Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the jannah domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/Filmymantra.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the jannah domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/Filmymantra.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/Filmymantra.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114
नही रहे मशहूर कवि-गीतकार 'नीरज' गोपालदास, लोगों ने कहा कवि होना भाग्य है, ‘नीरज होना सौभाग्य’ - Filmymantra
Hindi

नही रहे मशहूर कवि-गीतकार ‘नीरज’ गोपालदास, लोगों ने कहा कवि होना भाग्य है, ‘नीरज होना सौभाग्य’

पद्मभूषण से सम्मानित हिंदी के साहित्यकार, कवि, लेखक और गीतकार गोपालदास सक्सेना ‘नीरज’ का निधन हो गया है.उनकी कलम से निकले गीतों के लिए उन्हें तीन बार फ़िल्म फेयर पुरस्कार भी मिला. नीरज का निधन 93 वर्ष की उम्र में दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में शाम सात बजकर 35 मिनट पर हुआ.

उनके बेटे शशांक प्रभाकर ने मीडिया को बताया कि आगरा में शुरुआती उपचार के बाद उन्हें बुधवार को दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था, लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद भी उन्हें नहीं बचाया जा सका.उन्होंने बताया कि उनके पार्थिव शरीर को पहले आगरा में लोगों के अंतिम दर्शन के लिए  रखा जाएगा और उसके बाद पार्थिव देह को अलीगढ़ ले जाया जाएगा जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

नीरज गोपाल दास के निधन पर सोशल मीडिया पर जैसे शोक की लहर छा गयी है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर नीरज के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा उनके किए गए काम सदियों तक याद किए जाएंगे और लोगों को प्रेरणा देते रहेंगे.

जावेद अख्तर ने कहा की नीरज वो शख्स है जिन्होंने  लोगों को बताया कि कविता उर्दू में ओर शायरी हिंदी में लिखी जा सकती है,

इसके अलावा हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के टॉप के लिरिक्स राइटर प्रसून जोशी और इरशाद कामिल दोनों ने नीरज को अपने शब्दों में श्रदांजली दी है

गोपाल दास नीरज का फ़िल्मी सफ़र भले ही पाँच साल का रहा हो लेकिन इन दौरान उन्होंने कई प्रसिद्ध फ़िल्मों के गीतों की रचना भी की.

‘कारवाँ गुजर गया गुबार देखते रहे’, ‘जीवन की बगिया महकेगी’, ‘काल का पहिया घूमे रे भइया!’, ‘बस यही अपराध मैं हर बार करता हूँ, आदमी हूं- आदमी से प्यार करता हूं’, ‘ए भाई! ज़रा देख के चलो’, ‘शोखियों में घोला जाए फूलों का शबाब’, ‘लिखे जो खत तुझे’, ‘दिल आज शायर है’, ‘खिलते हैं गुल यहां’, ‘फूलों के रंग से’, ‘रंगीला रे! तेरे रंग में’ जैसे गीतों को लिखकर वो सदा के लिए अमर हो गए.

नीरज का जन्म 4 जनवरी 1925 को उत्तर प्रदेश के इटावा में हुआ था. नीरज अपने जीवन भर कविता लिखने में लगे रहे. जीवन में प्रत्येक क्षण को उन्होंने भोगा. लेकिन उनका बचपन ग़रीबी में बीता था.

‘नीरज’ की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वो हिंदी के माध्यम से जहां उन्होंने साधारण पाठकों के मन की गहराई में अपनी जगह बनाई वहीं गंभीर पाठकों के मन को भी गुदगुदा दिया. उनकी अनेक कविताओं के अनुवाद गुजराती, मराठी, बंगाली, पंजाबी, रूसी आदि भाषाओं में हुए.

Related Articles

Back to top button