हेमा मालनी ने कहा ‘धरना दे रहे किसानों को नहीं पता कानून में समस्या, किसी के कहने पर बैठे’ कुमार विश्वास का तंज चाकू की पसलियों से गुज़ारिश तो देखिये…!’
कृषि कानून के मसले पर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच तकरार अभी खत्म नहीं हुई है. सुप्रीम कोर्ट के रास्ते विवाद खत्म होने की उम्मीद है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी की सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री हेमा मालिनी ने धरने पर बैठे किसानों को लेकर सवाल खड़ा कर दिया है. हेमा मालिनी का कहना है कि जो किसान धरने पर बैठे हैं, उन्हें कानून में समस्या ही नहीं पता है.
They (agitating farmers) do not even know what they want and what is the problem with the farm laws, which shows that they are doing this because someone asked them to do it: Hema Malini, BJP MP from Mathura (12.01.2021) pic.twitter.com/TvMluuIWGk
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 13, 2021
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, हेमा मालिनी ने बयान दिया कि धरने पर बैठे किसानों को ये भी नहीं पता है कि उन्हें क्या चाहिए और कृषि कानूनों के साथ असली दिक्कत क्या है. इससे ये साफ होता है कि उन्हें किसी ने कहा और वो लोग धरने पर बैठ गए हैं.
उनकी अपील है कि उन्हें हम मदद करें,
चाकू की पसलियों से गुज़ारिश तो देखिये..! https://t.co/mXvLO5bnfL— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) January 13, 2021
किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी सांसद और एक्ट्रेस हेमा मालिनी के एक बयान पर कवि कुमार विश्वास ने शायराना अंदाज में तंज कसा है। कुमार विश्वास ने ट्विटर पर हेमा मालिनी की ओर से दिए बयान को रीट्वीट करते हुए तंज कसा है, ‘उनकी अपील है कि उन्हें हम मदद करें, चाकू की पसलियों से गुज़ारिश तो देखिये…!’ दरअसल हेमा मालिनी ने किसान आंदोलन को लेकर कहा था कि इस प्रदर्शन में शामिल तमाम लोगों को पता भी नहीं है कि उन्हें कृषि कानूनों के किन प्रावधानों से आपत्ति है। हेमा मालिनी ने कहा था, ‘वह यह भी नहीं जानते हैं कि आखिर किसान बिलों को लेकल उनकी समस्या क्या है। इससे पता चलता है कि वे लोग आंदोलन इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उन्हें इसके लिए कहा गया है।’
हेमा मालिनी पर उनके तंज को लेकर ट्विटर यूजर्स भी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। एक तरफ कुछ लोगों ने कुमार विश्वास की सराहना की है तो कई लोगों ने हेमा मालिनी के बयान को सही करार देते हुए लिखा है कि तमाम प्रदर्शनकारियों को यह मालूम ही नहीं है कि बिल के किस प्रावधान से उन्हें आपत्ति है।