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बॉलीवुड फिल्मों को बैन करने के लिए पाकिस्तान के पास हैं इतने बहाने, 5 नंबर तो है सबसे गज़ब !

बॉलीवुड फिल्मों के लिए पाकिस्तान बढ़िया बाजार समझा जाता है। इसलिए जब पाकिस्तान में किसी बॉलीवुड फिल्म को बैन किया जाता है तो खबर सुर्खियां बन जाती है। पिछले कुछ सालों से बॉलीवुड फिल्मों के लिए पाकिस्तान की संवेदनशीलता कुछ अधिक ही बढ़ती दिखी। पाकिस्तान में हिंदी फिल्मों को बैन करने की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। लेकिन कुछ फिल्मों को पाकिस्तान में बैन करना ना सिर्फ चौंकाने वाला होता है बल्कि वहां के हुक्मरानों के पिछड़े सोच को भी दर्शाने का काम करता है।

मेघना गुलजार की फिल्म ‘राज़ी’ जिसमें आलिया भट्ट ने मुख्य किरदार निभाया है इस फिल्म को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया। इस फिल्म को बैन करने के पीछे इसकी कहानी बताई गई। इस फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह एक कश्मीरी लड़की भारत-पाक युद्ध के दौरान 1971 में जासूसी के लिए पाकिस्तान भेजी जाती है।बॉलीवुड फिल्मों को बैनइससे पहले बॉलीवुड की फिल्म ‘अय्यारी’ को भी पाकिस्तान में बैन किया गया था। इस फिल्म में भारतीय सेना को पृष्ठभूमि के तौर पर दिखाया गया है। ‘अय्यारी’ में मुख्य किरदार में नजर आने वाले मिलिट्री इंटेलिजेंस के दोनों अफसर हैं। लेकिन पाकिस्तान से इस फिल्म की कहानी का कोई लेना-देना नहीं है। बल्कि इसमें भारतीय राजनीतिक सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार को दर्शाया गया है। पाकिस्तान को लेकर किसी भी तरह की कोई टिप्पणी नहीं की गई है बावजूद इसके इस फिल्म को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया।

1. छवि के नाम पर बैनबॉलीवुड फिल्मों को बैनजहां कहीं से भी आतंकवाद का जिक्र होता है पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड के कान खड़े हो जाया करते हैं और फिल्म को बैन करने की पूरी कोशिश शुरू हो जाती है। फिल्म ‘नाम शबाना’ जो कि साल 2017 में आई थी इसके कुछ दृश्य पर कैंची चलाने के बाद इसे रिलीज करने की अनुमति तो मिली लेकिन इस्लामाबाद का एक सिनेमाघर था जहां इस फिल्म को बिना किसी एडिटिंग के ही रिलीज कर दिया गया था। इसके बाद पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड ने इसे पूरे पाकिस्तान में बैन कर दिया था। तो वहीं फिल्म ‘बेबी’ जो कि साल 2015 में आई थी उसे भी पाकिस्तान में बैन होना पड़ा था। इस फिल्म में आतंकवादी सरगना को भारतीय एजेंटों द्वारा पकड़ कर लाए जाने की कहानी दिखाई गई थी। ये फिल्म पाकिस्तान को आईना दिखाने का काम करती है। इसी वजह से इस फिल्म को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया।

पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड का मानना था कि ये फिल्म मुसलमानों के नकारात्मक छवि को दिखाने का काम करती है इसकी वजह से समाज में ऐसा संदेश पहुंचता है जैसे सभी मुसलमान आतंकवादी ही होते हैं। फिल्म एजेंट विनोद जो कि साल 2012 में आई थी सैफ अली खान स्टार और ग़ज़ल पाकिस्तान में बैन कर दी गई क्योंकि इस फिल्म में पाकिस्तान के उच्चाधिकारियों को तालिबान समर्थक बताया गया है। तो वहीं फिल्म ‘फैंटम’ जो कि साल 2015 में आई इसमें भी सैफ अली खान भारतीय स्पाय एजेंट बने हुए हैं। इस फिल्म को पाकिस्तान सेंसर बोर्ड ने नहीं बल्कि पाकिस्तान की एक अदालत के आदेश पर बैन किया गया था। चुकी मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद ने इस फिल्म को बैन करने के लिए याचिका दायर की थी। हाफिज ने आरोप लगाया था कि इस फिल्म में उसकी छवि को गलत ढंग से दर्शाया गया है।

बॉलीवुड फिल्मों को बैन

सलमान खान स्टारर फिल्म ‘टाइगर जिंदा है’ और ‘एक था टाइगर’ में भारत और पाकिस्तान के बीच प्यार का संदेश दिखाया गया है। बावजूद इसके इस फिल्म को पाकिस्तान में बैन किया गया। फिल्म ‘एक था टाइगर’ का दूसरा पार्ट टाइगर जिंदा है में सलमान खान भारतीय एजेंट का किरदार निभा रहे हैं। जबकि अभिनेत्री कैटरीना कैफ पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट का किरदार निभा रही हैं।

