मिर्जापुर वेब सीरीज के प्रोडूसर और डायरेक्टर की गिरफ्तारी पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लगाई रोक
मिर्जापुर वेब सीरीज के प्रोड्यूसर्स फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी की गिरफ्तारी पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी ने अपने खिलाफ दायर एफआईआर को भी रद्द कराने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इससे पहले 17 जनवरी को मिर्जापुर वेब सीरीज के निर्माताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। मिर्जापुर कोतवाली देहात पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर में मेकर्स पर आरोप था कि उन्होंने वेब सीरीज के जरिए जिले की छवि को खराब करने का काम किया है। इसके अलावा इस शो से धार्मिक और सामाजिक भावनाएं आहत होने का आरोप भी लगाया गया था।
Mirzapur Series Row: Allahabad High Court Stays Arrest Of Producers Farhan Akhtar & Ritesh Sidhwani @FarOutAkhtar,@ritesh_sid .,@NetflixIndia https://t.co/jJtco6FF5E
— Live Law (@LiveLawIndia) January 29, 2021
इस एफआईआर को रद्द कराने के लिए ही मेकर्स ने हाई कोर्ट का रुख किया था। अर्जी पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने मेकर्स की गिरफ्तारी पर रोक का आदेश दिया है। दर्ज एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि मिर्जापुर की एक समृद्ध विरासत है, लेकिन 2018 में रिलीज हुई सीरीज में जिले को गुंडे और बदमाशों के शहर के तौर पर दिखाया गया था। मिर्जापुर सीरीज के निर्माता रितेश सिधवानी, फरहान अख्तर, भौमिक गोंडालिया और अमेजन प्राइम वीडियो के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। निर्माताओं के खिलाफ सेक्शन 295-A, सेक्शन 504, 505 समेत आईटी एक्ट की धारा 67A के तहत केस दर्ज हुआ था।
बता दें कि हाल ही में रिलीज हुई तांडव वेब सीरीज को लेकर दर्शकों के एक वर्ग ने आपत्ति जताई थी। सोशल मीडिया पर लोगों ने कहा था कि इस सीरीज में धार्मिक भावनाओं को आहत किया गया है। दरअसल इस सीरीज के पहले एपिसोड में भगवान राम और शिव पर टिप्पणियों वाला एक सीन है। इसे लेकर लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई है। तांडव वेब सीरीज पर विवाद के बाद मिर्जापुर को लेकर नए सिरे से झंझट शुरू हो गया था। इसी सिलसिले में मिर्जापुर में मेकर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इस सीरीज का पहला सीजन 2018 में रिलीज हुआ था और फिर 2020 में इसका दूसरा सीजन आया था।