केदारनाथ फिल्म को बैन करने के खिलाफ HC में याचिका, मूवी को बताया “हिन्दू धर्म पर काला धब्बा’
सारा अली खान और सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म केदारनाथ 7 दिसंबर को रिलीज होने जा रही है. लेकिन इससे पहले फिल्म कोर्ट-कचहरी के चक्कर में फंस गई है. ये सारा की डेब्यू फिल्म है. मंगलवार को निर्देशक अभिषेक कपूर की फिल्म के खिलाफ उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिक दायर की गई.
याचिका में फिल्म पर हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया गया है. PIL स्वामी दर्शन भारती ने दायर कराई है. उनका कहना है कि मूवी हिंदुओं के पवित्र धाम पर एक ”धब्बा” है.
जनहित याचिका में ये भी आरोप है कि फिल्म के माध्यम से भगवान केदारनाथ का अपमान किया जा रहा है. PIL में दावा है कि मूवी के ट्रेलर में दिखाया गया है कि केदारनाथ घाटी में सदियों से मुस्लिम लोग रह रहे हैं. लेकिन असल में वहां मुस्लिम समुदाय का कोई भी निवासी नहीं है.
फिल्म पर मंदिर के पुजारी अपनी आपत्ति दर्ज करा चुके हैं. केदारनाथ में पुजारियों की एक ऑर्गनाइजेशन केदार सभा के चेयरमैन विनोद शुक्ला ने कहा था, “यदि फिल्म बैन नहीं हुई तो हम आंदोलन कर देंगे, क्योंकि हमें बताया गया है कि यह लव जिहाद को बढ़ावा देती है और इससे हिंदू भावनाएं आहत होती हैं.” फिल्म में साल 2013 में आई केदारनाथ आपदा पर आधारित एक प्रेम कहानी को दिखाया गया है.
इससे पहले मूवी पर लव जेहाद का भी आरोप लग चुका है. हाल ही में प्रमोशन के दौरान सारा ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था, ”यह वाकई इस तरह की फिल्म नहीं है. इसमें तो यह दिखाया गया है कि किस तरह केदारनाथ की दुनिया, जितनी मुक्कू (सारा का किरदार) की है, उतनी ही मंसूर (सुशांत का किरदार) की भी है. मैं इस तरह से बांटने की मंशा को नहीं समझ पा रही, मैं नस्लवाद और लिंगभेद को भी नहीं समझती, जो दुनियाभर में है.”
सारा ने कहा- ”मेरे सोचने का तरीका मेरी एजुकेशन और जिंदगी के अनुभवों से बनता है और कोई चीज प्रभावित नहीं करती. हमारी फिल्म लव जिहाद की मानसिकता को बिल्कुल भी प्रमोट नहीं करती है. ये दुनिया को देखने का एक अलग नजरिया दिखाती है.”