जाने ऐसा क्या हो गया Sonu Sood के साथ विवाद, जिससे BMC ने सोनू को कह दिया ‘आदतन अपराधी’
सोनू सूद और बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के बीच विवाद जारी है। अभिनेता पर बीएमसी ने आरोप लगाया है कि उन्होंने एक 6 मंजिला रिहायशी बिल्डिंग को होटल में बदल दिया है। साथ ही बीएमसी की अनुमति के बिना बिल्डिंग के नक्शे में भी बदलाव किया है। अब बीएमसी ने सोनू सूद को ‘आदतन अपराधी’ बताया है। अथॉरिटी ने यह बात मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कही है।
Mumbai: Actor Sonu Sood paid a courtesy visit to NCP chief Sharad Pawar at the latter's residence today. pic.twitter.com/xTh8wpE9Bs
— ANI (@ANI) January 13, 2021
बीएमसी ने अपने हलफनामे में कहा है कि सोनू सूद ने जुहू स्थित एक 6 मंजिला रिहायशी बिल्डिंग में लगातार अनधिकृत निर्माण करवाया है, जबकि वहां दो बार अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की जा चुकी है। हलफनामे में कहा गया है कि अभिनेता ने बिल्डिंग को होटल में बदलने का प्रयास किया है और अब इस गलती को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। दरअसल बीएमसी ने सोनू सूद पर बिल्डिंग का नक्शा बदलवाने, एक हिस्से को बढ़ाने और इस्तेमाल में बदलाव का आरोप लगाया है।
इस संदर्भ में बीएमसी ने सोनू सूद को नोटिस जारी किया था। इस नोटिस के खिलाफ अभिनेता ने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जहां अब बीएमसी ने उनके नोटिस को लेकर हलफनामा दाखिल किया है। बीएमसी ने सोनू सूद पर यह भी आरोप लगाया गया है कि उन्होंने खुद ही जमीन के इस्तेमाल में बदलाव किया और तय प्लान से ज्यादा निर्माण करवाया है। बीएमसी का आरोप है कि ऐसे करने के लिए सोनू सोनू सूद ने अथॉरिटी से मंजूरी भी नहीं ली थी। अभिनेता पर यह भी आरोप लगा है कि जब उन्हें बीएमसी ने इस मामले में नोटिस भेजा तो उन्होंने उसको भी नजरअंदाज कर दिया है।
इतना ही नहीं, बीएमसी ने शिकायत में यह भी कहा कि नोटिस दिए जाने के बाद भी वह लगातार अनधिकृत निर्माण करवा रहे हैं। वहीं दूसरे ओर सोनू सूद के वकील ने बीते दिनों बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कहा कि अभिनेता ने 6 मंजिला रिहायशी बिल्डिंग में किसी भी तरह का अवैध या अनधिकृत निर्माण नहीं करवाया है। सोनू सूद के वकील डी पी सिंह ने कहा कि उन्होंने बिल्डिंग में ऐसा कोई बदलाव नहीं करवाया है जिसके लिए बीएमसी की अनुमति जरूरी हो। केवल वह बदलाव ही किए गए हैं जिसकी महाराष्ट्र क्षेत्रीय एवं नगर योजना (एमआरटीपी) अधिनियम के तहत अनुमति है।