‘मुल्क’ हुई पाकिस्तान में बैन, फिल्म के डायरेक्टर ने की पाकिस्तानी दर्शकों से ये अपील
आज इंडिया में अनुभव सिन्हा ने डायरेक्शन में बनी फिल्म मुल्क रिलीज हो गयी है मगर ये फिल्म पाक्स्तान में बैन हो गयी है, और वजह है इस फिल्म कंटेंट. पाकिस्तान के सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को ये कह कर बैन कर दिया है की ये फिल्म एंटी इस्लामिक है. इस पर सोशल मीडिया के जरिए इस फिल्म के डायरेक्टर अनुभव सिन्हा ने पाकिस्तान के लोगों से अपील करते हुए एक लेटर शेयर किया है.
उन्होंने लिखा,’ प्यारे पाकिस्तानियों, कुछ हारे हुए लोगों द्वारा एंटीनेशनल कहे जाने से बिना डरे मैं आपको प्यारे पाकिस्तानियों कहने का जोखिम उठा रहा हूं, मुझे परवाह नहीं है. मैंने हाल ही में ‘मुल्क’ नामक एक फिल्म बनाई है. दुर्भाग्यवश आप कानूनी रूप से इसे देखने में सक्षम नहीं होंगे क्योंकि आपके देश में सेंसर बोर्ड ने इसे देखने से प्रतिबंधित कर दिया है.”
A letter to Pakistan. Sorry a question really!!! #MULK in Theaters tomorrow. pic.twitter.com/Ak1MogByWK
— Anubhav Sinha (@anubhavsinha) August 2, 2018
“मुझे याद है कि जब इस फिल्म का ट्रेलर आया था तो न सिर्फ पाकिस्तान में बल्कि भारत में भी लोगों ने इसके खिलाफ काफी कुछ लिखा. भारत में कुछ लोगो ने जहां इस फिल्म को हिन्दू विरोधी बताया तो पाकिस्तान में स्टीरियोटाइप बताया गया. विरोधाभाषी जरुर है लेकिन सच है कि मैंने फिल्म में प्यार पर जोर दिया, हिन्दू और मुस्लिम के बीच का प्यार. मीडिया और यूएई में इसे देखा गया. ये न तो मुस्लिम समर्थित फिल्म है और न ही मुस्लिम विरोधी. आपके यहां भी ऐसे हिन्दू हैं जो अल्पसंख्यक हैं और हमारे यहां मुस्लिम जोकि अल्पसंख्यक हैं. हम सभी को एक साथ अमन और चैन के लिए एकजुट होना चाहिए.
मेरा सवाल आप सभी से है कि क्यों नहीं इस फिल्म को देखना चाहिए?”
अनुभव ने आगे लिखा कि यहां मेरा सवाल है कि ऐसा क्यों है कि ऐसी आप फिल्म को नहीं देखना चाहते हैं जो सह-अस्तित्व के बारे में बात करती है. मुझे पता है देर सवेर यह फिल्म आप तक पहुंचेगी. आप लोग इसे जरुर देखें और कृपया मुझे बताएं की पाकिस्तान के सेंसर बोर्ड ने इसे क्यों बैन कर दिया था?
वहीं आखिर में अनुभव एक भावुक अपील में कहते हैं कि मैं चाहता यही हूं कि आप इसे सिनेमाघरों में जाकर देखें लेकिन अगर ऐसा नहीं हो पा रहा है तो आप इसे गैर कानूनी तरीके से ही देखिए. हालांकि हमारी टीम पायरेसी के विरोध में है लेकिन अगर यही एक तरीका है तो यही सही.