मशहूर राइटर और एक्टर नीरज वोरा की ज़िन्दगी से जुडी कुछ अनकही बातें !
हिंदी सिनेमा के एक बहुत ही काबिल डायरेक्टर, राइटर, एक्टर और कम्पोज़र नीरज वोरा (54) अब इस दुनिया में नहीं रहे। बड़े ही दुःख के बाद यह बात बताई जारही है की आज सुबह 4 बजे मुंबई के कृति केयर अस्पताल में उनका निधन हो गया है। उनकी तबियत साल 2016 से ख़राब चल रही थी। उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हुआ था जिसके कारन वह कोमा में चले गए थे। कोमा में जाने से पहले वह फिल्म हेरा फेरी 3 पर काम कर रहे थे। नीरज वोरा, फ़िरोज़ नाडियाडवाला के बहुत ही अच्छे दोस्त थे। फ़िरोज़ उनके लिए अपने घर के दरवाज़े हमेशा खुला रखते थे।
नीरज वोरा का जन्म 22 जनवरी 1963 में गुजरात में हुआ था।
लिखने के साथ वह बहुत सारी फिल्मों में अभिनाय कर चुके है। जैसे मन, दौड़, बोल बच्चन,पुकार, बादशाह, सत्या, राजू बन गया जेंटल मैन, विरासत और वेलकम बैक।
नीरज वोरा की ज़िन्दगी से जुडी कुछ अनकही बातें :
1- नीरज वोरा के पिता एक क्लासिकल म्यूजिशियन थे। जो तार-शेहनाई बजाया करते थे। बचपन में वोरा को फिल्मे देखने की इजाज़त नहीं थी। मगर उनकी माँ फ़िल्में देखनी की ज़बरदस्त शौक़ीन थी। और उन्हें चोरी चुपके फ़िल्में दिखने के लिए ले जाती थी।
2- नीरज मुंबई के प्यूपिल’स ओन स्कूल में पढ़ते थे। जहाँ के स्टूडेंट उनके पिता के पास क्लासिकल म्यूजिक सीखने जाया करते थे। नीरज वोरा बच्चों को हारमोनियम पर बॉलीवुड के गानों की धुन सिखाते थे। इस वजह से वह स्कूल में बहुत मशहूर हुए थे।
3- उन्हें 6 साल की उम्र से ही थिएटर ड्रामा से लगाव था और 13 साल की उम्र आने तक यह उनके लिए एक जुन्नों बन गया था। उनके इस जूनून को देख कर वोरा के पिता ने उन्हें अपने पैशन के लिए भरपूर समर्थन किया था। और उनके पिता की बदौलत उन्हें गुजराती ड्रामे में काम करने का मौक़ा मिला।
4- हिंदी फिल्मों में आने से पहले उन्होंने राइटर के तौर पर टीवी के कुछ सीरियल जैसे छोटी बड़ी बातें, सर्किस वगैरा में काम किया है। बतौर अभिनेता काम करने के लिए रंगीला उनकी पहली फिल्म थी। कॉलेज के समय उन्होंने कई सारे इंटरकॉलिजिट अवार्ड्स भी जेते थे।
5- रंगीला फिल्म की कहानी उन्होंने ही लिखी थी। फिल्म के दौरान जब एक सपोर्टिंग एक्टर वहाँ से चले गए तो वोरा ने कैमरा के सामने आकर नशेबाज़ मेहमान की एक्टिंग की और उस फिल्म का हिस्सा भी बन गए।
नीरज को फिल्म हेरा फेरी के लिए बेस्ट स्क्रीन प्ले और बेस्ट डायलॉग्स का अवार्ड मिल चुका है। नीरज जैसे हसमुख और ज़िंदा दिल इंसान की कमी बॉलीवुड को वाक़ई में बहुत खलेगी।