मनोज वाजपेयी ने Film fare में होने वाले ‘भेदभाव’ का उठाया मुद्दा, बोले- ‘शोषण जारी है’
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता मनोज वाजपेयी ने बुधवार को कहा कि वह इस तथ्य से वाकिफ हैं कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहद प्रशंसित उनकी तमाम फिल्मों को कभी भी ‘तथाकथित बड़े मुख्यधारा के पुरस्कारों’ की नामांकन सूची में जगह नहीं मिली. 49 वर्षीय अभिनेता का ट्वीट 64वें विमल फिल्मफेयर अवार्डस 2019 के लिए मंगलवार को नामांकन सूची की घोषणा के बाद आया है.
So used to the fact that all the films of mine which are highly acclaimed nationally and internationally don’t even get a place in the nominations list of so called big mainstream awards here forget about winning.creative pursuit and exploitation continue….! @GaliGuleiyan pic.twitter.com/9JfJDn3tBI
— manoj bajpayee (@BajpayeeManoj) March 13, 2019
मनोज ने बुधवार को अपनी 2018 की फिल्म ‘गली गुलियां’ का एक पोस्टर ट्वीट किया और लिखा, ‘आदत सी पड़ गई है यह देखने की कि मेरी सभी फिल्में जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत प्रशंसित हैं, उन्हें तथाकथित मुख्यधारा के पुरस्कारों की नामांकन सूची तक में जगह नहीं मिलती, पुरस्कार मिलने की तो बात ही छोड़िए. रचनात्मक खोज और शोषण जारी है. गली गुलियां.’
So glad you said this, Manoj Ji. It needs to be said. Again and again. With your performances, you are one of the handful of actors who have carved the path for acceptance of the gritty world that today’s web series and million of viewers have embraced. You are a pioneer. https://t.co/RhFLkMkq3k
— Neelesh Misra (@neeleshmisra) March 13, 2019
मनोज की फिल्म ‘गली गुलियां’ को बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल और 2017 मियामी फिल्म फेस्टिवल, इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ लॉस एंजिल्स, अटलांटा फिल्म फेस्टिवल, 42वें क्लीवलैंड इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, शिकागो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल और 2018 इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न में दिखाया गया था.