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जानिए कांस फिल्म फेस्टिवल के बारे में सब कुछ

आज कल हर जगह  कान्स फिल्म फेस्टिवल की चर्चा है, फ्रांस  के कान्स  से शहर  में 1946 से शुरू हुए मशहूर कान्स फिल्म फेस्टिवल को 71 साल पूरे हो गए हैं दुनिया की श्रेष्ठ फिल्मों और सितारों के इस जमावड़े में इंडियन पैवेलियन बनने के साथ भारत की भागीदारी मजबूत हुई है, 71वें फेस्टिवल में जहां सऊदी अरब पहली बार शामिल हो रहा है, वहीं भारत से 7 नए सितारे पहुंच रहे हैं श्रीदेवी को सम्मान देने के लिए उनके पूरे परिवार को खास आमंत्रण मिला है, लेकिन इस बार 19 मई तक चलने वाले इस मेगा इवेंट में वक्त की पाबंदी के कड़े नियमों के चलते कोई सेलेब्रिटी या उनके फैन रेड कार्पेट पर सेल्फी नहीं ले पाएंगे फेस्टिवल अथॉरिटी ने रेड कार्पेट के दौरान फैन्स के साथ सेलेब्स की सेल्फी बैन लगा दिया है |

 

वो 10  बातें जो 71वें कान्स फिल्म फेस्टिवल में पहली बार देखने को मिल रही हैं

  1. पहली बार रेड कार्पेट सेल्फी पर प्रतिबंध

इस बार रेड कार्पेट पर बैन लगा दिया है इसके पीछे शेड्यूल को कारण बताया गया है अधिकारियों का मानना है कि सेल्फी लेने की वजह से आयोजन में देरी होती है। आपने देखा होगा की स्टार अपने फैन के साथ सेल्फी लेते हैं जिससे इवेंट में लेट हो जाता है

फेस्टिवल से जुड़े एक उच्च अधिकारी थिअरी फ्रैमॉक्स ने कहा कि नियम तोड़ने वालों को फिल्म स्क्रीनिंग में जाने अनुमति नहीं दी जाएगी हमें फेस्टिवल की गरिमा बनाए रखनी है

यह पहली बार नहीं जब अधिकारियों ने नियमों में सख्ती बरती है 2015 में भी अथॉरिटी ने नो फ्लैट शूज नियम लागू किया था जिसकी वजह से हील्स पहनकर नहीं आने वाले स्टार्स को गाला प्रीमियर में शामिल होने नहीं दिया गया था. इस पर भी विवाद हुआ था लेकिन ये नियम अब भी है |

  1. सऊदी अरब की पहली बार एंट्री

कान्स फेस्टिवल में पहली बार सऊदी अरब 9 शॉर्ट फिल्मों के साथ शामिल हुआ है। इस दौरान विशेष तौर पर बनाए गए पैवेलियन में सऊदी अरब की संस्कृति से जुड़ी गतिविधियां भी चल रही हैं।

सऊदी अरब शासन ने अप्रैल में पिछले 35 साल से सिनेमाघरों पर लगा प्रतिबंध हटाया है।

  1. नेट फ्लिक्स पर लगा बैन

ये  पहला मौका है जब अमेरिकी एंटरटेन्मेंट कंपनी नेटफ्लिक्स को स्क्रीनिंग विवाद के चलते कान्स फेस्टिवल जैसे बड़े इवेंट से बाहर का रास्ता दिखाया गया है

नेटफ्लिक्स के चीफ कंटेन्ट ऑफिसर टेड सारांडोज ने बताया कि फेस्टिवल अथॉरिटी चाहती है कि पहले फिल्में थिएटर्स में दिखाई जाएं

कान्स के आर्टिस्टिक डायरेक्टर थिअरी फ्रैमॉक्स और स्ट्रीमिंग सर्विस के बीच तनाव बढ़ने के बाद नेटफ्लिक्स ने फेस्टिवल से हटने का फैसला किया.

  1. यौन उत्पीड़न रोकने के लिए हेल्पलाइन

हॉलीवुड के प्रोड्यूसर हार्वे विंस्टीन पर 2017 में कांस फिल्म फेस्टिवल के दौरान चार महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा था, जिसके बाद हेल्पलाइन शुरू करने का निर्णय लिया गया। हालांकि यह सेवा फिल्म इंडस्ट्री की हर महिला के लिए है।

फ्रांस की लिंग समानता मंत्री मार्लीन शियाप्पा ने कहा, “हमने कान्स फिल्म फेस्टिवल के साथ साझेदारी कर यौन उत्पीड़न से निपटने यह हेल्पलाइन बनाई है हार्वे विंस्टीन पर लगे आरोप यहीं की घटना बताई जा रही है।

  1. जाह्नवी-खुशी कपूर समेत 7 भारत सितारे

कान्स में दिवंगत श्रीदेवी को ट्रिब्यूट देने के लिए उनकी दोनों बेटियों – जाह्नवी और खुशी और पति बोनी कपूर को 16 मई का खास आमंत्रण मिला है।

