एक बार फिर से Oscars की रेस से बाहर हुई भारत की विलेज रॉकस्टार्स, इन फिल्मों ने पछाड़ा
विलेज रॉकस्टार्स को विदेशी भाषा श्रेणी में अगले राउंड की वोटिंग के लिए 9 फिल्मों में जगह नहीं मिली है. दी एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेस ने सोमवार को बेस्ट फ़ॉरेन कैटेगरी के लिए अगले राउंड में चुनी गई फिल्मों के नाम की घोषणा कर दी. रीमा दास विलेज रॉकस्टार्स का निर्देशन किया है.
बर्ड्स ऑफ;पैसेज (कोलंबिया), द गिल्टी (डेनमार्क), नेवर लुक अवे (जर्मनी), शॉपलिफ्टर्स (जापान), आयका (कजाकिस्तान), कैपरनाम (लेबनान), रोमा (मैक्सिको), कोल्ड वार (पोलैंड) और बर्निंग (साउथ कोरिया) फ़िल्में फ़ॉरेन कैटेगरी में वोटिंग के लिए अगले राउंड में पहुंची हैं. बताते चलें कि 91वें एकेडमी अवॉर्ड्स के लिए दुनियाभ र की 87 फ़िल्में इस कैटेगरी में सबमिट की गई थीं.
ऑस्कर्स में विदेशी भाषा फिल्म श्रेणी में शीर्ष पांच तक अब तक भारत की सिर्फ तीन ही फिल्में पहुंच पाई है, जिसमें ‘मदर इंडिया’, ‘सलाम बॉम्बे’ और ‘लगान : वंस अपॉन ए टाइम इन इंडिया’ है.
फिल्म का लेखन, निर्देशन रीमा दास ने किया है. उन्होंने अपनी फिल्म का बैकग्राउंड असम का छोटा सा गांव छायगांव रखा है. ये 10 साल की लड़की धुनू की कहानी है. जो अपनी विधवा मां के साथ रहती है. धुनू आसपास होने वाले आयोजनों में सांप बेचने में अपनी मां की मदद करती है. इसी दौरान वह एक रोज एक बैंड को परफॉर्म करते देखती है और मंत्रमुग्ध हो जाती है.