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बेहतरीन बायोपिक फिल्म है पूर्णां , एक बार अपने बच्चों के साथ जरूर देखें फिल्म

शुक्रवार 31 मार्च यानी आज एक साथ दो फिल्में रिलीज़  हुई हैं पूर्णां और नाम शबाना दोनों ही फिल्में महिला प्रधान है। एक तरफ तापसी पन्नू अक्षय कुमार जैसे बड़े सितारों की फिल्म है नाम शबाना और दूसरी तरफ तेलांगाना की 13 साल  की बच्ची पूर्णां मालावत की जिंदगी पर बनी कहानी है पूर्णां ।  बायोपिक पूर्णा , 1 घंटे 45 मिनट की इस फिल्म में एक साथ कई भावनाएं हैं जो आपकी उत्सुकता बनाए रखेंगी ।

पूर्णां फिल्म की कहानी :

पूर्णां बायोपिक कहानी उस लड़की की जिंदगी पर बनी है जिसनें महज़ 13 साल की उम्र में माउंट एवरेस्ट की सबसे उंची चोटी पर पहुंच कर तिरंगा लहराया था । देश को गौरवांनवित किया था । हिंदी सिनेमा में कई ऐसी मशहूर हस्तियां हैं जिनकी  जिंदगी पर बायोपिक बनी है लेकिन इसे देश का दुर्भाग्य  ही कहा जा सकता है की ऐसी कुछ ही कहानियां जिन पर प्रकाश डाला जाता है और फिल्मों के माध्यम से हकीकत सामने आती है ।

 

तेंलगाना के एक छोटे से गांव में रहने वाली पूर्णां मालावत की कहानी आम मध्यम वर्गीय परिवार की एक आम लड़की की कहानी है जिसके परिवार के पास इतने पैसे नही होते की वो पूर्णां को प्राइवेट स्कूल में दाखिला दिला सके पूर्णां अपनी चचेरी बहन के साथ सरकारी स्कूल में पढ़ाई करती हैं और एक दिन अचानक से स्कूल से भाग जाती है ।

 

पूर्णां के स्कूल से भाग जाने के साथ ही कहानी में नए टर्निंग प्वाइंट शुरू होते हैं फिल्म निर्देशक राहुल बोस नें अपनी दूसरी फिल्म में बेहतरीन निर्देशन का परिचय दिया है । पूर्णां कैसे स्कूल के एक टूर का हिस्सा बनती हैं और कैसे तेलंगना के एक छोटे से गांव से हिमालय के शिखर पर भारत का तिरंगा लहराती हैं ये पूरी कहानी जानने के लिए एक बार पूर्णां जरूर देखें ।

 

फिल्म के कलाकार : फिल्म में अदिति इमानदार नें पूर्णां का किरदार निभाया है आपको बता दें की इस एक किरदार के लिए तकरीबन 500 लोगों नें ऑडिशन दिए थे ।

गाने : फिल्म के सभी गाने बखूबी कहानी को खूबसूरती के साथ बयां करते हैं वहीं कई भावुक सीन भी हैं जिन्हें देखकर कई बार आंखे नम हो जाती हैं ।

बहरहाल भले ही ये फिल्म छोटे बजट की है लेकिन बावजूद इसके बेहद इमोशन और बेहतरीन है । एक बार आप इस फिल्म को जरूर देखें और अपने बच्चों को भी जरूर दिखाए ।

 

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