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Priya Prakash Varrier: के खिलाफ दर्ज FIR खारिज, सुप्रीम कोर्ट ‘आंख मारने से मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों की धार्मिक भावनाएं कैसे आहत हो सकती हैं?’

जैसे की आपको मालूम है की इस साल की शुरुआत में इंटरनेट पर अचानक से एक नाम काफी तेजी फैला ‘प्रिया प्रकाश वारियर.’ क्योंकि प्रिया प्रकाश वारियर ने मलयालम फिल्म ‘ओरु अदार लव’ के एक गाने में अपनी आंखों से ऐसे इशारे किये की हर तरफ उनकी चर्चा होने लगी. लेकिन प्रिया प्रकाश वारियर का यह अंदाज एक मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों को पसंद नहीं आया और उन्होंने हैदराबाद में इसके खिलाफ FIR दर्ज करा दी. जिसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट में जा पंहुचा. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने FIR को रद्द कर दिया है. जिसके बाद प्रिया प्रकाश वारियर को बड़ी राहत मिली हैं.

दरअसल मुकीत खान और जहिरुद्दीन अली खान ने हैदराबाद पुलिस में अपनी शिकायत दर्ज कराई और कहा कि जिस तरह से इस गाने को फिल्माया गया है उससे आपत्ति है. इनका कहना था कि आंखें मटकाना इस्लाम में प्रतिबंधित है.

जबकि एक्ट्रेस और फिल्म की टीम की तरफ से ये दलील दी गई कि जिस लोकगीत पर उनकी फिल्म का ये गाना वो लोकगीत केरल में 1978 से सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है. ये पैगम्बर मुहम्मद और उनकी पहली पत्नी खादिजा के बीच मोहब्बत को दर्शाता है जिसे शिकायतकर्ताओं ने गलत समझा.

मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूर्ण ने कहा कि किसी लोक गीत पर फिल्माए गए एक गाने के दौरान आंख मारने से मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों की धार्मिक आस्थाएं कैसे आहत हो सकती हैं? इसके अलावा कोर्ट ने फटकार भी लगाई और कहा कि ‘कोई फिल्म में गाना गाता है और आप उनके खिलाफ केस दर्ज कर देते हैं. आप लोगों के पास और कोई काम नहीं है क्या?’ खैर सुप्रीम कोर्ट ने एक दम सही निर्णय लिया जिससे ऐसे लोगों को सबक मिलेगा जो बात बात पर छोटी छोटी बात को धर्म से जोड़ देते हैं

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