इंद्रदेव के श्राप के कारण महीलाओं को होता है मासिक धर्म, भुगतनी पड़ती है हर महीने पीड़ा
महिलाओं को हर महीने मासिक पीड़ा से गुज़रना पड़ता है इस बात से आप सभी वाकिफ हैं महिलाओं को ये समस्या हर महीने होती है जिसे लेकर सदियों से तरह-तरह के आंकड़े लगाए जा रहे थे और अफवाहों की बातें की जा रही थी महिलाओं में होने वाले मासिक धर्म को लेकर इतिहास में भी कई तरह की बातें की गईं जो सदियों से हम सुनते आए हैं। जैसे की पीरियड्स के दौरान महिलाओं को घर से अलग रखा जाता था और वो इस दौरान कोई भी धार्मिक वस्तुओं को हांथ नही लगा सकती थीं ना ही घर के भीतर जा सकती थीं इतना ही नही उन्हें इस दौरान दूर ही अलग से खाने पीने की चीज़ें भी दी जाती थीं।
लेकिन अब पहले की तुलना में महिलाओं को कई हद तक राहत मिली है और वो आज पुरूषों की बराबरी में आकर खड़ी हुई हैं लेकिन अब भी गांवो और कई पिछले इलाकों में पीरियड्स को लेकर अलग तरह की अवधाराणाएं प्रचलित हैं।
कई लोगों के मन में यह सवाल आता है की आखिर मासिक धर्म महिलाओं को ही क्यों होता है पुरूषों को क्यों नही होता।
पौराणिक बातों को महिलाओं पर जबर्दस्ती थोपा जाता है।
महिलाएं आज भी ऐसी बातों को करने से कतराती हैं और नज़र अंदाज़ करने की कोशिश करती हैं। उन्हें परंपराओं के नाम पर चुप करा दिया जाता है।
इंद्रदेव के श्राप के कारण महिलाओं को भोगनी पड़ती है ऐसी पीड़ा
पौराणिक कथाओं की मानें तो एक बार गुस्से में देव गुरू ब्रहस्पति नें इंद्रदेव से नाराज़ होकर उन्हें श्रॉप दे दिया और इसका फायदा उठाकर असुरों नें देवलोक पर आक्रमण कर दिया फलस्वरूप गुरू इंद्रदेव भागकर अपनी समस्या के निवारण के लिए ब्रह्मदेव के पास पहुंचे। जहां ब्रह्मदेव नें इंद्र देव को इस श्रॉप के निवारण के लिए उन्हें एक ज्ञानी की सेवा करने को कहा इंद्रदेव ब्रहमदेव की बात मानकर एक ऐसे ज्ञानी की सेवा करने पहुंच गए जिसकी माता असुर थीं इंद्रदेव नें जब देखा की जिस गुरू की वो सेवा कर रहें वो अपने यज्ञ का भाग देवताओं से ज्यादा असुरों को दे रहा है वो असुर मा का बेटा है तो इंद्रदेव नें अपने गुरू की हत्या कर दी और इसी लिए उनपर ब्रह्म हत्या का पाप चढ़ गया।
इस पाप से बचने के लिए इंद्रदेव नें कई वर्षों तक फूल की कली के भीतर छुपकर भगवान विष्णु की तपस्या की और उनसे अपने इस पाप को दूर करने के लिए कहा इस पर भगवान विष्णु नें उन्हें कहा की इंद्र देव अगर अपना पाप थोड़ा-थोड़ा चार भाग में बांट देंगें तो पाप मुक्त हो जाएंगे।
इंद्र देव नें ऐसा ही किया और उन्होनें भूमि,जल,पेड़ और स्त्री में अपना पाप बांट दिया और बदले में उन्हें वरदान दिया पेड़ों को इंद्रदेव नें वरदान दिया की पेड़ अपने आपको स्वयं जिंदा कर सकते हैं।
भूमि को वरदान दिया की भूमि की चोट हमेशा खुद भर जाएगी।
जल को वस्तुओं को पवित्र करने का वरदान दिया
स्त्री को पुरूषों के मुकाबले काम में ज्यादा आनंद पाने का वरदान दिया।
तो इसी वजह से महिलाओं को हर महीने पीरियड्स के दर्द से गुज़रना पड़ता है।