“ये वो बांझ औरत है जो बच्चा नहीं जनती, बस लेबर पेन की एक्टिंग करती है” परेश रावल
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के अल्पसंख्यकों पर दिए गए बयान के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है. उनके बयान के बाद हर कोई उन्हें नसीहत दे रहा है, कि आप अपने देश के हालात सुधारिए भारत को छोड़िए.
इसी क्रम में आज अभिनेता परेश रावल ने भी उनपर निशाना साधा है। उन्होंने आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह के एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कहा कि… बिल्कुल सही फरमाया संजय जी, ये वो बांझ औरत है जो बच्चा नहीं जनती बस सेबर पेन की एक्टिंग करती है.
बता दें कि संजय सिंह ने एक खबर को ट्वीट करते हुए लिखा था कि हमारे मुल्क से गए मुसलमानों को मुहाजिर समझते हो, उनको देशद्रोही मानते हो, अपने अधिकारों के लिए उन्हें मुहाजिर कौमी मूवमेंट चलाना पड़ता है। इसके बावजूद धर्मनिरपेक्षता पर उपदेश देते हुए शर्म नहीं आती इमरान खान.
Yes it’s an inappropriate metaphor and in poor taste . I apologise . https://t.co/52Cwa0Z8Iy
— Paresh Rawal (@SirPareshRawal) December 24, 2018
दरअसल नसीरुद्दीन शाह ने पाक पीएम इमरान खान के अल्पसंख्यकों वाले बयान पर प्रतिक्रिया दी है। शाह ने बताया कि “मुझे लगता है खान अपने देश के मुद्दों पर बात करनी चाहिए न कि उनपर जिससे उनका कोई वास्ता ही नहीं है। हम 70 साल से एक लोकतंत्र हैं और हम जानते हैं कि हमें अपनी देखभाल कैसे करनी है।”
इस से पहले बॉलीवुड अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के बयान को लेकर मचे घमासान के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। इमरान ने कहा कि वह मोदी सरकार को दिखाएंगे कि अल्पसंख्यकों के साथ कैसा सलूक किया जाता है।
लाहौर में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों को अधिकार मिलें, यह सुनिश्चित करने के लिए उनकी सरकार ने कई कदम उठाए हैं। यही पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना का भी सपना था। हमारी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि अल्पसंख्यक खुद को सुरक्षित महसूस करें और उन्हें समान अधिकार मिले।’
बता दें कि अभिनेता नसीरूद्दीन शाह ने कहा था कि इस वक्त समाज में जहर फैल चुका है। लोगों को खुली छूट मिल चुकी है। दोबारा इस जिन्ना को बोतल में बंद करना आसान नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे देश में डर नहीं लगता लेकिन गुस्सा आता है। अपने बच्चों के लिए फिक्र होती है क्योंकि उनका मजहब ही नहीं है। शाह के इस बयान के बाद से लगातार बयानबाजी जारी है