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क्या रमजान के दौरान चुनाव होने चाहिए ? मई में होने वाले आम चुनाव रमजान के दौरान ही होंगे
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रमजान के दौरान लोकसभा चुनाव पर आया जावेद अख्तर का बयान, बोले- ‘पुनर्विचार जरूरी’

17वीं लोकसभा चुनाव का आगाज हो चुका है। बीते रविवार चुनाव आयोग ने चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था। देशभर में चुनाव सात चरणों में होने हैं। तारीख आने के बाद से राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर जोरो की बहस हो रही है। दरअसल, आगामी रमजान और चुनाव को लेकर लोग अपनी-अपनी राय रख रहे हैं। कईयों का मानना है कि रमजानों के बीच चुनावों की तारीख का ऐलान सोची-समझी रणनीति है.

इसे लेकर चुनावों की तारीख बदलने की भी मांग उठ रही है। वहीं इस मामले पर हिंदी सिनेमा के जाने-माने लेखक और गीतकार जावेद अख्तर का भी बयान आया है। दरअसल, वह रमजान और चुनाव पर हो रही बहस से बहुत परेशान हैं जिसके चलते उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट ट्विटर पर अपना गुस्सा जाहिर किया है। जावेद ने ट्वीट कर लिखा ‘ रमजान और चुनाव को लेकर हो रही बहस बकवास है, चुनाव और रमजान को आपस में जोड़कर विवाद खड़ा करना तर्कसंगत नहीं है, यह धर्मनिरपेक्षता पर करारा तंज है जो मेरे लिए सहनीय नहीं है, मेरा मानना है कि चुनाव आयोग को इस पर विचार करने की जरूरत है।’

गौरतलब है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) और ऑल इंडिया मुस्लिम वुमन पर्सनल लॉ बोर्ड ने लोकसभा चुनाव की तारीखों पर आपत्ति जताई है। इसके साथ इन दोनों संस्था ने चुनाव आयोग से तारीखों पर पुनर्विचार की मांग की है। बता दें कि मई महीने में आखिरी तीन चरण के लिए होने वाले आम चुनाव रमजान के दौरान ही होंगे।

पुलवामा हमले पर जावेद अख्तर ने प्रतिक्रिया दी थी “अब ऐसी स्थिति में पाकिस्तान के साथ संबंध रखना नामुमकिन है, ये सब अब बर्दाश्त से परे है, अब हालात ऐसे हैं कि पाकिस्तान से किसी तरह की बात नहीं की करना अनुचित है।’

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