Republic Day 2019: क्या आप जानते हैं कि तिरंगे का अपमान किया तो होगी जेल, जानें क्या हैं नियम
भारत आज अपना राष्ट्रीय पर्व 70वां गणतंत्र दिवस (Republic Day) मना रहा है। इसी दिन 1950 को देश का संविधान लागू हुआ था। भारत की आन बान और शान राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को फहराने के कुछ नियम हैं जिन्हें गृह मंत्रालय ने निर्धारित किए हैं।
काफी लोग इस बात से अनजान होंगे कि राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को फहराने के कुछ नियम हैं जिनका पालन करना जरूर चाहिए.
गृह मंत्रालय ने फ्लैग कोड ऑफ इंडिया बताए हैं, जिसमें राष्ट्रीय ध्वज के इस्तेमाल को लेकर कुछ दिशा-निर्देश दिए गए हैं। तिरंगा फहराने के तमाम नियम-कानूनों, औपचारिकताओं और निर्देशों को एक साथ ‘भारतीय ध्वज संहिता-2002’ में एकीकृत किया गया है।
राष्ट्रीय ध्वज के लिए जारी की गई आचार संहिता का पालन करना हम सभी का कर्तव्य है। हाथ में तिरंगा लेने से पहले आपको इसका मान कैसे रखना है ये भी पता होना चाहिए। आप भी इन नियमों को जान लीजिए वरना कहीं आपको जेल न जाना पड़ जाए…
राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को राज्य के जवान, केंद्र के जवान, पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बलों के शहीद शव को लपेटने के इस्तेमाल में लाया जा सकता है। सजावट के लिए आप तिरंगे का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। साथ ही इसका कोई अन्य इस्तेमाल भी नहीं किया जा सकता है।
तिरंगे को किसी गाड़ी या वाहन, ट्रेन या नाव को ढंकने के काम में नहीं लाया जा सकता। तिरंगे को किसी पर्दे या घर के किसी अन्य काम में इस्तेमाल में नहीं लाया जा सकता है। राष्ट्रीय ध्यव तिरंगे के उपर कुछ भी लिखना या प्रिंट करना वर्जित है.
इसे किसी भी तरह के विज्ञापन में इस्तेमाल में नहीं लाया जा सकता है। आप अपने कॉपी, किताब या किसी भी वस्तु में तिरंगे का इस्तेमाल कवर की तरह नहीं कर सकते हैं। तिरंगा फहराने की प्रक्रिया के दौरान वहां मौजूद सभी को तिरंगे की तरफ मुंह करके सावधान की मुद्रा में खड़े रहना होगा।
जो भी यूनिफॉर्म में होंगे उन्हें तिरंगे को सैल्यूट करना होगा। तिरंगा फहराने वाले को बिना टोपी पहने तिरंगे को सैल्यूट करना होगा। तिरंगा कभी भी जमीन नहीं छूना चाहिए। उल्टा मत पकड़िए, न लहराइए। तिरंगे पर कुछ भी लिखना सख्त मना है।
तिरंगे का अपमान किसी भी अवस्था में नहीं होना चाहिए। तिरंगे का कोई भी हिस्सा फटा नहीं होना चाहिए। किसी दूसरे झंडे या पताका को राष्ट्रीय ध्वज यानी तिरंगे से ऊपर या उससे ऊंचा या उसके बराबर नहीं लगाया जाए। न हीं पुष्प, माला, प्रतीक या अन्य कोई वस्तु उसके ध्वज दंड के ऊपर रखी जाए।
जहां तिरंगे को खुले में फहराया जाता है, वहां मौसम का ध्यान रखे बिना उसे सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जाना चाहिए। देश की आन-बान और शान का प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा के बारे में आप ‘भारतीय ध्वज संहिता-2002’ क्लिक कर पढ़ सकते हैं।