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#MeToo पर जाने क्यों हो गयी है, सोनू निगम और सोना महा पात्रा में तू तू मैं मैं

सोना महापात्रा ने अनु मलिक का बचाव करने पर सोनू निगम की आलोचना की। सोना महापात्रा ने अनु मलिक को ‘सीरियल शिकारी’ कहा था. मीडिया के एक सम्मेलन में सोनू निगम ने कहा था कि बिना सबूत के अनु मलिक पर आरोप लगाया गया और उन्होंने मी टू आरोपों पर मर्यादित चुप्पी साधे रखी.

सोनू निगम ने कहा था, “अगर मैं कहूं कि आपने मेरे साथ बदतमीजी की तो आप कहेंगे की सबूत दिखाओ? लेकिन सबूत तो नहीं है ना. इसके बाद भी लोग आरोप लगाने वालों को सम्मान दे रहे हैं जो अनु मलिक को बदनाम कर रहे हैं. और, आप उनको बैन कैसे कर सकते हैं? किसी की रोजी रोटी को कैसे छीन सकते हैं आप? उनकी फैमिली को क्यों टार्चर करेंगे आप?”

सोना महापात्रा, श्वेता पंडिता और दो अन्य उभरती गायिकाओं ने अक्टूबर में सोनू निगम के लंबे समय से मित्र रहे अनु मलिक पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था जब मी टू आंदोलन तेजी पकड़ रहा था।अनु मलिक पर ‘सीरियल शिकारी’ का आरोप लगा चुकीं सोना महापात्रा ने बुधवार को ट्वीट किया.

https://twitter.com/sonamohapatra/status/1075655527663878146

“एक करोड़पति का काम चला गया तो इतनी सहानुभूति? इतनी सहानुभूति उसके परिवार के ‘उत्पीड़न’ के प्रति जिसके पास ढेरों विशेषाधिकार हैं? उन तमाम लड़कियों और महिलाओं का क्या जिनका उसने उत्पीड़न किया? इतनी सारी लड़कियों की गवाही क्या उसके अपराध को साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं? अकेल मैं नहीं, कोई सौ महिलाएं और पुरुष अनु मलिक के निंदनीय व्यवहार की गवाही दे सकते हैं.”

https://www.facebook.com/SonuNigamSpace/posts/10156747870696341?__tn__=K-R

इसके बाद सोनू ने फेसबुक पर लिखा, “ट्विटर पर सम्मानित महिला जो ट्विटर पर उलटी कर रही है, किसी ऐसे शख्स की पत्नी है जिसे मैं अपना बेहद करीबी मानता हूं, भले ही वह रिश्ते को भूल गई हैं, मैं मर्यादा बनाए रखना चाहता हूं.”

उन्होंने कहा, “कोई जानवर ही होगा, जो मीटू मूवमेंट (यौन शोषण के खिलाफ अभियान) का सर्पोट नहीं करता होगा.”

इतिहास में लंबे समय से महिलाएं उत्पीड़न का शिकार रही हैं. समय बिलकुल आ गया है कि उनसे संपत्ति और ट्राफी की तरह व्यवहार बंद किया जाए. अब वे पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चलती हैं.”

उन्होंने कहा, “तो, आरोप लगाना सही है..लेकिन सजा देना? यह कैसे सही हुआ? सजा देना तो कानून का काम है.”

उन्होंने कहा, हर मुद्दे पर हमेशा के लिए झगड़ने की जरूरत नहीं है. सकारात्मक पक्ष को देखो. पुरुषों ने अब महिलाओं के साथ ‘व्यवहार’ करना सीखा है. कुछ मजबूत महिलाओं के बलिदान ने जादू किया है और यह वर्तमान और भविष्य में शांतिपूर्ण और सुरक्षित कार्य वातावरण के लिए मार्ग प्रशस्त करता है.”

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