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बाईसेक्सुअल था खिलजी 50 हजार मर्दों के साथ हरम में रहने के बाद काफूर को देख हो गई थी नियत खराब

मलिक मोहम्मद जायसी के उपन्यास पर आधारित फिल्म पद्मावत लगातार विवादों के बाद भी कल यानी शुक्रवार 25 जनवरी को सिनेमा घरों में रिलीज़ होने जा रही है फिल्म में खिलजी का किरदार रणवीर सिंह निभा रहे हैं इस बात से तो आप सभी वाकिफ हैं फिल्म के ट्रेलर में रणवीर दिल्ली के क्रूर सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी की भूमिका में बेहद खतरनाक लग रहे हैं रणवीर सिंह की बदौलत फिल्म के इस महत्वपूर्ण किरदार के बारे में जानने की जिज्ञासा होना भी स्वाभाविक है  खिलजी के इतिहास के बारे में कई रोचक तथ्य भी सामने आए हैं। आइए जानते हैं वास्तव में कैसा था अलाउद्दीन खिलजी।

सन 13030 में अपने चाचा की क्रूरता से हत्या कर दिल्ली की गद्दी पर बैठने वाला खिलजी बायसेक्सुअल था खिलजी सिर्फ खूबसूरत औरतों का ही कायल नही था बलकी उसकी सबसे बड़ी कमजोरी बिना दाढ़ी मूछ वाले युवा लड़के भी थे जिन्हें देख खिलजी की नियत खराब हो जाती थी संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत में खिलजी के किरदार के बारे में जानने की ये भी एक उत्सुकता है।

खिलजी से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों की मानें तो खिलजी के हरम में तकरीबन 50 हजार पुरूष थे जिनमें से  सुंदर युवा नौजवानों के साथ भी खिलजी संबंध बनाता था। गुजरात के युद्ध के दौरान खिलजी की नज़र मलिक काफूर नामक शख्स पर पड़ी जिसके रंग रूप को देख खिलजी उस पर मोहित हो गया और गुजरात पर फतेह हासिल करने के साथ ही मलिक काफूर को खिलजी नें1000 दिनार देकर खरीद लिया।

उस दौर में महिलाओं का यूं खुलेआम नाचना प्रतिबंधित था इसी लिए मुगल दरबार में पुरूषों को महिलाओं की वेष भूषा में नचाया जाता था और पुरूष ही दिवाने खास में मनोरंजन करते थे। अलाउद्दीन के हरम में 50 हजार पुरूषों समेत औरतों और बच्चों की कुल संख्या 70 हजार के करीब मानी जाती थी।

तारीख ए फिरोजशाही किताब से मिली जानकारी के मुताबिक खिलजी और मलिक काफूर के बीच नाजायज़ संबंध भी थे खिलजी की सेना प्रतिनिधित्व काफूर ही किया करता था हालाकि संजय लीला भंसाली की फिल्म के ट्रेलर में काफूर की झलक ना के बराबर है लेकिन उनके और खिलजी के संबंधों के बारे में जानने के लिए भी दर्शक फिल्म देखने का बेसब्री के साथ  इंतज़ार कर रहे हैं।

कई किताबों में इस बात का भी जिक्र है कि मलिक कफूर खिलजी का सबसे विश्वासपात्र और करीबी माना जाता था कफूर नें ही खिलजी की तबियत खराब होने पर उसके उत्तारधिकारी के तौर पर उसके सभी बच्चों में से उसके 6 साल के बेटे को चुना था ।

 

 

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