health

नियम तोड़ने के मामले में हम इंडियंस का नहीं है कोई मुकाबला, आपको सोचने पर मजबूर कर देगी ये तस्वीरें

हम इंडियंस बाकि दुनिया से पूरी तरह अलग है, जहाँ हमारे बहुत साड़ी विशेषता है जिसके लिए हमें पूरी दुनिया में इज्जत और समान मिला है. वहीँ   ये एक कड़वा सच भी है की हम में आज भी कई कमियां है जिसकी हमें खबर भी है मगर आदतन हम उसे दोह राते रहते हैं या फिर हम अगर  ऐसा कुछ करते नही तो हम किसी को रोकते भी नही हगे

हम आपको कुछ ऐसी तस्वीरें दिखाने वाले हैं जिन्हें देख कर आप को हसी भी आएगी और  गुस्सा भी  और आप सोचने पर मजबूर हो जायेंगे की क्या सच में हम ऐसे ही हैं ?

इंडिया में पार्किंग एक बहुत बड़ी समस्या है,  और कई इंडियंस  को ‘नो पार्किंग’ में गाड़ी पार्क करने में सबसे ज्यादा मजा आता है.वो ‘पार्किंग’ का बोर्ड नहीं बल्कि ‘नो पार्किंग’ का बोर्ड देखकर खुश हो जाते हैं

पार्किंग से जुडी हुई एक और बड़ी समस्या है ट्राफिक की अब  इन महाशय को देखिये, कितनी आसानी से ट्रैफिक रूल्स की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं. ये पूरी दुनिया में सिर्फ हम ही और हमारे लोग ही  कर सकते हैं.

ये आदमी अकेला नही है ऐसा आपको अक्सर कहीं भी दिख जाता होगा.

इंडिया में रूल ब्रेक करने में सिर्फ पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी किसी से कम नहीं हैं.

ये महाशय पुलिस के सामने ही कनपटी पर मोबाइल लगाकर चला रहे हैं। इसे कहते हैं ‘डेयरिंगबाज’

ट्रेफिक रूल्स के मामले में इस तस्वीर को देखकर आप खुद ही अंदाजा लगा लीजिये कि कौन ज्यादा समझदार है? ऑटो चलाने वाला इंसान या रूल्स फॉलो कर रही गाय?

ये कहानी तो हर शहर गली, मोहल्ले और गाँव गाँव की है. जहाँ पेशाब करने के लिए मना किया जाता है, वहीं पेशाब करने में कुछ लोगों को सबसे ज्यादा सुकून मिलता है.

इस दूसरी तस्वीर के बारे में हमारे [पास कोई शब्द नही थे तो हमने  फोटो में ही लिख दिया है.

‘पेशाब’ जैसा हाल ही ‘थूकने’ का भी है। गुटखा और पान चबाने वालों को जब ऐसे बोर्ड्स और नोटिस नजर आते हैं तो उनके मुंह में अपने आप थूक बनने लगता है.

महिलाओं के लिए बनाए गए इस स्पेशल डिब्बे में सिर्फ महिलाएं ही नजर नहीं आ रही हैं

महिलाओं के लिए चलाई जा रही इस बस में भी कहीं भी कोई महिला नजर नहीं आ रही

यहाँ पर तस्वीरे खींचना मना है ऐसा आपने कई जगह लिखा हुआ पढ़ा जरुर होगा मगर फिर भी हम नही मानते हैं.

 

 

रूल्स तोड़ने में सिर्फ आम आदमी ही नहीं बल्कि हमारे नेता भी कम नहीं हैं. ये सिलसिला कितना पुराना है, आप ये तस्वीर देखकर समझ ही गए होंगे.

इस तस्वीर के बारे हम कुछ नही कहेंगे, बाकी आप समझ दार है आप समझ ही गये होंगे की हम क्या कहना चाहते हैं.

Related Articles

Back to top button