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#Metoo : की आग अब पहुंची पॉलिटिक्स तक बीजेपी के मंत्री ‘एमजे अकबर’ पर 6 महिलाओं ने लागए यौन शोषण के आरोप

फिल्म इंडस्ट्री से ‘मी टू’ अभियान की शुरुआत होने के बाद इसकी चपेट में मीडिया जगत भी आ गया है और इसकी लपटें मोदी सरकार के एक मंत्री को अपने लपेटे में ले रही हैं. केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों से उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. अब कांग्रेस ने भी एमजे अकबर के मामले में न सिर्फ  मामले की जांच की मांग की है, बल्कि उनके इस्तीफे की भी मांग की है.

केंद्रीय विदेश राज्‍य मंत्री एमजे अकबर पर भी आरोप लगे हैं. उन पर आरोप है कि जब वे संपादक थे तो उन्‍होंने कई महिला पत्रकारों का यौन उत्‍पीड़न किया. इस सिलसिले में कई पत्रकारों ने सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए अकबर पर सार्वजनिक रूप से आरोप लगाए हैं.

https://twitter.com/priyaramani/status/1049279608263245824

इस कड़ी में पत्रकार प्रिया रमानी ने उन पर सबसे पहले आरोप लगाते हुए अपनी स्‍टोरी को साझा किया है. इससे पहले उन्‍होंने पिछले अक्‍टूबर में वोग इंडिया में लिखे अपने ऑर्टिकल में डियर मेल बॉस को संबोधित करते हुए एक आर्टिकल लिखा था. उस वक्‍त दुनिया भर में शुरू हुए मीटू अभियान की पृष्‍ठभूमि में उन्‍होंने अपनी स्‍टोरी को लिखा था. हालांकि उस वक्‍त उन्‍होंने आरोपी का नाम सार्वजनिक नहीं किया था. लेकिन आठ अक्‍टूबर को उन्‍होंने अपनी स्‍टोरी के लिंक को शेयर करते हुए लिखा कि दरअसल उनकी पुरानी स्‍टोरी एमजे अकबर से संबंधित थी. उन्‍होंने इसके साथ ही लिखा कि उनका नाम इसलिए नहीं लिया था क्‍योंकि उन्‍होंने मेरे साथ ‘कुछ’ नहीं किया. लेकिन कई अन्‍य महिलाओं की इससे भी बदतर स्‍टोरीज उनसे जुड़ी हो सकती हैं- संभवतया वे इसे शेयर करें.

प्रिया रमानी ने ऑर्टिकल में अपने एक जॉब इंटरव्‍यू के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि उस वक्‍त मैं 23 साल की थी और वह 43 साल के थे. संपादक ने मुझे दक्षिणी मुंबई के उस होटल में मिलने के लिए बुलाया जहां वे हमेशा रुका करते थे. उन्‍होंने कहा कि दरअसल वो इंटरव्‍यू कम डेट ज्‍यादा था. संपादक ने ड्रिंक ऑफर की और पुराने हिंदी गाने सुनाने को कहा. यहां तक कि उन्‍होंने अपने बेड के पास आकर बैठने को कहा जिसे मना कर दिया.

प्रिया रमानी के सामने आने के बाद इंडियन एक्‍सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक उनको मिलाकर छह महिला पत्रकारों ने एमजे अकबर पर आरोप लगाए हैं. इस कड़ी में रमानी की तरह के अनुभव फ्रीलांस पत्रकार कनिका गहलोत ने साझा किए हैं. उन्‍होंने द इंडियन एक्‍सप्रेस से कहा, ”मैंने भले ही रमानी का लेख नहीं पढ़ा है लेकिन मुझे इसकी जरूरत नहीं है क्‍योंकि मैंने अकबर के साथ तीन सालों तक काम किया है.” कनिका ने 1995-1997 तक द एशियन एज में काम किया. एमजे अकबर वहां संपादक थे. कनिका ने कहा कि जब मैंने वहां ज्‍वाइन किया था, उससे पहले ही मुझे उनके बारे में बता दिया गया था.

इसी तरह द एशियन एज की रेजीडेंट एडीटर सुपर्णा शर्मा ने कई वाकये शेयर किए हैं. उन्‍होंने द इंडियन एक्‍सप्रेस को बताया कि जब वह 1993-96 के दौरान अखबार की लांच टीम का हिस्‍सा थीं तो एक दिन अकबर एकदम पीछे आकर खड़े हो गए. उन्‍होंने कहा, ”मेरी ब्रा की स्‍ट्रेप को खींचा और कुछ कहा. जो कहा वो तो अब याद नहीं लेकिन मैं बहुत जोर से उन पर चिल्‍लाई.”

इसी तरह के मामले में लेखिका शुमा राहा ने द इंडियन एक्‍सप्रेस से कहा कि 1995 में जॉब इंटरव्‍यू के लिए कोलकाता के ताज बंगाल होटल में बुलाया. वहां पर उनके कमरे में बेड पर बैठकर इंटरव्‍यू देने को कहा. उसके बाद जॉब ऑफर करते हुए बाद में ड्रिंक पर आने को कहा. राहा ने कहा कि इन असहज करने वाली दशाओं के कारण उन्‍होंने वह जॉब नहीं की.

इसी तरह पत्रकार प्रेरणा सिंह बिंद्रा ने सात अक्‍टूबर को एक ट्वीट में इसी तरह की मिलती-जुलती घटना का जिक्र किया. हालांकि पहले उन्‍होंने अकबर का नाम अपने ट्वीट में नहीं लिया लेकिन सोमवार को उनके नाम का जिक्र किया. इसी तरह एक अन्‍य पत्रकार शुतापा पॉल ने रमानी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए अकबर पर आरोप लगाए.

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