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पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू की किसान नेताओं को धमकी, ‘मैंने तुम्हारी पोल खोल दी तो भाग भी नहीं पाओगे’

दिल्ली में 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के दिन किसान ट्रैक्टर रैली हुई हिंसा के बाद पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू काफी चर्चा में हैं। दिल्ली पुलिस ने लाल किले पर हुई हिंसा के लिए दीप सिद्धू और गैंगस्टर से सामाजिक कार्यकर्ता बने लक्खा सिधाना पर प्राथमिकी दर्ज किए हैं। दीप सिद्धू (Deep Sidhu) पर किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा और लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज लहराये जाने का आरोप है। किसान नेताओं ने भी हिंसा के लिए अभिनेता को जिम्मेदार कहा है। दावा किया जा रहा है कि आरोपी दीप सिद्धू फिलहाल गायब है। दिल्ली पुलिस उनकी तलाश में है। अपने ऊपर लगे सारे आरोपों पर अब दीप सिद्धू ने फेसबुक पर एक वीडियो जारी कर सफाई दी है। बुधवार (27 जनवरी) की देर रात दीप सिद्धू ने अपने फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट किया है। इस वीडियो में दीप सिद्धू ने खुद को निर्दोष बताया है।

 

https://www.facebook.com/imdeepsidhu%20/videos/328497898423678

फेसबुक लाइव में दीप सिद्धू ने दावा किया है कि लाल किला पर उनके पहुंचने से पहले ही लाल किला का गेट टूट गया था। उन्होंने वीडियो में किसानों को कथित तौर पर धमकी देते हुए कहा, ‘तुमने (किसान नेताओं) मुझे गद्दार का सर्टिफिकेट दिया है, अगर मैंने तुम्हारी परतें खोलनी शुरू कर दीं तो तुम्हें दिल्ली से भागने का रास्ता नहीं मिलेगा।’ दीप सिद्धू इस वीडियो में पंजाबी बोल रहे हैं।

वीडियो की शरुआत में दीप सिद्धू कहते है- बहुत दिनों से मैं बहुत कुछ सुन रहा हूं, देख रहा हूं, बहुत ही नफरत फैलाई जा रही है मेरे खिलाफ। लेकिन मैं ये सबकुछ बर्दाश्त कर रहा हूं ताकि किसानों की ये लड़ाई को कोई नुकसान नहीं पहुंचे। लेकिन अब जिस पड़ाव पर हम आ गए हैं, हमें कुछ बातें करनी जरूरी है। – दीप सिद्धू ने कहा, ”25 तारीख की रात को पंजाब से आए नौजवानों ने मंच गुस्सा दिखाया था, उन्होंने कहा था कि जब हम दिल्ली आ गए तो आप (किसान नेता) हमें सरकार की ओर से तय किए गए रूट पर जाने के लिए क्यों कह रहे हैं, हमें ये मंजूर नहीं है।” दीप सिद्धू ने कहा, ”उस दौरान मंच पर हालात ऐसे बन गए थे की अगुवाई कर रहे किसान नेताओं ने वहां से किनारा कर दिया। जिसके बाद मुझे मंच पर बुलाया गया, मैंने तो वहां जाकर किसान नेताओं द्वारा कही गई बात को सही बताया और कहा कि किसान नेता बुजुर्ग हैं। वे बहुत परेशान हैं, इसलिए हमें समझना पड़ेगा। इसलिए मैं कह रहा हूं कि उस रात का मेरा भाषण नहीं देखना चाहिए।

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