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रिलेशनशिप में सबके साथ ऐसा होता है लेकिन कोई बताता नही है

 

प्यार,इश्क और मोहब्बत क्या है? कभी ना कभी ये सवाल हर किसी के मन में आता है कोई अपने दिल से पूछता है तो कोई किताबों, सोशल साइट में इन सवालों का जवाब ढूंढता है कई लोगों को आपने डॉयलॉग मारते भी सुना होगा प्यार के नाम पर तो कई इस मामले में शाहरुख खान और माधुरी दीक्षित की फिल्म ‘दिल तो पागल है’ की बात करते हैं जिसमें  माधुरी दीक्षित मोहब्बत को जिंदगी तो शाहरुख खान बकवास बताते हैं। माधुरी और शाहरूख की इन बातों से हम सभी कभी ना कभी सहमत होते हैं तो कभी खयाली बातों पर यकीन कर बैठते हैं।

हम सभी फिल्मों में हीरो हिरोइन को मिलते रोमांस करते और फिर बिछड़ते देखते हैं तो हमेशा ही हैपी एंडिग सोचते हैं और अमूमन होता भी ऐसा है हीरो हिरोइन मिले प्यार हुआ बिछड़ गए और फिर मिल गए शादी हो गई फिल्म खत्म लेकिन हकीकत में ऐसा नही होता रियल लाइफ रील लाइफ से काफी अलग होती है। यहां शादी के साथ ही हैपी एंडिंग शुरू नही होती बलकी यहीं से असली जिंदगी और प्यार का मतलब शुरू होता है। बेशक प्यार बेहद खूबसूरत एहसास होता है लेकिन इसके साथ ही इससे जुड़े कई कड़वे एहसास होते हैं। इन एहसासों से हर कोई गुज़रता है लेकिन इन्हें मानना कोई नही चाहता।

जब रोमांस पड़ने लगे फीका

घर में हम सभी पुरानी दिवारों पर नए रंग लगवाते हैं और दिवाली या खास मौकों पर घर को नया लुक भी देते हैं अब जब रंगों से घर की पुताई करते हैं तो रिश्तों में प्यार के नए रंगों की पुताई क्यों नही करते जैसे पौधे को हमेशा हरा भरा रखने के लिए हम समय-समय पर उसे पानी और खाद देते रहते हैं कुछ ऐसा ही रिश्तों के साथ भी होता है माना की हर रोज़ आप सरप्राइज़, महंगे तौफे नही दे सकते लेकिन जब भी वक्त मिले तो कुछ ना कुछ नया एक्सपेरिमेंट रिश्तों के साथ भी करते रहें और अपने खास को एहसास दिलाएं की वो आपके लिए कितने खास और मायने रखते हैं।

अपने रिश्तों की तुलना दूसरों से ना करें

हर किसी की पसंद और ना पसंद एक जैसी नही होती तो फिर सोच और समझ एक जैसे कैसे हो सकती है। अपने रिश्तों की तुलना दूसरों से कभी ना करें की उनका रिश्ता कैसा है और आपका रिश्ता कैसा है उनके पति या उनकी पत्नी ऐसी हैं वो ऐसे रहते हैं ऐसा करते हैं तो हम क्यों नहीं हर किसी के वक्त, हालात और पसंद ना पसंद अलग-अलग होती है।

रिश्तों में हमेशा हर पल बस प्यार ही हो ये जरूरी नही

आपने वो कहावत तो सुनी होगी की मोहब्बत का हर सफर सुहाना नही होता अब ये जरूरी तो नही की आपके रिश्ते में सिर्फ प्यार और खुशियां हीं हों अगर आपके पार्टनर या पति या पत्नी नें आपसे किसी बात पर नाराज़ होकर आपको कुछ बहुत कड़वा शब्द कह दिया या अक्सर आपके बीच किसी-किसी बात पर झगड़ा या मन मुटाव होता है तो इसका मतलब यह कतई नही है की आपका रिश्ता पहले जैसा नही रहा या इसमें प्यार नही रहा। कभी-कभी कुछ वक्त कि लिए किसी एक का शांत हो जाना और फिर दूसरे के शांत हो जाने पर उनसे बात करना भी समझदारी के साथ रिश्ता निभाने का एक सही और सबसे बेहतर तरीका है।

नाकामयाबी के लिए कभी एक दूसरे को जिम्मेदार ना ठहराएं

आमतौर पर अक्सर पार्टनर्स के बीच इस तरह की बातें होती हैं कि किसी एक का कोई काम खराब होता है तो उसका इलज़ाम वो दूसरे पर डाल देता है या अपने रिश्ते को जिम्मेदार ठहराता है अगर आपके साथ भी ऐसा हो तो ऐसा बिलकुल ना करें हालात को संभालने की कोशिश करें ना की बुरा मानकर गुस्से में कही गई बातों को दिल से लगाएं जब भी आपके पार्टनर का मूड थोड़ा शांत हो या गुस्सा कम हो तो आप साफ शब्दों में उन्हें समझाएं।

