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निर्दोश और वोदका डायरीज एक साथ रिलीज़ हुई 2 थ्रिलर फिल्में कौन सी फिल्म देखें

आज शुक्रवार के दिन एक साथ 2 फिल्में रिलीज़ हुईं हैं  मंदिरा बेदी, केके मेनन की वोदका डायरीज और अरबाज़ खान, अस्मित पटेल, मंजरी और महक चहल की निर्दोश ये दोनों ही फिल्में शुक्रवार 19 जनवरी को रिलीज़ हुई। काफी लंबे समय बाद बॉक्स ऑफिस पर थ्रिलर फिल्मों का जादू चलता दिखाई दे रहा है ऐसे में अगर आप इस दुविधा में हैं कि इन दोनों ही फिल्मों में से कौन सी फिल्म देखें तो हम आपका कन्फयूज़न अभी दूर कर देते हैं जानिए कौन सी फिल्म देखें

क्या है वोदका डायरीज

वोदका डायरीज में केके मेनन, मंदिरा बेदी और राइमा सेन है काफी लंबे समय बाद मंदिरा बड़े पर्दे पर एक अलग अंदाज़ में दिखाई दीं केके मेनन फिल्म में एक पुलिस अफसर के रोल में दिखाई दिए मंदिरा उनकी पत्नी के रोल में नज़र आ रहीं हैं राइमा एक मिस्ट्री गर्ल हैं। भारत के हिल स्टेशन मनाली के एक क्लब में एक ही रात में एक के बाद एक मर्डर होतें हैं केके मेनन एसीपी अश्विनी दीक्षित का रोल प्ले कर रहें हैं जो छुट्टी बिताकर घर लौटते हैं और उनके सामने एक ऐसा केस आता है जो काफी उलझा हुआ है एसीपी अश्विनी को यह केस सॉल्व करने का मौका दिया जाता है। मंदिरा एसीपी अश्विनी की पत्नी शिखा के रोल में दिखाई दे रहीं हैं जो कविताएं लिखतीं हैं अश्विनी को कुछ दिनों से अपनी पत्नी शिखा के उपर मडराते खतरे का एहसास होता है लेकिन वो कुछ समझ नही पाते अचानक से एक दिन शिखा गायब हो जाती हैं।

रोशनी से मिलने के बाद अश्विनी की उलझने और बढ़ जाती हैं वो एक ऐसे जाल में फंस जाते हैं जहां से बाहर निकलने का कोई राश्ता उन्हें दिखाई नही देता। अश्विनी एक के बाद एक केस को सुलझाने की कोशिश करते हैं लेकिन उनका दिमाग एक स्टेज पर काम करना बंद कर देता है वो कैसे अपनी पत्नी को ढूंढते हैं और कैसे केस को सॉल्व करते हैं यही सब फिल्म की कहानी है फिल्म की कहानी शुरूआत से लेकर अंत तक आपको कहीं भी बोर नही होने देती और कहानी के अंत तक बांधे रखती है। एड फिल्मेकर से बॉलीवुड फिल्मेकिंग में एंट्री करने वाले कुशल श्रीवास्तव नें बेहतरीन कोशिश की है। अगर आपको थ्रिलर फिल्में देखना पसंद है तो एक बार वोदका डायरीज जरूर देखें।

कैसी है निर्दोश

अरबाज़ खान, मंजरी, अस्मित पटेल और महक चहल स्टारर निर्दोश भी एक थ्रिलर फिल्म है फिल्म में अरबाज़ खान पुलिस ऑफिसर लोखंडे के किरदार में दिखाई दिए हैं फिल्म की कहानी में एक मर्डर हो जाता है और यह केस पुलिस ऑफिसर लोखंडे को सॉल्व करने के लिए दिया जाता है लोखंडे आपको फिल्म में कई बार यह डॉयलॉग भी बोलते नज़र आएंगे कि जो काम पुलिस के डंडे से ना हो वो लोखंडे से हो।

लोखंडे के सामने सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि उनके सामने दो आरोपी खड़े होते हैं और दोनो ही कहते हैं कि खून उन्होनें किया है मर्डर एक और खूनी दो और दोनों ही अपना जुर्म कुबूल कर रहे हैं अब लोखंडे यह केस कैसे सॉल्व करता है और आरोपी कौन है यह तो फिल्म के एंड में पता चलेगा।

 

 

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