शशि कपूर की पत्नी ने आखिर क्यों पूरी ज़िंदगी शशि से छुपाया इतना बड़ा राज जानें
बॉलीवुड में दर्शकों के सबसे पसंदीदा अभिनेताओं में शुमार स्वर्गीय अभिनेता शशि कपूर नें लंबे समय तक बिमार रहने के बाद हालही में 79 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. अपने दमदार अभिनय और हंसमुख स्वभाव से दर्शकों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ने वाले शशि कपूर पृथ्वीराज कपूर के बेटे हैं शशि भले ही कपूर खानदान के चहीते बेटे और बेहतरीन कलाकार रहे लेकिन इन सबके बाद भी महज़ कुछ चुनिंदा लोग ही ऐसे हैं जो उनकी निज़ी ज़िंदगी की सच्चाइयों से वाकिफ होंगे। शशि कपूर की जिंदगी से जुड़े ऐसे कई अनछुए पहलु हैं जो काफी दिलचस्प और हैरान कर देने वाले भी हैं आइए जानते हैं ।
शशि कपूर रील लाइफ के बारे में तो आप सभी वाकिफ होंगे लेकिन शशि नें अपनी पर्सनल लाइफ को हमेशा मीडिया से दूर रखा इसी के साथ ही शशि के बारे में एक और खास बात आपको बता दें कि शशि कपूर, कपूर खानदान के इकलौते शख्स हैं जिन्होंने किसी विदेशी महिला से शादी की थी . फिल्मी पर्दे पर शशि की लव स्टोरी की तरह ही उनकी रियल लाईफ लव स्टोरी भी काफी रोचक और दिलचस्प है। शशि की असल जिंदगी में प्रेम कहानी कि शुरुआत साल 1956 में उस दौरान हुई जब शिश अपने पिता और अभिनेता पृथ्वीराज कपूर के कलकत्ता में बने थिएटर में नाटकों में काम किया करते थे।
शशि कपूर अपने पति के थियेटर एक प्ले में काम कर रहे थे शशि का एक प्ले दर्शकों को इतना पसंद आया कि हर कोई उसे और आगे जारी रखने की मांग करने लगे दर्शकों का प्ले.के प्रति लगाव देखते हुए शशि नें नाटक को और आगे बढ़ाने का फैसला किया , प्ले में काम करने के दौरान ही शशि की नज़र एक बेहद खूबसूरत लड़की पर पड़ी जो उनका प्ले देखने के लिए थियेटर के हॉल में सबसे पहली लाइन की पहली सीट पर बैठा करती थी .शशि की नज़र जैसे ही इस लड़की पर पड़ी वैसे ही उन्हें पहली नज़र वाला प्यार हो गया। आपको बता दें कि ये लड़की शशि की पत्नी जेनिफर केंडल ही थीं. जेनिफर केंडल से जुड़ी एक और बात बता दें कि जेनिफर शेक्सपियराना कंपनी के मालिक की बेटी थीं.
