Hindi

दुनिया के टॉप 10 आविष्कार जो भारत ने किए, जाने

भारत ने विश्व को 0 ही नहीं बहुत कुछ दिया है. यदि कोई भारत को निचा दिखाता है तो हम सिर्फ इतना ही कहते हैं की अगर भारत ना होता तो कोई वैज्ञानिक चन्द्रमा और पृथ्वी की दुरी नहीं माप पाता. और ऐसा ना होता तो कोई भी चन्द्रमा तक नहीं पहुँच पाता, जी हाँ अगर भारत ने विश्व को 0 नहीं दिया होता तो आज संसार में कुछ भी नहीं होता, ना सड़के बनती और ना ही गणित का हल होता. आज दुनिया में 0 है तभी सब कुछ है. खैर आज मैं भारत के कुछ ऐसे ही आविष्कार आपके सामने लेकर आया हूँ.

विमान – आज किताबों में लिखा मिलता है की हवाई जहाज का निर्माण राईट ब्रदर्स ने किया था. पर शायद इतिहास में ऋषि भारद्वाज का लिखा हुआ विमान शास्त्र किसी ने पढ़ा नहीं होगा. इसमें भारद्वाज ने विमान बनाने की तकनीक को लिखा है और इससे पहले किसी ने भी विमान बनाने की विधि का जिक्र नहीं किया है. हाँ यह सच है की विमान को आधुनिक रूप राईट ब्रदर्स ने दिया था ना की राईट ब्रदर्स ने हवाई जहाज को बनाया है.

अस्त्र-शस्त्र – आप सोच रहे होंगे की हम तलवारों की बात कर रहे हैं पर नहीं हम बंदूक , टॉप, मिसाइल और विषेली गैस की बात कर रहे हैं. आधुनिक काल में इनका रंग रूप बदला है. पर प्राचीन काल में भारत ने इनका अविष्कार बहुत पहले कर दिया था. इनके नाम कुछ इस तरह हुआ करते थे ‘आग्नेयास्त्र,वरुनास्त्र.पाशुपतास्त्र,सर्पअस्त्र, ब्रह्मास्त्र. तो आधुनिक काल में सिर्फ इनका रूप और नाम बदला है बल्कि इनका निर्माण भारत ने बहुत पहले कर दिया था.

पहिए का अविष्कार – पहिए के निर्माण को वैज्ञानिक कुछ अलग बताते है पर हम कहते हैं की पहिए का निर्माण पञ्च हजार साल पहले ही भारत में हो गये थे. आपको महाभारत युद्ध तो याद होगा उसमे रथों का जिक्र किया गया है. ऐसे में अगर पहिए ना होते तो क्या रथ चल पाते. विज्ञान ने लोगों को कुछ अलग बताया है पर भारतीय इतिहास में पहियों का जिक्र बहुत सालों पहले ही किया गया है.

प्लास्टिक सर्जरी – लोगों का मनना है की प्लास्टिक सर्जरी हाल ही में की गई विज्ञान की खोज है. पर शायद यह पता नहीं की इतिहास में यह कला भी भारत की दी हुई है. सुश्रुत के नाम से तो आप परिचित होंगे, शायद आपको पता होगा की सुश्रुत पहले धन्वन्तरी हुए थे जो किसी भी खराब हुए अंग को ठीक करने में माहिर थे. आज भी अनेक शल्य क्रिया सुश्रुत के लिखे तरीको से की जाती है.

बिजली का निर्माण – बिजली का निर्माण थोमस एडिसन ने किया था. इस बात में कोई शक नहीं है पर थोमस की लिखी डायरी में एक बात आज भी भारत को बिजली का जनक कहती है. उन्होंने लिखा ‘आज रात मैं संस्कृत का एक वाक्य पढ़ते पढ़ते सो गया था, और गहन अध्यन की वजह से रात को मुझे सपने में उस श्लोक का हल मिला और मुझे बिजली बनाने का तरीका मिल गया’. यह श्लोक महर्षि अगस्त्य सहिंता का था

संस्थाप्य मृण्मये पात्रे
ताम्रपत्रं सुसंस्कृतम्‌।
छादयेच्छिखिग्रीवेन
चार्दाभि: काष्ठापांसुभि:॥
दस्तालोष्टो निधात्वय: पारदाच्छादितस्तत:।
संयोगाज्जायते तेजो मित्रावरुणसंज्ञितम्‌॥
-अगस्त्य संहिता

बटन का निर्माण – शायद आपको यह पहले पता नहीं होगा पर बटन का निर्माण भी भारत में ही हुआ था. इसका पहला प्रमाण हमें मोहन जोदड़ो की खुदाई में मिला था.

ज्यामिति – ज्यामिति का निर्माण बौधायन ने किया था.

 

Related Articles

Back to top button