गलतियों की बजाय उनकी अच्छाइयों पर ध्यान दें

किसी के साथ रिश्ते में रहते-रहते उसकी अच्छाइयों के साथ उसकी बुराईयां भी हमारे सामने आती हैं लेकिन आप सिर्फ उनकी बुराइयों पर ध्यान लगाएं और गुस्से में उन्हें उनकी बुराइयों को ही गिनवाएं ऐसा ना करें जब भी आपको अपने पार्टनर की बुराइयां दिखाई दें और आपको गुस्सा आए तो आप अपना ध्यान उनकी अच्छाइयों पर लगाएं।

अपने पार्टनर की खुशी के लिए कभी-कभी दिखावा करना भी अच्छा है

आमतौर पर फिल्मों जब भी हीरो हिरोइन अकेले होते हैं तो उनके बीच रोमांस होता ही है लेकिन रियल लाइफ में भी हमेशा ऐसा हो ये जरूरी नही कभी -कभी ऐसा भी होता है जब आपका पार्टनर रोमांटिक होता है लेकिन आप रोमांस के मूड में बिलकुल नही होते ऐसे में अगर संभव हो तो दिखावा ही कर दें ऐसा करने से भी आपके रिश्ते को कई बार नयापन मिलता है।

अपने पार्टनर के सामने अपनी कमियों की वजह असहज ना हों

आमतौर पर हम अपनी कमजोरी किसी के सामने दिखाना नही चाहते ऐसे में अगर आपके पार्टनर को भी जब कभी आपकी कमजोरी या कमियों के बारे में पता चलता है तो आपको शर्मिंदगी होती है और कई बार आप झिझकते भी हैं अपनी कमजोरियों के बारे में उनसे बात करने में ऐसा ना करें आप दोनों एक दूसरे को उनकी खूबियों के साथ ही उनकी कमियों को भी अपनाते हैं प्यार एक ये भी सच्चा रंग है।

सिर्फ प्यार ही काफी नही

रिश्तों में हमेशा सिर्फ प्यार होना ही काफी नही है रिश्तों का एक कड़वा सच यह है की रिश्तों में प्यार के अलावा आपसी समझधारी, और एक दूसरे पर भरोसा होना भी जरूरी है।

इग्नोर करने की बजाय बिना झगड़े साफ बात करें

कई बार झगड़ा करने से बचने के लिए एक दूसरे को इग्नोर करना ही सबसे अच्छा उपाय लगता है लेकिन हमेशा ऐसा नही करना चाहिए क्योंकि ऐसे में एक दूसरे के लिए मन में कड़वाहट बैठ जाती है और फिर एक दम से अचानक ज्वालामुखी बनकर फट पड़ती है जिससे कई बार रिश्ते एक दम से टूट जाते हैं।

रियल लाइफ में नही होती हैप्पी एंडिंग

फिल्मों में ये डॉयलॉग सुनने में काफी अच्छा लगता है कि अगर आपका प्यार आपसे दूर जाना चाहे तो उसे जाने दो अगर वो लौट कर आए तो वो तुम्हारा है लेकिन रियल लाइफ में ऐसा नही है रियल लाइफ में कभी कभी ऐसा होता है कि आपकी नाराजगी इतनी बढ़ जाती है कि रिश्ता टूट जाता है और सब कुछ फिर से ठीक होने की बजाय अरेंज मैरेज हो जाती है।

रियल लाइफ में नही होता अनकंडिशनल लव

अनकंडिशनल लव की बातें केवल किताबों में ही अच्छी लगती हैं। रियल लाइफ में अनकंडिशनल लव जैसी कोई चीज़ नही होती रिश्तों में प्यार के साथ समझदारी भी होनी जरूरी है और इनके साथ उम्मीदें अपने आप ही जुड़ जातीं हैं।

सपनों की दुनिया में जीना छोड़ दें

सपनो का राजकुमार सपनों की राजकुमारी जैसी कहानियां सिर्फ किताबों और कहानियों में होती हैं। रियल लाइफ में जरूरी नही की आपने जैसे लाइफ पार्टनर की कल्पना सपने की है हकीकत में भी वैसा ही हो सपनों और हकीकत की दुनिया में फर्क होता है। अपने रिश्तों में जितना कम हो सके एक दूसरे से उतनी कम उम्मीद रखें।

 

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