2. बदले के लिए बैनएमएस धोनी- द अनटोल्ड स्टोरीमहेंद्र सिंह धोनी के ऊपर बनी फिल्म ‘एमएस धोनी- द अनटोल्ड स्टोरी’ को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया। बता दें कि उन दिनों पाकिस्तानी कलाकारों के खिलाफ भारत में माहौल बिगड़ा हुआ था। और बॉलीवुड इंडस्ट्री में पाकिस्तानी कलाकारों को बैन करने की मांग चल रही थी। इसी वजह से पाकिस्तान में इस फिल्म को बैन कर दिया गया था।

3. कश्मीर के नाम पर बैनएमएस धोनी- द अनटोल्ड स्टोरीअक्षय कुमार स्टारर फिल्म ‘जॉली एलएलबी 2’ को साल 2017 में पाकिस्तान में बैन कर दिया गया। चुकी अक्षय कुमार की इस फिल्म में अक्षय कुमार वकील बने हुए हैं और इस केस के तार कश्मीरी आतंकवाद से जुड़ा हुआ है। इसके लिए अक्षय कुमार एक कश्मीरी पुलिस कॉन्स्टेबल की खातिर अदालत में लड़ाई लड़ते हैं। इसी बिनाह पर पाकिस्तान में फिल्म ‘जॉली एलएलबी 2’ को बैन कर दिया गया ये कहकर कि इसमें कश्मीर विवाद का रेफरेंस है।

4. मजहब के नाम पर बैनएमएस धोनी- द अनटोल्ड स्टोरीभारतीय फिल्मों में मौजूद ‘बोल्ड’ कंटेंट और मजहबी वजह की वजह से भी पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड भारतीय फिल्मों के खिलाफ कार्यवाही करता है। फिल्म ‘पैड-मैन’, अक्षय कुमार की इस फिल्म में महिलाओं की पीरियड के जरूरी विषय पर रौशनी डाला गया है लेकिन पाकिस्तान में इसे मजहब के खिलाफ समझा गया और इस फिल्म पर बैन लगा दिया गया। मजे की बात तो ये है कि पाकिस्तानी आवाम ने पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया भी व्यक्त की थी। सैनिटरी पैड्स पर लाल रंग से लिखे गए, विरोधस्वरूप सेंसर बोर्ड को भी भेजा गया था।

इससे पहले ‘देहली बेली’ और ‘द डर्टी पिक्चर’ की कहानियों पर भी अश्लीलता के आरोप लगाते हुए पाकिस्तानी सेंसर बोर्ड ने बैन कर दिया। तो वहीं अक्षय कुमार की फिल्म ‘खिलाड़ी 786’ को भी पाकिस्तान में इसलिए बैन कर दिया गया क्योंकि इस्लाम में 786 को पवित्र माना गया है और ये फिल्म धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम कर सकती थी।

5. मोहब्बत को भी किया बैनएमएस धोनी- द अनटोल्ड स्टोरीफिल्म ‘रांझणा’ को पाकिस्तान में इसलिए बैन कर दिया गया क्योंकि इसमें दिखाया गया है कि हिंदू लड़का और हिंदू लड़की एक दूसरे से मोहब्बत करते हैं। हालांकि इस फिल्म की कहानी का पाकिस्तान से कोई लेना देना नहीं है। लेकिन बावजूद इसके इस फिल्म को पाकिस्तान में बैन कर दिया गया।

6. लादेन के नाम पर भी बैन

साल 2010 में आई फिल्म ‘तेरे बिन लादेन’ में आतंकवादी ओसामा बिन लादेन के बारे में दिखाया गया है। लेकिन पाकिस्तान को इस फिल्म की कहानी रास नहीं आई। क्योंकि उन्हें लगा कि ये फिल्म मुसीबतें खड़ी करने वाला हो सकता है। इसलिए पाकिस्तान में इस फिल्म को बैन कर दिया गया।

7. अब ईद के नाम पर बैनतेरे बिन लादेनपाकिस्तानी सरकार की तरफ से एक नया फरमान जारी हुआ है जिसमें कहा गया है कि बॉलीवुड फिल्में ईद के त्यौहार के दौरान रिलीज नहीं किया जाए। ताकि पाकिस्तान में बनने वाली फिल्मों को त्योहारी रिलीज का फायदा मिल पाए। क्योंकि पाकिस्तानी सरकार का कहना है कि बॉलीवुड फिल्मों का ईद के दौरान रिलीज होना स्थानीय फिल्मों के बिजनेस को नुकसान पहुंचाया करती है।

पाकिस्तान भले ही हिंदुस्तान के साथ अपनी दोस्ती का राग अलापते रहे लेकिन बार-बार उनके द्वारा उठाए गए कदम इस बात को दर्शा जाते हैं कि पाकिस्तान और भारत के बीच कहीं कुछ ठीक नहीं। उनके ये कदम इस बात को दर्शाते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते की डोर नाजुक है।

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