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इस पत्रकार ने सुनाई तनुश्री - नाना विवाद की आँखों देखी कहानी " मैं वो पहली
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इस पत्रकार ने सुनाई तनुश्री – नाना विवाद की आँखों देखी कहानी

तनुश्री दत्ता-नाना पाटेकर मामले में बॉलिवुड के तमाम सितारों की प्रतिक्रिया लगातार आ रही है, लेकिन अधिकतर सितारों की बातों से साफ झलक रहा है कि उन्हें तनुश्री दत्ता की बातों में शंका है, उनका कहना है कि इस पूरे मामले की जांच जरूरी है.

लगभग दो दशकों से फिल्म पत्रकारिता कर रहीं सरिता सिंह इस घटना की रिपोर्ट पहले दिन से कर रही थीं। सरिता वह पहली पत्रकार थीं, जो घटना के तुरंत बाद तनुश्री के साथ लगातार 48 घंटो तक साथ और सम्पर्क में थीं। वह पूरे समय तनुश्री की आंखों और बातों में उसी सच्चाई की तलाश कर रही थीं, जिसके सबूत किसी के पास नहीं थे।

नवभारत टाइम्स को दिए हुए इंटरव्यू में सरिता ने कहा, ‘यह साल 2008 की शुरुआत का समय था, इसी समय मैंने एक नई कंपनी में ज्वाइन किया था। मैं हर खबर को लेकर बेहद सतर्क रहती थी और उस दिन भी मुझे एक मेसेज आया था कि फिल्म हॉर्न ओके प्लीज का ऑन लोकेशन शूट है, अपनी टीम भेज दीजिए। मैंने अपनी टीम सेट पर भेज दी। यह शूट 11 बजे से करीब 2 बजे के आस-पास तक चला। स्टोरी जल्दी फाइल करनी थी इसलिए हम जल्दबाजी में भी थे। लंच टाइम के बाद लगभग 3 बजे के आस-पास शायद फिल्म के प्रड्यूसर या निर्देशक का फोन मेरे पास फिर से आया कि सेट पर तनुश्री ने गाना शूट करने से इंकार कर दिया है। अब इस तरह की खबर बॉलिवुड के रिपोर्टर के लिए ध्यान देने वाली खबर बनती है कि सुबह से एक गाने की शूटिंग हो रही थी और अचानक फिल्म की हिरोइन गाना शूट करने से इंकार कर रही हैं। फिल्म से नाना पाटेकर, तनुश्री और गणेश आचार्य जैसे नामचीन लोगों का नाम जुड़ा था तो खबर और बड़ी बन गई थी। हम फिर से आनन-फानन में गोरेगांव वेस्ट में स्थित फिल्मिस्तान स्टूडियो की तरफ भागे। वहां पहुंचे तो पाया कि अब तक इक्का-दुक्का मीडियाकर्मी ही मौजूद थे, कोई ज्यादा भीड़ नहीं थी।’

सरिता आगे बताती हैं, ‘अब तक यह खबर थी कि तनुश्री ने शूट करने से इंकार कर दिया है और अब तनुश्री के माता-पिता सेट पर आ गए थे और वह शूट छोड़कर घर जाने के लिए निकल रही थीं। जब गाड़ी बाहर जानें लगी तो एक कैमरा इस पूरे वाकये को कैप्चर कर रहा था। तनुश्री के पिता नहीं चाहते थे कि अब कोई भी कवरेज हो, इसलिए वह इशारे से कैमरामैन को शूट करने से रोक रहे थे, लेकिन वह कैमरामैन उनकी बात नहीं मान रहा था। इस समय धक्का-मुक्की के दौरान तनुश्री के पिता द्वारा उस कैमरामैन का कैमरा टूट गया और वह गुस्से में आ गया। यहां एक बात यह भी बताना जरूरी है कि किसी भी मीडिया हाउस में जब भी कैमरे को कोई भी नुकसान होता है, तो उसका हर्जाना कंपनी कैमरामैन से भरवाती है। शायद यही वजह थी कि वह कैमरामैन अपना कैमरा टूटने के बाद तनुश्री और उनके पिता को रोक कर अपने कैमरे टूटने की बात करना चाहता था, लेकिन ऐसे माहौल में तनुश्री के पिता कोई बात नहीं करना चाहते थे और उनका सख्त रवैय्या देखकर उस कैमरामैन ने अपने कैमरे से ही गाड़ी की खिड़की और सामने के कांच वाले हिस्से पर वार करना शुरू कर दिया था। इस दौरान वह कैमरामैन चोटिल भी हुआ।’

