूप से बंद करने का कदम भी शामिल है।
सूत्रों ने बताया कि 257 ऐसे ट्विटर हैंडल्स हैं, जिन्होंने #ModiPlanningFarmerGenocide हैशटैग के साथ पोस्ट किया था, कुछ ही दिन पहले इनमें से 126 अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया गया है।
इसके अलावा 1,178 हैंडल्स पर सरकार को शक है कि वो खालिस्तानी, पाकिस्तानी तत्वों से जुड़े हुए हैं, जो गलत सूचना प्रसार करते हैं, ऐसे 583 अकाउंट्स को ब्लॉक कर दिया गया है। आईटी एक्ट की धारा 69A(3) के तहत ट्विटर के उच्च अधिकारियों को चेतावनी दी गई कि उन्हें सात साल की जेल हो सकती है।