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रणबीर कपूर के पैदा होने पर राज कपूर ने वसीयत में लिखी थी ये शर्तें ?
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रणबीर कपूर के पैदा होने पर राज कपूर ने वसीयत में लिखी थी ये शर्तें ?

रणबीर कपूर का जन्म 28 सितंबर 1982 को हुआ. उनके जन्म पर वैसे तो कपूर खानदान का हर शख्स खुश था, लेकिन राज कपूर की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था. इसकी एक खास वजह थी. दरअसल, राज कपूर को पहला पोता मिला था, जो उन्हें दादा कहेगा. बाकी सभी उनकी पोतियां थीं या फिर उन्हें दूसरा सरनेम मिलने वाला था.

ऋषि ने अपनी किताब खुल्लम-खुल्ला में राज कपूर के रणबीर से इस प्यार के बारे में कई बातें बताई थीं. रणबीर के जन्म के समय परिवार में खुशी का माहौल कुछ अलग ही था. रणबीर से पहले राज कपूर को दादा कहने वाला उनका कोई पोता नहीं था.

ऋषि की बहन के बच्चों के साथ सरनेम कपूर नहीं जुड़ा था. फिर ढब्बू जी यानी रणधीर कपूर की दो बेटियों करिश्मा और करीना का सरनेम भी शादी के बाद बदल जाने वाला था.

ऐसे में शायद राज कपूर को अपने फैमिली ट्री के लिए एक पोते का बेसब्री से इंतजार था. रणबीर के जन्म पर ये इंतजार खत्म हुआ था.

जिन तोहफे की बात हो रही हैं, उनमें एक था कपूर खानदान का खानदानी सोने का सिक्का. इस पर अफगानी में कुछ अक्षर दर्ज हैं. बता दें कि कपूर परिवार का संबंध पेशावर से है. रणबीर कपूर के परदादा बाश्वेश्वरनाथ कपूर पेशावर में तहसीलदार थे.

पेशावर नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर प्रोविनेंस में स्थित है. इसकी सीमा अफगानिस्तान से लगी है. बताया जाता है कि सोने के उस सिक्के के अलावा सोने के सिक्कों का एक नेकलेस भी राज कपूर ने रणबीर को ही दिया था.

जाहिर है पीढ़ी दर पीढ़ी ये विरासत आगे बढ़ती जाएगी, मगर वो अहसास जो रणबीर कपूर को मिला, वह सिर्फ उनके हिस्से में ही रहेगा और अनमोल रहेगा.

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