आखिर क्यों इस मशहूर सुपर स्टार नें सबसे छुपकर सुबह 4 बजे मंदिर में की गीता बाली से शादी जानें
बॉलीवुड में यूं तो आए दिन कई जोड़ियां बनती हैं तो कई जोड़ियां बनने से पहले ही टूट जाती हैं। कई फिल्मी सीतारों की प्रेम कहानियां मीडिया की सुर्खियां बटोरती हैं तो कई प्रेमी जोड़े जन्मों-जन्मों के बंधन में बंधकर अपना पूरा जीवन एक दूसरे के साथ गुज़ारते हैं दिलीप कुमार और सायरा बानों की प्यार की कहानी की तरह ही बॉलीवुड में एक और ऐसी प्रेम कहानी है जो हमेशा-हमेशा के लिए एक बेहतरीन उदाहरण बन गई। ही हां हम बात कर रहे हैं फिल्म अभिनेता शम्मी कपूर और एक्ट्रेस गीता बाली की।
रंगीन रातें फिल्म के सेट पर हुई थी पहली मुलाकात
साल 1956 में आई फिल्म रंगीन रातें के सेट पर अभिनेता शम्मी कपूर और फिल्म अभिनेत्री गीता बाली की पहली मुलाकात हुई शम्मी कपूर उन दिनों बॉलीवुड के नवोदित कलाकार थे और एक स्ट्रगलिंग एक्टर के तौर पर बॉलीवुड में अपने पैर जमाने की जद्दोजहत कर रहे थे। गीता उस दौर की बेहद खूबसूरत अभिनेत्री थीं केदार शर्मा के निर्देशन में बन रही हिंदी फिल्म रंगीन रातें के सेट पर जैसे ही शम्मी कपूर की निगाहें गीता बाली पर पड़ीं तो वो उन्हें अपना दिल दे बैठे आपको बता दें की ये दोनों कलाकार फिल्म में लीड रोल निभा रहे थे।
रानी खेत से मुंबई लौटते समय शम्मी कपूर नें किया प्रपोज़
रील लाईफ की तरह ही फिल्मों में भी शम्मी कपूर का अंदाज़ बेहद मज़ाकिया किस्म का था फिल्म की शूटिंग खत्म कर शम्मी और गीता जब फिल्म की पूरी टीम के साथ वापस लौट रहे थे तो राश्ते में ही शम्मी नें गीता से अपने प्यार का इकरार कर दिया और दोनों नें अपना पूरा जीवन एक दूसरे के साथ बिताने का फैसला कर लिया।
शम्मी से उम्र में काफी बड़ी थीं गीता
शम्मी कपूर को पहले से ही इस बात का अंदाज़ा था की उनके प्यार की राह इतनी आसान नही होगी क्योंकि जिस गीता को वो दिल दे बैठे थे वो उम्र में शम्मी कपूर से काफी बड़ी थीं और उनके पिता पृथ्वीराज कपूर और बड़े भाई राजकपूर के साथ फिल्मों में बतौर एक्ट्रेस अभिनय कर चुकी थीं।
लेकिन शम्मी कपूर अपने प्यार को पाने के लिए हर कीमत चुकाने को तैयार थे और हर मुश्किल का सामना करने की पूरी तैयारी कर चुके थे। शम्मी कपूर नें जब घर वालों को अपनी और गीता की शादी की बात बताई तो घर वाले नाराज़ हो गए। लेकिन शम्मी कपूर बिना किसी की परवाह किए गीता बाली को लेकर मंदिर पहुंच गए मंदिर के पुजारी नें भी उन्हें खाली हांथ लौटा दिया।
दुबारा सुबह 4 बजे मंदिर पहुंच दोनों नें लिए सात फेरे
बेटे की ज़िद के आगे आखिरकार घर वालों को झुकना पड़ा शम्मी कपूर और गीता बाली नें चुपके चुपके सुबह मंदिर पहुंच कर शादी कर ली और एक दूसरे को अपना हमसफर बना लिया। गीता से शादी करने के बाद शम्मी कपूर का ना केवल निजी जीवन बलकी फिल्मों में उनका सफर भी अच्छा चल पड़ा और एक के बाद एक उन्होनें कई हिट फिल्में कीं।
चेचक की बिमारी नें गीता को हमेशा के लिए छीन लिया
गीता और शम्मी का साथ ज्यादा दिनों तक नही रह सका गीता को अचानक से चेचक की बिमारी हो गई लाख कोशिशों के बाद भी जिंदगी नें उनका साथ नही दिया और आखिरकार उन्होनें हमेशा के लिए अपनी आंखे मूंद ली।
1969 में नीला देवी से की दुबारा शादी
खबरों की मानें तो गीता की मौत के बाद शम्मी की पूरी जिंदगी ही बदल गई कई अभिनेत्रियों के साथ उनके अफेयर के चर्चे रहे लेकिन साल 1969 में शम्मी कपूर नें गुजरात के शाही परिवार से ताललुख रखने वाली नीला देवी के साथ शादी की खबरों की मानें तो अपने ज़माने की मशहूर अदाकारा मुमताज को भी शम्मी कपूर नें शादी के लिए प्रपोज़ किया था इस बात का खुलासा खुद मुमताज़ नें साल 2011 में एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान किया था।