मुझे कभी इंडिया में हैंडसम नहीं बुलाया गया जबकि अमेरिका में मुझे हैंडसम कहा जा रहा है : नवाजुद्दीन सिद्दीकी
नवाजुद्दीन सिद्दीकी का कहना है कि वह फिल्मी दुनिया के ग्लैमर की चकाचौंध की परवाह नहीं करते। हॉलिवुड पत्रकारों द्वारा उन्हें ‘हैंडसम’ कहने और इटैलियन ऐक्टर मार्सेलो मास्ट्रोयानी से तुलना करने पर उन्होंने कहा, ‘अमेरिकन सिनेमा पर किताबें छापने वाले बेस्ट पब्लिशरों में से एक द्वारा मुझे हैंडसम बताए जाने को मैं तवज्जो देता हूं। मुझे कभी मेरे अपने देश में हैंडसम नहीं बुलाया गया, लोगों द्वारा नहीं, मेरा काम पसंद करने वाले क्रिटिक्स ने भी नहीं। इसलिए यह बड़ी छलांग है।’
उन्होंने कहा, ‘…और रही बात मार्सेलो से तुलना करने की तो वह इतने अच्छे अभिनेता हैं, इतने कुशल और इतनी दिलचस्पी से स्क्रीन पर प्रस्तुति देते हैं। जब मैं उन्हें निर्देशक विटोरियो डी. सिका की फिल्म में अभिनय करते हुए देखता हूं तो मुझे आश्चर्य होता है कि अभिनय में इस स्तर की वास्तविकता भी हो सकती है।’
मंटो में अपने अभिनय पर उन्होंने कहा, ‘मैंने सादत हसन मंटो की तरह जितना संभव हो सका उतना शांत और नियंत्रित रहने की कोशिश की। मंटो ने कभी ऊंची आवाज में बात नहीं की, फिर भी उन्हें लोगों को अपनी बात बताने में कभी परेशानी नहीं हुई। हम जितनी ऊंची आवाज में बात करते हैं उतना ही अपनी पहचान खोने की, अपनी असुरक्षा की भावना उजागर करते हैं। हम भारतीय भी ऊंची आवाज में बात करते हैं।’