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रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा पायलट की रिहाई कानून के मुताबिक हुई और यह कोई एहसान नहीं था.

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को लौटाने के लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को राजनेता करार देने वाले लोगों की रविवार को आलोचना की. उन्होंने कहा कि पायलट की रिहाई कानून के मुताबिक हुई और यह कोई एहसान नहीं था. उन्होंने कहा कि 1971 के युद्ध के बाद भारत ने बिना शर्त 90,000 पाकिस्तानी सैनिकों को वापस भेजा था. इस युद्ध में पाकिस्तान परास्त हो गया था. हालांकि, भारत में कुछ लोगों, कुछ पत्रकारों और कुछ विचारकों ने हमारे पायलट को वापस भेजने पर उन्हें (खान) एक राजनेता करार दिया लेकिन यह केवल कानून के कारण हुआ और यह भारत पर कोई एहसान नहीं था. वे यह भी सवाल कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्या किया.

गौरतलब है कि विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के लड़ाकू विमान मिग-21 बाइसन ने पाकिस्तान वायु सेना के लड़ाकू विमान एफ-16 को गिरा दिया था और इसके लिए प्रत्यक्षदर्शियों के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी हैं. मिग-21 को विंग कमांडर अभिनंदन वर्द्धमान उड़ा रहे थे. मंत्रालय ने कहा था कि पाकिस्तान के एफ-16 विमानों और एमराम मिसाइल का प्रयोग करने के भी साक्ष्य है और विमान तथा मिसाइल के टुकड़े मौके से बरामद किये गये थे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा था कि विंग कमांडर वर्द्धमान द्वारा उड़ाये गये भारतीय वायुसेना के मिग-21 बाइसन ने पाकिस्तान वायु सेना के एफ-16 लड़ाकू विमान को गिरा दिया था और इसके प्रत्यक्षदर्शियों के साथ साथ इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी हैं.

इस हवाई लड़ाई में भारत ने अपना मिग-21 विमान गंवा दिया था और उसके पायलट विंग कमांडर वर्द्धमान को पाकिस्तान ने अपने कब्जे में ले लिया था. पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने दो भारतीय विमानों को गिरा दिया और आईएएफ के इस दावे को खारिज किया था कि हवाई लड़ाई (डॉगफाइट) के दौरान एफ-16 लड़ाकू विमान को गिरा दिया गया. कुमार ने कहा, ‘‘हमने केवल एक विमान को खोया है. यदि, जैसा कि पाकिस्तान दावा करता है, उनके पास एक दूसरे भारतीय विमान को गिराने की वीडियो रिकॉर्डिंग है, तो उन्होंने एक सप्ताह से अधिक समय के बाद भी इसे अंतरराष्ट्रीय मीडिया को क्यों नहीं दिखाया है?”

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