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इंडियन आइडल : क्या फिक्स है शो का ऑडिशन ? पार्टिसिपेंट ने सुनाई आपबीती
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इंडियन आइडल : क्या फिक्स है शो का ऑडिशन ? पार्टिसिपेंट ने सुनाई आपबीती

रिएलिटी सिंगिंग शो इंडियन आइडल का सफर दसवें सीजन तक पहुंच गया है. यह शो ऐसे गायकों को बड़ा मंच देता है जिनमें गायकी का हुनर तो है, लेकिन उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका नहीं मिल रहा. शो की शुरुआत से पहले इसके लिए ऑडिशन होते हैं जिनकी प्रक्रिया का चरण भी शो में दिखाया जाता है.

शो के लिए सलेक्शन किस तरह से होता है? ऑडिशन की इस प्रक्रिया के दौरान क्या-क्या चीजें होती हैं? साल 2012 में इस शो के लिए ऑडिशन दे चुके निशांत कौशिक ने शो के ऑडिशन की होश उड़ा देने वाली सच्चाई ट्विटर पर शेयर की है. उनके ये ट्वीट थ्रेड काफी शेयर किए जा रहे हैं.

निशांत ने अपना अनुभव साझा करते हुए लिखा, “आम धारणा है कि यह शो टैलेंट को बढ़ावा देने के लिए अच्छी जगह है. मुझे लगता है कि अपने सपनों को नष्ट करने का यह सबसे अच्छा जरिया है.” निशांत ने बताया कि साल 2012 की मई में मुंबई में ऑडिशन आयोजित कराए गए थे जहां वो सिर्फ मस्ती के लिए पहुंच गए थे. करीब 2 किलोमीटर लंबी कतारें थीं. तमाम लोग थे जो बहुत जोश में थे. जिन्हें लगता था कि यह उनके जीवन का सबसे बड़ा मौका है. तमाम ऐसे थे जो अपने माता-पिता के साथ यहां पहुंचे थे.

निशांत ने बताया, “वह भी सुबह 7 बजे से लाइन में लगे, लेकिन तमाम लोग ऐसे भी थे जो सुबह 5 बजे से ही लाइन में लग गए थे. इसके अलावा कुछ तो ऐसे भी थे जो रात भर लाइनों में थे क्योंकि वह सबसे आगे शामिल होना चाहते थे. हालांकि किसी ने भी उनकी आंखों पर पड़े पर्दे को नहीं हटाया कि यहां पहले आओ पहले पाओ जैसा कुछ भी नहीं है. घंटों का इंतजार, बावजूद इसके दरवाजे दोपहर 1 बजे खोले गए.”

निशांत ने बताया, “इस लंबे वक्त में वहां न तो टॉयलेट की कोई सुविधा थी और न ही खाने-पानी के स्टॉल.” यदि आपको लाइन से बाहर आकर इसकी तलाश में जाना होता तो इस बात की पूरी संभावना थी कि आप जगह खो देते.”

निशांत ने लिखा, “खैर, दोपहर के एक बजे हमारा इंतजार खत्म हो गया? गलत! दोपहर एक बजे हमें किसी झुंड की तरह स्कूल ग्राउंड के एक स्टेज की तरफ भेज दिया गया जहां पिछले साल का एक विजेता कंटेस्टेंट स्पीकर पर बज रहे गानों पर होंठ हिला रहा था. निशांत ने बताया कि ये परफॉर्मेंस शाम 5 बजे तक चलती रहीं और इसी बीच हमने नोटिस किया कि हजारों की भीड़ के लिए बीच में कही एक कनस्तर पानी और एक टॉयलेट लगाया गया था.”

उन्होंने बताया कि जब उन्होंने क्रू से यह पूछा कि क्या हम खाने या पानी के लिए जा सकते हैं? तो क्रू ने कहा – आप अपने रिस्क पर जाइए, क्योंकि ऑडिशन किसी भी वक्त शुरू हो सकते हैं. हालांकि जब ऑडिशन की शुरुआत का सही वक्त पूछा गया तो इस बारे में भी हमें कुछ नहीं बताया गया. निशांत के मुताबिक, शाम 8 बजे तक ऑडिशन शुरू नहीं हुए और फिर हमें एक एक अन्य स्टेज के सामने चिल्लाने के लिए कहा गया. हमें चीखने चिल्लाने लिए कहा गया कि “WE LOVE INDIAN IDOL!”

निशांत ने अपनी लंबी कहानी को एक पर एक किए कई ट्वीट्स में बताया है. इसमें उन्होंने कई चौंकाने वाली बातें शो के बारे में कही हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें कतार में ऐसे लोग भी मिले जो दिव्यांग थे और कई सौ किलोमीटर दूर से यहां तक आए थे. बावजूद उनके लिए कोई अलग से सुविधा नहीं थी. दृष्टिहीन लोग भी उसी कतार में थे. निशांत के इन ट्वीट्स को सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है.

अभी तक निशांत के आरोपों पर शो के निर्माताओं की ओर से कोई बयान नहीं आया है.

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