जेनिफर अक्सर शशि का प्ले देखतीं और शशि की नज़रें जेनिफर को ही ढूंढ़तीं शशि नें जल्द ही ये सोच लिया कि वो जेनिफर से अपने प्यार का इजहार करके ही रहेंगे फिर चाहे जो हो। शर्मिले स्वभाव के शशि नें जेनिफर से अपने दिल की बात कहने के लिए अपने चचेरे भाई सुभिराज कि मदद ली. शशि कपूर ने सुभिराज को अपने प्यार के बारे में बताया और उन्हें मिलवाने के लिए एक मीटिंग रखने को कहा सुभिराज नें अपने भाई की मदद की और आखिरकार शशि को उनके प्यार से मिलवा ही दिया।
जेनिफर से शशि बेशक बेंइंतहा प्यार करते थे लेकिन इसके बाद भी जेनिफर से पहली बार मिलते ही शशि कपूर घबरा रहे थे जेनिफर शशि के हाले दिल से बेखबर थीं इसलिए वो काफी नॉर्मल थीं और बेहद की साधारण तरीके से शशि और उनकी बातचीत हुई शशि नें बहुत कोशिश की, कि वो जेनिफर से अपने प्यार का इज़हार करें लेकिन घबराहट के मारे वो जेनिफर से कुछ भी नही कह पाए और वहां से चले गए।
इस मुलाकात के बाद जेनिफर अक्सर दोस्तों के साथ शशि का प्ले देखने आतीं इसी के साथ ही शशि और उनकी मुलाकातों का सिलसिला भी शुरू हो गया। बातों और मुलाकातों का सफर कुछ यूं चला कि जेनिफर को भी शशि इस कदर भा गए कि उन्हें कब शशि से प्यार हो गया उन्हें खुद इस बात का पता नही चला दोनों एक दूसरे की भावनाओं से आखिरकार वाकिफ हो चुके थे और बिना इज़हार के ही ये दो दिल मिल गए लेकिन शशि के प्यार की खबर जल्द ही घर वालों तक भी पहुंच गई।
शशि कपूर उन दिनों अपने करियर के शुरूआती दौर में ही थे उनकी कमाई इतनी नही थी कि वो जेनिफर को अच्छी जिंदगी और वैसी सुख सुविधाएं दे पाते जिनमें वो पली बड़ी थीं। शशि कपूर को ये बात पता चल चुकी थी कि उनके परिवार को उनके प्यार के बारे में पता चल चुका है लेकिन घरवालों के डर से वो जेनिफर को अपने घर में किसी से नही मिलवा पाए हालाकि उनके बड़े भाई शम्मी कपूर को जब जेनिफर के बारे में मालूम पड़ा तो उन्होनें नें शशि से ये बात कही कि वो जेनिफर को उनके घर पर लेकर आएं शम्मी कपूर के कहने पर शशि जेनिफर को लेकर शम्मी कपूर के घर पर पहुंचे जेनिफर से मिलते ही शम्मी की पत्नी और शशि कपूर की भाभी बबिता काफी खुश हुईं।
शशि कपूर की भाभी नें अपने देवर की मदद की और जेनिफर के लिए उन्हें काफी सारे पैसे और गाड़ी भी गिफ्ट की।
लेकिन इसके बाद भी शशि के प्यार की मंजिल इतनी आसान नही थी उनके बड़े भाई शम्मी कपूर नें पिता पृथ्वीराज कपूर को मनाने की पूरी कोशिश की कि वो इस रिश्ते के लिए मान जाएं लेकिन शशि के पिता को ये बात बिलकुल नागवार गुज़री की उनके घर कोई विदेशी बहू आए।
आखिरकार बेटे की खुशी के लिए पिता को हार माननी पड़ी और वो शादी के लिए मान गए लेकिन जेनिफर के पिता की मंजूरी मिलनी अभी बाकी थी शशि के प्ले को पूरा होने में दो साल बाकी थे शशि और जेनिफर ने जैसे तैसे 2 साल पूरे किए और 2 साल बाद शशि जेनिफर का हांथ मांगने उनके पिता के पास पहुंचे लेकिन जेनिफर के पिता नें जेनिफर की शादी शशि से करने से साफ इंकार कर दिया।
शशि नें लाख कोशिश की लेकिन जेनिफर के पिता इस रिश्ते के लिए नही मानें आखिरकार जेनिफर नें पिता से ये बात कही कि वो बालिक हैं और अपनी मर्जी से अपना जीवन साथी चुन सकती हैं पिता के खिलाफ जाकर जेनिफर नें साल 1958 में मुंबई आकर शशि कपूर के साथ भारतीय परंपरा के अनुसार शादी की।
लेकिन शशि और जेनिफर का साथ लंबे समय तक शायद उपर वाले को मंजूर नही था जेनिफर इस बात से वाकिफ हो चुकीं थीं कि उन्हें कैंसर है और उनके पास ज्यादा समय नही है जेनिफर शशि की आखों में अपनी मौत का डर और दुख नही देखना चाहती थीं इसीलिए उन्होनें अपनी इस बिमारी के बारे में शशि को कभी पता नही चलने दिया। जेनिफर शादी के बाद भी शशि के साथ उनके थियेटर में काम करती रहीं आखिरकार 7 सितंबर 1984 को कैंसर की बिमारी के चलते जेनिफर की मौत हो गई।