उस पूरे माहौल के बारे में सरिता ने बताया, ‘इस पूरे समय तनुश्री का चेहरा बिना कुछ कहे यही कह रहा था कि वह फिलहाल इस मामले में कुछ भी बात नहीं करेंगी। कुछ भी हो जाए वह कुछ नहीं कहेंगी। हमने यह माहौल देखकर खबर चलाई कि मीडिया के गुंडे। तनुश्री और उनका परिवार बॉलिवुड में नया-नया था। यह हादसा भी उनके लिए नया था। नाना पाटेकर, गणेश आचार्य जैसे बड़े-बड़े नाम होने की वजह से तनुश्री कुछ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थीं। तनुश्री जब स्टूडियो से निकलने वाली थीं तब वहां बहुत भीड़ हो गई थी। एक तो सेट पर 150 डांसर थे, वह बाहर आ गए, बाकी फिल्मों की शूटिंग वाले भी वहां तमाशा देखने के लिए आ गए और स्टूडियो का दरवाजा खुला होने की वजह से आम पब्लिक भी स्टूडियो के अंदर आ गई। इतनी भीड़ थी कि गाड़ी निकलने की जगह नहीं थी। भीड़ ने तनुश्री का रास्ता रोक लिया था। जहां तक मुझे याद आता है, यह सब मामला दोपहर 4 बजे से लेकर 8 बजे रात तक तो चला ही था। जब तनुश्री ने देखा कि भीड़ उन्हें सेट से बाहर नहीं जाने दे रही, तब उन्होंने पुलिस वालों को फोन किया और मदद मांगी। शायद स्टूडियो वाले और फिल्म के निर्माता ने स्टूडियो का गेट बंद करवा दिया था। स्टूडियो के बाहर जो सड़क है, वह जाम हो गई थी। थोड़ी ही देर में पुलिस आ गई, स्टूडियो का दरवाजा खुलवाया और कैमरामैन को पुलिस की गाड़ी में बैठाया। भीड़ को किसी तरह पीछे किया और तनुश्री अपने घर रवाना हुईं।’

तनुश्री से हुई बातचीत के बारे में सरिता बताती हैं, ‘इस बीच मेरी फोन पर तनुश्री से बात हो गई थी और मैं फटाफट उनके घर पहुंची। रात करीब 9:30 बजे मेरी तनुश्री से उनके घर पर मुलाकात हुई। तनुश्री से मेरी बात शुरू हुई उन्होंने मुझे वही सब बातें बताईं जो वह अभी भी बोल रही हैं। मैंने इस बीच तमाम इंटरव्यू देखें, तनुश्री ने कभी भी अपना बयान नहीं बदला। वह वही सब बातें आज भी कर रही हैं, जो उन्होंने 10 साल पहले कही थीं। कोई आर्टिस्ट अगर किसी फिल्म की शूटिंग किसी भी वजह से बीच में छोड़ कर जा रहा है तो कोई निर्माता उसे जबरदस्ती नहीं रोक सकता, हां ऐसे समय में वह कानूनी मदद जरूर ले सकता है, लेकिन तनुश्री के मामले में उनपर दबाव बनाया जा रहा था। उस समय भी हमने इस खबर को खूब चलाया था, कि आखिर तनुश्री के साथ हुआ क्या था। तनुश्री ने मुझे बताया था कि जबसे मैंने फिल्म साइन की थी और फिल्म की रिहर्सल या मीटिंग-रीडिंग में जाती तो नाना पाटेकर की उपस्थति उन्हें अन्कम्फर्टबल कर देती थी, वह उनके करीब आने की कोशिश करते और ऐसी बातें करते थे, जो तनुश्री को अन्कम्फर्टबल करती थीं।’

