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इस राइटर का दावा: ‘राम नहीं थे भगवान, कमजोरियों के थे शिकार’, BJP बोली- जेल भेजो या मेंटल अस्पताल

लेखक के. एस. भगवान की किताब में भगवान राम का जिक्र करने पर विवाद पैदा हो गया है. लेखक के खिलाफ उनकी किताब में भगवान राम और महात्मा गांधी का कथित तौर पर अपमान करने का मामला दर्ज किया गया है. पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि आईपीसी की धारा 295ए के तहत मामला दर्ज किया गया है. कन्नड़ भाषा में लिखी इस किताब में दावा किया गया है कि राम कोई भगवान नहीं थे और वह अन्य मनुष्यों की तरह कमजोरियों के शिकार थे. पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिंदू जागरण वेदिके मैसुरु के जिला अध्यक्ष के जगदीश हेब्बार ने भगवान राम और गांधी का अपनी किताब में कथित तौर पर अपमानजक जिक्र करने के लिए लेखक भगवान के खिलाफ शनिवार को शिकायत दर्ज कराई थी.

कन्नड़ में लिखी गई ‘राम मंदिरा येके बेदा (क्यों राम मंदिर की नहीं है जरूरत) में यह दावा किया है. दक्षिणपंथी संगठनों ने शुक्रवार को लेखक के खिलाफ प्रदर्शन भी किया. लेखक पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने अपनी किताब में भगवान राम का अपमान किया है.

लेखक ने भगवत गीता के कुछ संदर्भों का जिक्र किया है, जिन्हें दक्षिणपंथी समूहों ने ‘अपमानजक’ बताया है. साथ ही आरोप लगाया है कि उन्होंने अपनी किताब में भगवान राम के चरित्र को निंदात्मक तरीके से पेश किया है. हालांकि, लेखक ने इसका बचाव किया है. उन्होंने कहा कि मेरी किताब वाल्मीकि की रामायण पर आधारित है. शुक्रवार को हिन्दूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने लेखक के घर के आगे प्रदर्शन किया और उनकी गिरफ्तारी की मांग की.

भाजपा की कर्नाटक यूनिट ने इस मसले पर चुप्पी साधे रखने पर राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी पर निशाना साधा है और लेख को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की है. राज्य के वरिष्ठ भाजपा नेता और विधायक एस सुरेश कुमार ने फेसबुक पोस्ट में कहा कि राज्य सरकार के पास दो विकल्प हैं. सरकार लेखक को जेल भेजे या फिर मेंटल अस्पताल.

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