Hindi

Bob Marley Birthday : भारत से बहुत प्यार था बॉब बॉब मार्ले को आइए जानते हैं जमैकन लेजेंड बॉब मार्ले के बारे में…

जमैका के मशहूर गायक और संगीतकार बॉब मार्ले (Bob Marley) का आज जन्मदिन है। 6 फरवरी, 1945 को जमैका में जन्में बॉब मार्ले का माता पिता ने नेस्टा रॉबर्ट मार्ले नाम रखा था लेकिन पासपोर्ट में एक गलती की वजह से उनका नाम रॉबर्ट नेस्टा मार्ले हो गया। इतना ही नहीं उनके जन्मदिन की तारीख उनके सर्टिफिकेट में 6 अप्रैल लिखी गई थी क्योंकि उनकी मां को उनके जन्मदिन की तारीख रजिस्टर कराने में थोड़ा वक्त लग गया था। आइए जानते हैं जमैकन लेजेंड बॉब मार्ले के बारे में…

भारत में उनकी लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि यहां हर जगह उनके नाम की टी-शर्ट और पोस्टर्स बिकते हुए मिल जाएंगे। बॉब ने अपने करियर की शुरुआत साल 1963 में ‘द वेलर्स’ ग्रुप के साथ की थी और लंबे संघर्ष के बाद साल 1977 में उनका सोलो एलबम एक्सोडस रिलीज हुआ। इसने सफलता के सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले। इसकी कुल 7.5 करोड़ प्रतियां बिक चुकी हैं।

 


क्या आप जानते हैं बॉब हाथ की रेखाएं पढ़ते थे। पहले तो किसी को इस बात पर यकीन नहीं हुआ लेकिन जब उनके द्वारा कही गईं बातें सच होने लगी तो उनकी मां को यकीन हुआ। बाद में उन्होंने ये काम छोड़ दिया और गायक बन गए।


बॉब ने दुनिया की समस्याओं को अपने गीतों के जरिए उजागर किया। उनके गीतों को सुनने वाले खुद को उनके रहन-सहन से और उनकी बातों से जुड़ाव महसूस करते थे। फैंस का मानना है कि बॉब के म्यूजिक में एक जादू है। आप चाह कर भी उससे दूर नहीं जा सकते।

बॉब मार्ले और उनके बैंड ‘Wailers’ के आने के बाद Reggae म्यूजिक को दुनिया के कोने-कोने में सुना जाने लगा। पहले Reggae म्यूजिक सिर्फ जमैका में पसंद किया जाता था। बॉब को किंग्सटन में व्हाइट बॉय के नाम से जाना जाता था। बॉब बेहद दयालु इंसान थे। उन्होंने गरीबी का अनुभव किया था, फिर जब उनके पास पैसे आ गए तो उन्होंने अपने दोस्तों और गरीब लोगों को जमैका में ही घर खरीदकर दिए।

बॉब बेहद धार्मिक व्यक्ति थे। 1977 में फुटबॉल खेलते हुए उन्हें चोट लग गई। डॉक्टरों ने उन्हें पैर कटवा लेने की सलाह दी लेकिन बॉब ने धार्मिक चीजों के बारे में सोचते हुए ऐसा कराने से मना कर दिया। बाद में वो ट्यूमर इतना फैल गया कि 11 मई 1981 को बॉब की जान चली गई। बॉब को उनके घर के गार्डन में दफनाया गया।

Related Articles

Back to top button