सरिता कहती हैं, ‘इन मामलों में कुछ बातें या इशारे ऐसे होते हैं, जिनको शब्दों में समझाना या बयान करना बहुत मुश्किल होता है। इन हरकतों के कोई पुख्ता सबूत भी नहीं होते हैं। मैं एक महिला हूं, इसलिए उस रात तनुश्री से लंबी बात-चीत करने के बाद यह समझ गई थी कि तनुश्री की बातों में सच्चाई है। महिला होने के साथ ही मैं पत्रकार भी हूं, तमाम लोगों से सच्ची-झूठी कहानियां और बयान सुनना मेरा काम है। यह भी समझती हूं कि कौन सा चेहरा सच बोल रहा है और कौन झूठ। पत्रकारिता में हम बॉडी लैंग्वेज पढ़कर भी खबरें बनाते हैं। मैं बहुत अच्छी तरह समझ गई थी कि तनुश्री मानसिक रूप से बेहद आहत हैं। सेट या फिल्म छोड़कर निकलने का यह निर्णय उनके लिए बेहद मुश्किल था। यह वह दौर भी था, जब कोई हिरोइन किसी के बारे में कोई भी गलत बात कह दे तो उसे बॉलिवुड में कोई काम नहीं देता था। 2008 तक बॉलिवुड की हिरोइन को हॉलिवुड की फिल्मों में काम करने का भी अनुभव नहीं था। इंडस्ट्री में अब तक पारंपरिक तरीके से काम हो रहा था। तनुश्री यह अच्छी तरह जानती-समझती थीं कि उनकी एक आवाज उनके बने-बनाए बेहतरीन करियर को तबाह कर देगी। मिस इंडिया के दौरान वह देश-दुनियां में घूम चुकी थीं। वह सब कुछ अच्छी तरह समझ रही थीं।’

सरिता उस समय तनुश्री की मनोदशा के बारे में बताते हुए कहती हैं, ‘न जाने उस लड़की ने कितना सोच-समझ कर साहस जुटाया होगा और अपना करियर दांव पर लगाते हुए नाना पाटेकर द्वारा की गई हरकत को बताया होगा। यह काम आसान नहीं होता। अगर वह करियर को लेकर बेहद महत्वकांक्षी लड़की होतीं तो शायद यह शोषण सह लेती और चुपचाप काम करती रहती। आज जब लोग उस घटना का सबूत मांगते हैं, तब मैं सोच में पड़ जाती हूं कि गलत ढंग से छूने, नजरों से रेप करने या उस अन्कम्फर्टबल माहौल का सबूत कैसे दिया जाएगा। पिछले दिनों ही हॉलिवुड में जब metoo अभियान के तहद इस तरह की शिकायतें सामने आईं तो वहां की सरकार ने किसी से कोई सबूत नहीं मांगा, उन्होंने सिर्फ ऐक्शन लिया। ऐसा कब होगा भारत में, जब भारतीय महिला हो इस तरह के मामलों में कोई सबूत नहीं देना पड़ेगा।’

सरिता बताती हैं, तनुश्री ने मुझे कहा था, नाना जब भी आते… हर बार उनकी नजर में गलत इशारे होते थे, जिसे सिर्फ वही समझ पाती थीं। एक महिला होने के नाते मैं आपको बतादूं कि किसी भी व्यक्ति की नजर आपके प्रति कैसी है, कोई भी महिला यह अच्छी तरह भांप लेती है। यह सेन्स एक महिला में बचपन से ही होता है।’

सरिता ने 5 साल बाद फिर से तनुश्री से सम्पर्क किया। वह बताती हैं, ‘खैर इस घटना के सालों बाद साल 2013 में मैंने तनुश्री से फिर संपर्क किया। उस दिनों हम ऐसी हिरोइन पर स्टोरी कर रहे थे, जो बॉलिवुड से गायब हो गई थीं। मैंने फोनकर तनुश्री से पूछा कहां हो? जवाब में उन्होंने बताया अब वह एक अलग दुनियां में हैं, ग्लैमर से बहुत दूर। उन्होंने मुझे अपनी कुछ तस्वीरें भेजीं, जिमनें उनके बाल नहीं थी। उन्होंने अपना सर मुडा लिया था।

एक बार फिर से उन तस्वीरों को देखकर मैं हैरत में थी। मैं अंदर ही अंदर बेहद परेशान हो गई। मेरे ऑफिस में मीटिंग हुई और मैंने तनुश्री का हाल सबको बताया। हमने उनके इस हाल पर एक शो किया और फोन पर उनसे बात की। अपनी आंखों के सामने मैंने एक बेहद खूबसूरत मिस इंडिया और बाद में स्टार का जन्म देखा था। करियर के हिसाब से मैंने उसकी तबाही भी देखी। उस एक घटना ने उसका सुनहरा करियर तबाह कर दिया था। 10 साल बाद जब लोग उस तबाह हुई लड़की से उसकी तबाही का सबूत मांग रहे हैं तो मेरे सामने तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। कल नाना पाटेकर और विवेक अग्निहोत्री की नोटिस के बाद, तनुश्री का बयान पढ़ा तो लगा कि कहीं वह फिर से न टूट जाए, इसलिए मैं भी सामने आई।’

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