Hindi

इन 4 सुपरस्टार्स का नहीं था कोई फिल्मी बैकग्राउंड

कहते हैं जब चाहत की उड़ान पक्की हो तो कोई भी तूफ़ान उसे रोक नहीं सकता. ठीक उसी तरह आज के इन 4 सुपरस्टार्स ने कड़ी मेहनत और अपने बुलंद हौसले के दम पर ना सिर्फ मंज़िल को हासिल किया बल्कि करोड़ों अरबों दिलों पे राज़ किया है. मै यहाँ जिन सुपरस्टार्स की बात कर रही हूँ वो हैं जॉनी लिवर, अक्षय कुमार, इरफ़ान खान और नवाज़ुद्दीन सिद्धिकी.

बॉलीवुड के इन 4 सुपरस्टार्स के स्टारडम से तो हर कोई वाकिफ है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस मुकाम को हासिल करने के लिए उन्हें कितने पापड़ बेलने पड़े हैं ? नहीं ना, तो चलिए मै आपको उन अनछुए पहलु से रूबरू कराती हूँ जो हर किसी के लिए एक मिसाल का काम करता है.

जॉनी लीवर

इन 4 सुपरस्टार्स का नहीं था कोई फिल्मी बैकग्राउंड

14 अगस्त 1956 को आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले में जन्म लेने वाले जॉनी लीवर अपने दो भाइयों और तीन बहनों में सबसे बड़े हैं. उनके गरीबी का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि उनका बचपन मुंबई के धारावी इलाके में गुजरा और कमजोर आर्थिक स्थिति की वजह से सातवीं क्लास तक ही शिक्षा ग्रहण कर पाए.

घर की माली स्थिति खराब होने की वजह से जॉनी लीवर ने बड़े होने के नाते अपने पिता के साथ ही काम करने की शुरुआत कर दी। जब भी खाली समय मिलता सहकर्मियों को अपने कॉमेडी के हुनर से हंसाने का काम किया करते थे. उसी हुनर की वजह से उन्हें जॉनी लीवर नाम मिला।

मिमिक्री करने के मामले में महारथी जॉनी लीवर ने कई स्टेज शो किए. इसी तरह के स्टेज शो के दौरान अभिनेता सुनील दत्त ने जब जॉनी लीवर को देखा तो वो काफी प्रभावित हो गए और जॉनी लीवर को फिल्म ‘दर्द का रिश्ता’ में पहला ब्रेक दिया। इस फिल्म को करने के बाद फिल्मों में उनकी बेहतरीन अदाकारी ने वो जगह बना ली जिसका कोई तोड़ नहीं था.

जॉनी लीवर की पहली सफल फिल्म ‘बाजीगर’ रही. 350 से भी अधिक फिल्मों में काम कर चुके जॉनी लीवर की शख्सियत से आज हर कोई वाकिफ है.

अक्षय कुमार

इन 4 सुपरस्टार्स का नहीं था कोई फिल्मी बैकग्राउंड

पंजाब के अमृतसर में जन्म लेने वाले अक्षय कुमार के पिता मिलिट्री में ऑफिसर रैंक पर थे. उनकी मां का नाम अरुणा भाटिया है और अक्षय की एक बहन अलका भाटिया हैं. मुंबई के डॉन बॉस्को स्कूल से उन्होंने अपनी स्कूलिंग की और फिर मुंबई के ही गुरु नानक खालसा कॉलेज से आगे की पढ़ाई पूरी करने के बाद अक्षय कुमार ने ताइकक्वांडो में ब्लैक बेल्ट हासिल किया और फिर मार्शल आर्ट्स की पढ़ाई उन्होंने थाईलैंड के बैंकॉक से की. बैंकॉक से आने के बाद खिलाड़ी कुमार ने फोटोशूट करवाया और फिर उन्हें फिल्म ‘दीदार’ में काम मिला।

लीड रोल के तौर पर अक्षय कुमार को फिल्म ‘सौगंध’ में काम मिला था. इससे पहले अक्षय ने मार्शल आर्ट्स के प्रशिक्षक के रूप में फिल्म ‘आज’ में अभिनय किया था. शुरुआत में तो उन्हें कुछ अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई थी लेकिन खिलाड़ी सीरीज ने उन्हें हिंदी सिनेमा जगत का ‘खिलाड़ी कुमार’ बना दिया. बता दें कि आज का सुपरस्टार फिल्मों में आने से पहले बैंकॉक में वेटर और कुक के तौर पर काम कर चुका है.

फिल्मों में प्रसिद्धि हासिल करने से पहले अक्षय कुमार को भी कई बार रिजेक्शन के दौर से गुजरना पड़ा था. फिल्मों में काम पाने के लिए उन्हें काफी पापड़ बेलने पड़े थे. आज के इस सुपरस्टार को भी आसानी से सफलता हाथ नहीं लगी थी.

