Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the jannah domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/Filmymantra.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the jannah domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/Filmymantra.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/Filmymantra.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114
हाई कोर्ट का सरकार को नोटिस, वेब शोज के लिए भी बने सेंसर बोर्ड कमेटी
Hindi

बॉम्बे हाई कोर्ट का सरकार को नोटिस, वेब शोज के लिए भी बने सेंसर बोर्ड कमेटी

वेब प्लेटफॉर्म पिछले कुछ समय से भारत में मनोरंजन का एक बड़ा माध्यम बनकर उभरा है. इस प्लेटफॉर्म से फिल्म निर्देशकों को फिल्में बनाने में छूट मिली है. वे किसी भी विषयों पर बेहिचक फिल्में और वेब सीरीज बना रहे हैं जिन्हें दर्शकों द्वारा खूब पसंद भी किया जा रहा है. इसमें सेंसर बोर्ड की कोई दखलअंदाजी ना होने के कारण कंटेंट और सीन्स में वल्गेरिटी भी भारी मात्रा में परोसी जा रही है. इस संदर्भ में बॉम्बे हाई कोर्ट ने सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय को एक नोटिस जारी किया है और रेगुलेटरी बॉडी बनाने की मांग की है.

 

दिव्या गणेशप्रसाद गोनटिया ने सार्वजनिक हित में मुकदमा दायर किया. भूषण धर्माधिकारी और एम जी बिरादकर की न्यायपीठ ने सूचना एंव प्रसारण मंत्री, कानून मंत्रालय और मिनिस्ट्री ऑप होम अफेयर्स को एक नोटिस जारी की है. उनकी मांग है कि- ”सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को एक प्री-स्क्रीनिंग कमेटी का गठन करना चाहिए. जिसकी देख-रेख के बाद ही किसी फिल्म या सीरीज को दर्शकों के लिए परोसा जाए.”

 

पिटीशनर के वकील श्याम दिवानी ने कहा- ”हमने कोर्ट के सामने ऐसे कई सारे उदाहरण पेश किए जिसमें असभ्य भाषण और अभद्र सीन फिल्माए गए हैं. हमने वेब पर फिल्में और सीरीज बनाने वाले सभी फिल्मकारों और प्रोड्यूसरों पर उचित एक्शन लेने की मांग की. इंडियन पीनल कोर्ट के सिनेमेटोग्राफ और महिलाओं के अभद्र प्रस्तुतिकरण एक्ट 1986 के तहत ये एक संज्ञेय अपराध है.”

हाल ही में देखा गया कि सेक्रेड गेम्स जैसी वेब सीरीज और लस्ट स्टोरीज जैसी फिल्मों में समाज के मापदंडों के मद्देनजर कई आपत्तिजनक सीन्स दिखाए गए और उनकी भाषाओं में भी गालियों का जमकर प्रयोग किया गया. बता दें कि भारत में कई सारे ऐसे फिल्मकार हैं जिनकी फिल्मों को लेकर सेंसर बोर्ड से हमेशा बहस रहती है. उनके लिए वेब प्लेटफॉर्म एक बड़ा माध्यम साबित हुआ है और उन्हें अब अपने तरीके से फिल्म बनाने की खुली आजादी है.

Related Articles

Back to top button