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जाने शिव रात्रि के दिन भांग क्यों पिया जाता है

महाशिवरात्रि हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण पर्व है। हमारे समाज में अधिकतर हिंदूभगवान शिव के उपासक हैं, इसलिए वे महाशिवरात्रिपर्व को काफी उत्साह के साथ मनाते हैं। तमाम भक्त शिवरात्रि के दिन भोले बाबा को खुश करने के लिए भांग का सेवन भी करत है। आप में से कई लोग यह सोच रहे होंगे कि भगवान भोलेनाथ आखिर भांग क्यों पीते है और उन्हे भांग इतनी क्यों पसंद है। जबकि भांग एक नशीला पदार्थ है।

ऐसी मान्‍यता है कि भगवान शिव को भांग और धतूरा बहुत पसंद है. पौराणिक कथाओं में भी इस बात को कहा गया है कि भगवान शिव भांग का सेवन किया करते थे. लेकिन शिव भांग क्यों पीते थे? इसके पीछे कई कथाएं और मान्‍यताएं हैं. आप भी जानिए इन्‍हें…

– ऐसा कहा जाता है कि भवगान शिव हमेशा ध्‍यान में रहते हैं. जानकार कहते हैं कि चूंकि भांग ध्यान केंद्रित करने में मदद करती है, इसलिए वो परमानंद में रहते थे और कभी भी ध्यान लगा सकते थे.

– वेदों की मानें तो समुद्र मंथन से एक बूंद निकलकर मद्र पर्वत पर गिरी, जिससे एक पौधा उगा. इस पौधे का रस देवताओं को खूब पसंद आया. बाद में भगवान शिव इसे हिमालय ले आये ताकि हर कोई इसका सेवन करे.

– पुराणों में कहा गया है कि समुद्र मंथन के समय जो विष निकला था, उसे भगवान शिव ने निगला नहीं बल्कि कंठ में रख दिया था. ये विष इतना गर्म था कि इससे शिव को गर्मी लगने लगी और वे कैलाश पर्वत चले गए. विष की गर्मी को कम करने के लिए भगवान शिव ने भांग का सेवन किया था.चूंकि भांग को ठंडा माना जाता है इसलिए उन्‍हें इससे आराम मिला था.

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