कान्स के ली मेजेस्टिक बीच पर बुधवार को श्रीदेवी को टाइटन रेजिनैल्ड एफ लेविस सम्मान दिया जाएगा ये सम्मान सिनेमा के क्षेत्र में विविधतापूर्ण और सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए दिया जाता है।

ऐश्वर्या 17वीं बार जबकि सोनम कपूर 8वीं बार रेड कार्पेट पर चलेंगी,   और दीपिका पादुकोण  दूसरी बार वहीँ पहली बार शामिल होने वाले स्टार्स में हुमा कुरैशी. और कंगना रानोट अल्कोहल ब्रांड ग्रे गूज़ का प्रमोशन कर रही हैं।

नवाजुद्दीन सिद्दीकी और नंदिता दास फिल्म मंटो की स्क्रीनिंग के लिए कान्स पहुंचे हैं। दक्षिण भारत के स्टार धनुष ‘द एक्स्ट्राऑर्डिनरी जर्नी ऑफ द फकीर’ का प्रमोशन कर रहे हैं।

भारत की ओर से पहली बार कोई डिजानइर कान्स में हिस्सा ले रहा है।

  1. भारत से चार क्षेत्रीय फिल्मों का प्रदर्शन

यह पहला मौका है जब भारत की 4 नेशनल अवार्ड विजेता रीजनल फिल्मों प्रदर्शन कान्स फेस्टिवल में हो रहा है। ये फिल्में असमी भाषा की विलेज रॉकस्टार, मलयालम में बनी भयानकम, बंगाली ड्रामा नगरकीर्तन और सिंजर  जो कि लक्षद्वीप में बनाई गई पहली फिल्म है |

  1. पाकिस्तान से पहली बार माहिरा पहुंचीं

आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान की ओर से पहली बार माहिरा खान कान्स में शामिल हो रही हैं। माहिरा के पहले 2008 में ‘ए माइटी हार्ट’ के लिए अदनान सिद्दीकी पहुंचे थे। 2013 में अरमीना राना खान के कान्स में जाने की बात कम ही लोग जानते हैं।

  1. पहली बार कोई कैंपेन और फंड कलेक्शन

विन्स्टीन सेक्स अब्यूज स्टोरी के सामने आने बाद वर्ल्ड वाइड चला मीटू कैम्पेन कान्स में भी सक्रिय है वहीं दूसरी ओर टाइम्सअप के जरिए हॉलीवुड सिंगर आर.केली का विरोध और सेक्सुअल असॉल्ट सर्वाइवर के लिए फंड भी इकट्‌ठा किया जा रहा है।

  1. पहली जेंडर इक्वैलिटी की पहल

कान्स में सर्वश्रेष्ठ फिल्म और कलाकार चुनने वाली जूरी में पहली बार पांच महिला सदस्यों को शामिल किया गया है। इनमें जूरी प्रेसिडेंट कैट बेंचलेट के अलावा एवा डुवेर्ने, खड्जा निन, लेया सेडॉक्स और क्रिस्टन स्टीवर्ट हैं।

ये  पहला मौका है जब दुनियाभर से 20 नामी महिला डायरेक्टर्स की फिल्में मुकाबले में शामिल की गई हैं इन महिला डायरेक्टर्स में ईवा हसन, एलिस रोरवॉचर, नैडिन लबाकी, वेनेसा फिल्हो, वलेरिया गोलिनो, वनूरी काहियू, नंदिता दास, गाया जीजी, मर्यम बेनमबेर्क, एंड्रिआ बेस्कॉन्ड, रेने नाडेर, एंजा कॉफमेल, रोएना गेरा, जोसोफिया, एग्निजका स्मॉकजिन्स्का, मारिया मॉन्ज, डेब्रा ग्रेनिक, बेट्रिज, क्रिस्टीना गेलेगो और अरान्टक्सा का नाम शामिल है।

  1. भारत की तरफ से अब तक शामिल फिल्मे

कान्स फेस्टिवल में भारत की ओर से पहली आधिकारिक फिल्म एंट्री 1946 में पहुंची थी। यह फिल्म थी चेतन आनंद की नीचा नगर। फिल्म को 10 एंट्रीज में नामांकन के साथ बेस्ट फिल्म का अवार्ड मिला था

दो बीघा जमीन 1953 में आई ये फिल्‍म भारतीय किसानों के हालात की कहानी सुनाने वाली फिलम थी. बलराज साहनी स्‍टारर बिमल रॉय की इस फिल्‍म को 1954 में कांस फिल्‍म फेस्‍टिवल में प्रिक्‍स इंटरनेशनल फिल्‍म का पुरस्‍कार दिया गया था

इसके अलावा मीरा नायर की सलाम बोम्बे,  संजय लीला भंसाली की देवदास, अनुराग कश्यप की गैंग्स ऑफ़ वासीपुर और अगली इसके अलावा मशान जैसी फिल्म ने भी 2015  में दो अवार्ड जीते थे |

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