POCSO एक्ट मामले पर तापसी पन्नू ने जाहिर की नाराजगी, रितेश देशमुख बोले- कह दो ये Fake है….
मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने एक ऐसा फैसला सुनाया हैं जिस पर कई लोग अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि किसी नाबालिग को स्कीन टू स्कीन कॉन्टैक्ट के बिना छूना POCSO के तहत सेक्सुअल असॉल्ट नहीं हैं. दरअसल ये फैसला एक 12 साल की लड़की केस साथ यौन उत्पीड़न के मामले को लेकर सुनाया गया. लड़की और उसके परिवार का आरोप था कि आरोपी ने उसके ब्रेस्ट को पकड़ा और उसे निर्वस्त्र करने की कोशिश की.
Bombay HC on Jan 19 acquitted an appellant under POCSO Act&convicted under minor offence saying,"Admittedly, it's not case of prosecution that appellant removed her top&pressed her breast.There's no direct physical contact i.e. skin to skin with sexual intent without penetration" pic.twitter.com/ZefndUDcGU
— ANI (@ANI) January 25, 2021
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि महज छूना भर यौन हमले की परिभाषा में नहीं आता है. चूंकि आरोपी ने लड़की को निर्वस्त्र किए बिना उसके सीने को छूने की कोशिश की, इसलिए इस अपराध को यौन हमला नहीं कहा जा सकता है.
I tried for long but m still left with no words to describe how I feel after reading this. https://t.co/U8BKFrkhu8
— taapsee pannu (@taapsee) January 24, 2021
कोर्ट के इस फैसले पर कई लोग अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. बॉलीवुड की कई हस्तियों ने भी इस पर रिएक्शन दिए हैं. बॉलीवुड अभिनेत्री तापसी पन्नू ने कहा, ” मैंने बहुत देर कोशिश की लेकिन अभी भी मेरे पास अभी भी ये समझाने के लिए शब्द नहीं है कि मैं इस वक्त कैसा महसूस कर रही हूं. ” उन्होंने एक और ट्वीट किया, ” अब समझ आया, हेप्पी नेशनल गर्ल चाइल्ड डे”
Got it now.
Happy #NationalGirlChildDay2021 https://t.co/Fc5kT87ttD— taapsee pannu (@taapsee) January 24, 2021
इसके अलावा एक्टर रितेश देशमुख ने भी इस खबर पर रिएक्शन दिया है. उन्होंने कहा, ” प्लीज कह दो कि ये फेक न्यूज है”.
Pls tell me this is Fake news !!! https://t.co/orskyq7mn4
— Riteish Deshmukh (@Riteishd) January 24, 2021
बता दें, न्यायमूर्ति गनेडीवाला ने एक सत्र अदालत के फैसले में संशोधन किया जिसने 12 वर्षीय लड़की का यौन उत्पीड़न करने के लिए 39 वर्षीय व्यक्ति को तीन साल जेल की सजा सुनाई थी. अभियोजन पक्ष और नाबालिग पीड़िता की अदालत में गवाही के मुताबिक, दिसंबर 2016 में आरोपी सतीश नागपुर में लड़की को खाने का कोई सामान देने के बहाने अपने घर ले गया. उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में यह दर्ज किया कि अपने घर ले जाने पर सतीश ने उसके वक्ष को पकड़ा और उसे निर्वस्त्र करने की कोशिश की.