क्या आपसी रंजिश का नतीजा है विकास पर शोषण आरोप? बहल ने अनुराग और विक्रमादित्य मोटवानी को भेजा नोटिस
साल 2015 में बनी फिल्म बॉम्बे वेलवेट के प्रमोशनल टूर के दौरान फ़िल्म के क्रू में शामिल एक महिला ने मशहूर निर्देशक विकास बहल पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है. इस मामले के सामने आने के बाद अनुराग कश्यप ने विकास बहल को दोषी बताया था. इस मामले में अब तक चुप्पी साधे रहे विकास ने बयान दिया है. उन्होंने अनुराग और विक्रमादित्य को नोटिस भी भेजा है.उधर, विकास बहल के मामले में अनुराग कश्यप ने फिर एक स्टेटमेंट जारी किया है.
मुंबई मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक विकास बहल ने अनुराग कश्यम और विक्रमादित्य मोटवानी पर पूरे मामले में उनकी छवि खराब करने का आरोप लगाया है. विकास ने ईमेल के जरिए दोनों को नोटिस भेजा है. विकास ने दोनों के खिलाफ न सिर्फ एक निगेटिव कैंपेन चलाने की बात कही है, बल्कि यह भी कहा है कि यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि जैसे “फैंटम फिल्म्स” के बंद होने का कारण विकास ही हैं.
विकास का आरोप, अनुराग मेरा नाम खराब कर रहे
विकास ने कहा, “ऐसा दिखाने की कोशिश हो रही है कि उनकी वजह से कम्पनी बंद हुई है, जबकि सच यह है कि उन सभी के बीच कुछ महीनों से ही अलग-अलग हो जाने की बातचीत चल रही थी. विकास ने यह नोटिस अपने वकील शमशेर द्वारा भेजा है. नोटिस में यह भी कहा गया है कि अनुराग ने अपनी ही कम्पनी की सदस्य को घूस देकर ये सब काम कराया है. ताकि वह विकास के खिलाफ सेक्सुअल हैरेसमेंट के एक और आरोप लगाए.”
विकास ने यह भी साफ किया है कि वे चारों ही कुछ महीनों से इस बात को लेकर चर्चा कर रहे थे कि चारों अलग हो जाएंगे, हम चारों के बीच ही काफी क्रियेटिव डिफरेंसेस आ चुके थे.
नोटिस में यह भी कहा गया है कि साल 2017 में इसी मुद्दे पर अनुराग कश्यप के दिए गए स्टेटमेंट में और अब दिए गए स्टेटमेंट एक-दूसरे से बिल्कुल अलग हैं. नोटिस में यह भी कहा गया है कि पिछले ही महीने मोटवानी ने विकास बहल से मुलाकात की थी और कथित पीड़िता से हुई बातचीत का एक स्क्रीनशॉट दिखाया था जिसमें उसने सेक्शुअल असॉल्ट की किसी भी घटना से इनकार किया था. बता दें कि फैंटम फिल्म्स को अनुराग कश्यप, विक्रमादित्य मोटवानी, विकास बहल और मधु मंतेना ने 2011 इस प्रॉडक्शन हाउस की स्थापना की थी.
विकास बहल के मामले को बढ़ता देखते हुए अनुराग कश्यप ने एक और बयान जारी किया है. इसमें उन्होंने कहा, “मैं MAMI के बोर्ड ऑफ मेंबर की सभी ड्यूटी से अपना नाम वापस लेता हूं. दूसरी बात ये है कि मैं उन सभी आरोपों को खारिज करता हूं जिनके मुताबिक़ 2015 में हुए मामले पर मैंने कभी कोई एक्शन नहीं लिया. खासतौर से मैं उन लोगों को सफाई नहीं देना चाहता हूं जो कानूनी नियमों को नहीं समझते हैं.
“मैं बहुत सारी महिलाओं के साथ काम करता हूं, कई महिलाएं मेरे साथ काम करती हैं. मेरा उन सबके प्रति उत्तरदायित्व है. वो सब मेरे एक्शन के गवाह हैं.”
“ये ऐसा वक्त है जब हमें अपने अंदर झांक कर देखना और सोचना चाहिए कि कैसे इन सबका सामना करें.”
अनुराग का कहना है, “समय बीतने के साथ मैंने ये बात सीधे तरीके से सीखी है सहमति की रेखा “नहीं” कह देने भर से परिभाषित नहीं होती है. कई बार सहमति उस व्यक्ति पर निर्भर करती है जो इसे दे रहा होता है, इसका मालिक होता है. लोगों के हिसाब से इसकी अलग-अलग परिभाषा है.”