Metoo: एमजे अकबर पर आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी को मिली जमानत
एम.जे. अकबर MeToo केस में पत्रकार प्रिया रमानी ने जमानत मिलने के बाद कहा कि ‘सत्य ही उनका ढाल है’ और वह जल्दी ही कोर्ट को अपनी कहानी बताएंगी. प्रिया रमानी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री एम.जे. अकबर पर यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था. प्रिया रमानी पर एम.जे. अकबर ने आपराधिक मानहानिक का मामला दर्ज किया है. इस मामले में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में सोमवार को उनको जमानत मिल गई.
Journalist Priya Ramani after being granted bail by Patiala House Court in connection with criminal defamation complaint by MJ Akbar: The next date when they will frame the charges against me is April 10. After that it will be my turn to tell my story. The truth is my defence. pic.twitter.com/mxRadNVYua
— ANI (@ANI) February 25, 2019
मोदी सरकार के पूर्व मंत्री एमजे अकबर द्वारा पत्रकार प्रिया रमानी पर किए गए मानहानि के मुकदमे में आज बतौर आरोपी प्रिया रमानी पटियाला हाउस कोर्ट में पेश हुई और जमानत के लिए अर्जी लगाई. कोर्ट ने कुछ ही मिनट हुई सुनवाई के बाद प्रिया रमानी को 10 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी. प्रिया रमानी की तरफ से जमानत मिलने के बाद एक और अर्जी लगाई गई जिसमें मामले की सुनवाई के दौरान उनकी व्यक्तिगत पेशी से छूट देने की कोर्ट से गुहार लगाई गई थी, लेकिन एमजे अकबर के वकीलों ने प्रिया रमानी की अर्जी का विरोध किया. कोर्ट ने इस मामले में अकबर के वकीलों को अपना जवाब दाखिल करने के लिए 8 अप्रैल तक का वक्त दिया है.
Delhi's Patiala House Court grants bail to journalist Priya Ramani on a personal bail bond of Rs 10,000. Next date of hearing is 8 March. https://t.co/nOgqS9Bg6G
— ANI (@ANI) February 25, 2019
जमानत मिलने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए प्रिया रमानी ने कहा, ’10 अप्रैल वे मेरे खिलाफ आरोप तय करेंगे. इसके बाद मैं अपनी कहानी बताऊंगी. सत्य ही मेरी रक्षा करेगा.’ इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि 8 मार्च को तय की गई है.
Journalist Priya Ramani appears before Delhi's Patiala House Court. The court had summoned her as an accused in connection with MJ Akbar's criminal defamation complaint.
— ANI (@ANI) February 25, 2019
MeToo खुलासे के तहत कई महिला पत्रकारों द्वारा यौन शोषण का आरोप झेल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था.
आईपीसी की इन धाराओं के तहत दोषी पाये जाने पर प्रिया रमानी को दो साल की सजा हो सकती है. एमजे अकबर ने लॉ फर्म करंजावाला ऐंड कंपनी के जरिये पत्रकार प्रिया रमानी पर केस दर्ज कराया है. दिलचस्प यह भी है कि ख़ुद वकील करंजावाला के खिलाफ एक महिला वकील ने भी सेक्सुअल हरासमेंट के आरोप लगा रखे हैं.
क्या है मामला
#MeToo के लपेटे में आए एमजे अकबर को विदेश राज्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. उनके ऊपर करीब दो दर्जन महिला पत्रकारों ने #MeToo अभियान के तहत आरोप लगाए हैं. अकबर पर पहला आरोप वरिष्ठ पत्रकार प्रिया रमानी ने ही लगाया था, जिसमें उन्होंने एक होटल के कमरे में इंटरव्यू के दौरान की अपनी कहानी बयां की थी. रमानी के आरोपों के बाद अकबर के खिलाफ आरोपों की बाढ़ आ गई और एक के बाद एक कई अन्य महिला पत्रकारों ने उन पर संगीन आरोप लगाए.