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NDTV की पूर्व पत्रकार निधि राजदान हुईं “फर्जीवाड़े की शिकार”, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के नाम पर धोखा हुआ

एनडीटीवी की पूर्व पत्रकार निधि राज़दान ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है कि उनके साथ एक ऑनलाइन धोखा हुआ है जिसके तहत उन्हें हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर की नौकरी की पेशकश की गई थी.

उन्होंने ट्वीट में लिखा है, “मैं एक बहुत बड़े फिशिंग हमले का शिकार हुई हूँ.”

उन्होंने इसके साथ ही ट्विटर पर अपने एक बयान की प्रति शेयर की है और लिखा है कि ”अब मैं सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं शेयर करूंगी.”

 

 

निधि राजदान (Nidhi Razdan) ने ट्विटर पर अपने बयान में कहा, मुझे यह यकीन दिलाया गया था कि वह सितंबर में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अध्यापन कार्य शुरू करने वाली हैं. लेकिन जब वह अपनी नई जॉब के लिए तैयारी भी कर रही थीं तो उन्हें बताया गया कि कोरोना की महामारी के कारण कक्षाएं जनवरी में शुरू होंगी. निधि राजदान का कहना है कि हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पत्रकारिता की पढ़ाई करने के ऑफर में हो रही देरी को लेकर कुछ गड़बड़ी का आभास उन्हें हो गया था, लेकिन उन्हें बताया गया था कि प्रशासनिक विसंगतियों के कारण ऐसी देरी हो रही है.

राजदान ने कहा, पहले मैंने इन विसंगतियों को यह कहकर टाल दिया कि महामारी के असर के कारण ऐसा हो रहा है. लेकिन हाल ही में उनके समक्ष जो रिप्रंजेंटेशन दिया गया था, वह और भी बेचैन करने वाला था. नतीजा यह हुआ कि उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क साधा. उनके अनुरोध पर राजदान ने जॉब को लेकर पहले हुए संवाद का ब्योरा उन्हें दिया, जिसे उन्हें यही समझा था कि वे आधिकारिक तौर पर यूनिवर्सिटी (Harvard University) के द्वारा भेजे गए हैं.

 

उन्होंने लिखा है, “यूनिवर्सिटी की ओर से मिली जानकारी के आधार पर मुझे यह पता चला कि मैं एक सुव्यवस्थित तरीके से किए गए फिशिंग हमले का शिकार हुई हूँ. वास्तव में मुझे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से पत्रकारिता के एसोसिएट प्रोफेसर की नौकरी की पेशकश नहीं हुई थी. मेरे साथ हुए इस फिशिंग हमले में साजिशकर्ताओं ने मेरे व्यक्तिगत डाटा, कम्यूनिकेशन, डिवाइस और सोशल मीडिया अकाउंट तक पहुँचकर उससे हासिल जानकारियों का इस्तेमाल किया है.”

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