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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग फैसला करे कि फिल्म रिलीज होने से आचार संहिता का उल्लंघन होगा या नहीं

लंबे समय से विवादों में घिरी पीएम नरेंद्र मोदी की बायोपिक के निर्माताओं के लिए राहत भरी खबर है. कंटेंट को लेकर विवाद के चलते मूवी की रिलीज पर रोक लगाने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी. मंगलवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने रिलीज पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. हालांकि फिल्म की रिलीज पर सस्पेंस बरकरार है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “अभी तक मूवी को सेंसर बोर्ड से सर्टिफेकेशन नहीं मिला है. ऐसे में फिल्म से जुड़े मामले में हस्तक्षेप करना जल्दबादी होगा.”

 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “अगर पीएम नरेंद्र मोदी 11 अप्रैल को रिलीज होती है, तो इस संदर्भ में क्या करना है इसका फैसला चुनाव आयोग करेगा. चुनाव आयोग इस बात का निर्णय लेगा कि पीएम नरेंद्र मोदी किसी तरह की आचार संहिता का उल्लंघन तो नहीं कर रही.” सुनवाई के दौरान कोर्ट में कांग्रेस नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने फिल्म से जुड़े आचार्य मनीष कुमार, संदीप सिंह, सुरेश ओबेरॉय और विवेक ओबेरॉय के बीजेपी, केंद्र और गुजरात सरकार के साथ रिश्तों की बात कही.

रिलीज पर बरकरार है सस्पेंस

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि 2 मिनट का ट्रेलर हमारे सामने दिखाने की अपील याचिकाकर्ता ने की जो हमने मना कर दिया. अब पीएम मोदी की बायोपिक 11 अप्रैल को रिलीज होती है या नहीं इसपर सस्पेंस बरकरार है. दिल्ली, बॉम्बे हाईकोर्ट और चुनाव आयोग को फिल्म की रिलीज से कोई आपत्ति नहीं है.

https://twitter.com/ModiTheFilm2019/status/1114165468762259456

 

बता दें कि पहले पीएम नरेंद्र मोदी की रिलीज डेट दो बार टल चुकी है. पहले फिल्म 12 अप्रैल को रिलीज हो रही थी. लेकिन बाद में इसे बदलकर 5 अप्रैल किया गया. लेकिन रिलीज से 2 दिन पहले मेकर्स ने इसे बदलकर 11 अप्रैल कर दिया है. फिल्म के लोकसभा चुनाव के मौके पर रिलीज होने से राजनीतिक पार्टियां विरोध में हैं. उनके अनुसार, फिल्म पीएम मोदी का महिमामंडन करती है. ऐसे में ये मूवी मतदाताओं को प्रभावित कर सकती है.

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