इरफान खान

इन 4 सुपरस्टार्स का नहीं था कोई फिल्मी बैकग्राउंड

अपनी आंखों से ही पूरे अभिनय को कर दिखा देने वाले इरफान खान कि जितनी तारीफ की जाए वो कम है. लीक से हटकर फ़िल्में करना और फिर उस फिल्म को सफलता के मुकाम तक पहुंचाना कोई इरफान खान से सीखे.

जयपुर के मुस्लिम परिवार में जन्म लेने वाले इरफान खान को अपने M.A. की पढाई के दौरान नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में आगे की पढाई के लिए स्कॉलरशिप मिल गया था.

आज के इस सुपरस्टार को भी फिल्मों में आने से पहले काफी स्ट्रगल करने पड़े थे. शुरुआत में उन्होंने टीवी सीरियल मे भी अभिनय किया जिनमें ‘भारत एक खोज’ ‘चंद्रकांता’ और ‘चाणक्य’ जैसे धारावाहिक शामिल हैं. उनके फिल्मी करियर की बात करें तो उन्होंने ‘सलाम मुंबई’, में एक छोटा सा किरदार निभाया था. इसके बाद इरफान खान ने कई फिल्मों में काम किया लेकिन पहचान उन्हें फिल्म ‘मकबूल’ से मिली. उसके बाद ‘स्लमडॉग मिलेनियर’, ‘लाइफ इन अ मेट्रो’, ‘द लंचबॉक्स’ और ‘पान सिंह तोमर’ जैसी फिल्मों ने उन्हें सफलता की बुलंदी पर ला खड़ा किया।

नवाजुद्दीन सिद्दीकी

इन 4 सुपरस्टार्स का नहीं था कोई फिल्मी बैकग्राउंड

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के छोटे से कस्बे बुढाना के किसान परिवार में जन्म लेने वाले नवाजुद्दीन सिद्दीकी आज किसी नाम के मोहताज नहीं हैं. नवाजुद्दीन ने हरिद्वार में गुरुकुल कांगड़ी यूनिवर्सिटी से साइंस में ग्रेजुएशन किया. कुछ करने का जज्बा लिए वो भारत देश की राजधानी दिल्ली आ गए लेकिन पेट पालने के लिए पैसे की किल्लत ने उन्हें चौकीदार तक बना डाला. कहते हैं ना कि जब आपके अंदर हुनर और कुछ करने जज़्बा हो तो एक न एक दिन आपका हुनर उभरकर लोगों के सामने आ ही जाता है. इसी तरह नवाजुद्दीन सिद्दीकी की क्रिएटिविटी ने उन्हें आगे बढ़ने का बुलंद हौसला दिया और उन्होंने दिल्ली के ही नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन ले लिया. साल 1996 में ग्रेजुएशन पूरा कर साक्षी थिएटर ग्रुप को ज्वाइन कर लिया. और फिर वहीं काम करने की शुरुआत कर दी.

थिएटर करने के दौरान उन्हें सौरव शुक्ला और मनोज वाजपेई जैसे कलाकारों के साथ काम करने का बेहतरीन मौका प्राप्त हुआ लेकिन असली संघर्ष की दास्तान तब शुरू हुई जब वो बॉलीवुड नगरी मुंबई आए. लगातार उन्हें रिजेक्शन के दौर से गुजरना पड़ा. उनके साथ आए कई दोस्त थक हारकर वापस घर लौट गए लेकिन नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने हार नहीं मानी और अपनी मंजिल पाने में डटे रहे।

कई सालों की कड़ी मेहनत के बाद साल 2010 में आमिर खान के प्रोडक्शन में बनी फिल्म ‘पीपली लाइव’ में नवाजुद्दीन सिद्दीकी को अपने अभिनय क्षमता को दिखाने का मौका मिला. फिर क्या था उनके एक्टिंग का लोहा हर किसी ने मान लिया. उसके बाद तो फिल्म ‘कहानी’, ‘तलाश’, ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर-1,2’, ‘पान सिंह तोमर’ जैसी फिल्मों ने उन्हें सफलता की बुलंदी पर पहुंचाने का काम किया. हालात ऐसे हो गए कि हर साल फिल्म फेस्टिवल में जाने वाली उनकी फिल्मों की संख्या में इजाफा होता चला गया. और वहां स्टैंडिंग ऑवीशन मिलना उनके लिए आम बात बन गई.

एक वो भी दिन थे जब सुपरस्टार नवाजुद्दीन सिद्दीकी के बारे में इंडस्ट्री के कई लोग कहा करते थे कि ‘नवाजुद्दीन कभी स्टार नहीं बन सकते’।

दोस्तों, आज के समय के ये सुपरस्टार्स ना सिर्फ भारतवासियों के दिलों में राज करते हैं बल्कि दुनियाभर में उनके चाहने वालों की संख्या अनगिनत हैं. उन्होंने लोगों के दिलों पर अपने अभिनय की ऐसी छाप छोड़ी है जो हमेशा के लिए अमर हो चुकी है और हर किसी के लिए मिसाल बन चुके हैं ये सुपरस्टार्स।

Related Articles

Back to top button