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#MeToo की तरह बना #MenToo : अब पुरुष भी करेंगे अपने सेक्सुअल हैरासमेंट का ‘खुलासा’

#MeToo की तर्ज पर 15 लोगों के एक ग्रुप ने #MenToo आंदोलन की शुरुआत करते हुए पुरुषों से कहा कि वे महिलाओं के हाथों अपने सेक्सुअल हैरासमेंट के बारे में खुलकर बोलें. इन लोगों में फ्रांस के एक पूर्व राजनयिक भी शामिल हैं जिन्हें 2017 में सेक्सुअल हैरासमेंट के एक मामले में अदालत ने बरी कर दिया था. मैन टू आंदोलन की शुरुआत शनिवार को गैर सरकारी संगठन चिल्ड्रंस राइट्स इनिशिएटिव फॉर शेयर्ड पेरेंटिंग (क्रिस्प) ने की.

क्रिस्प के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुमार वी ने कहा कि समूह लैंगिक तटस्थ कानूनों के लिए लड़ेगा. उन्होंने मांग की कि मी टू अभियान के तहत झूठे मामले दायर करने वालों को सजा मिलनी चाहिए. यह उल्लेख करते हुए कि मी टू एक अच्छा आंदोलन है, उन्होंने हालांकि कहा कि झूठे आरोप लगाकर किसी को फंसाने के लिए इसका दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘इस आंदोलन का परिणाम समाज में बड़ी मेहनत से अर्जित लोगों के सम्मान को धूमिल करने के रूप में निकला है.’’

इस अवसर पर फ्रांस के पूर्व राजनयिक पास्कल मजूरियर भी मौजूद थे जिन पर अपनी बेटी के सेक्सुअल हैरासमेंट का आरोप लगा था, लेकिन 2017 में अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था. उन्होंने कहा कि ‘मैन टू’ आंदोलन ‘मी टू’ का जवाब देने के लिए नहीं है, बल्कि यह पुरुषों की समस्याओं का समाधान करेगा जो महिलाओं के अत्याचारों के खिलाफ नहीं बोलते हैं.

पास्कल ने कहा, ‘‘पुरुषों के पास असली दुख है…वे भी पीड़ित हैं, लेकिन वे महिलाओं और अपने दुराचारियों के खिलाफ खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि हम महिलाओं की सुरक्षा के लिए कानून बनाते हैं. यह अच्छा है, लेकिन हमें नहीं भूलना चाहिए कि मानवता का आधा हिस्सा पुरुष हैं.

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