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‘मामू’ अमिताभ बच्चन से आशीर्वाद ले राजनीति में उतरीं प्रियंका गाँधी ? क्या फिर करीब आ रहे बच्चन-गांधी परिवार !

कांग्रेस के ट्रंप कार्ड के रूप में सामने आईं प्रियंका गांधी, राजनीति में उतरने की घोषणा से एक दिन पहले दिल्ली में अपने ‘मामू’ अमिताभ से मिली थीं और उनसे आशीर्वाद लिया था. यह दावा पत्रकार और लेखक रशीद किदवई ने वेबसाइट डेलीओ (dailyo.in) पर लिखी अपनी एक रिपोर्ट में किया है. इस खबर में दावा किया गया है कि बच्चन और गांधी परिवार 18 साल बाद फिर करीब आ रहे हैं और अब बिग बी ने पीएम मोदी से दूरी बनानी शुरू कर दी है.

प्रियंका गांधी के राजनीति में उतरने की औपचारिक घोषणा के बाद तरह-तरह की कहानियां सामने आ रही हैं. खबर के अनुसार प्रियंका गांधी बचपन से ही अमिताभ को ‘मामू’ यानी मामा कहती रही हैं. खबर में कहा गया है कि प्रियंका कांग्रेस महासचिव और पूर्वी यूपी का प्रभारी बनने से एक दिन पहले दिल्ली में एक गोपनीय मीटिंग में अमिताभ बच्चन से मिली थीं. बताया जाता है कि अमिताभ बच्चन ने उन्हें इस मुलाकात में राजनीति में उतरने के लिए आशीर्वाद भी दिया.

गांधी-बच्चन परिवार में 18 साल से मनमुटाव की बात की जा रही थी. इसके बाद इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं. मुलाकात भी ऐसे समय हुई है जब 2019 के लोकसभा चुनाव का माहौल पूरी तरह से बन चुका है.

देश के इन दोनों दिग्गज परिवारों के रिश्तों में साल 2000 में दरार आ गई थी और इसके बाद दोनों परिवारों के रिश्तों में कड़वाहट बनी रही. हालांकि, तब से अब तक गंगा-यमुना में काफी पानी बह चुका है. अभी देखना यह है कि राहुल गांधी इसे पूरी तरह स्वीकारते हैं या नहीं. अगर उनकी तरफ से झिझक दूर हुई तो अमिताभ, जया, अभिषेक, ऐश्वर्या का परिवार राहुल, प्रियंका, सोनिया के लिए नई ताकत बन सकता है.

गौरतलब है कि पहले गांधी और बच्चन परिवार के बीच काफी करीबी रिश्ते रहे हैं. दोनों परिवारों में जवाहर लाल नेहरू, हरिवंश राय बच्चन, तेजी बच्चन के जमाने से प्रगाढ़ता रही है. अमिताभ ने भी कई मौकों पर मजबूती से इस परिवार का समर्थन किया है.

इमरजेंसी में संजय गांधी के कई कामों पर चुप्पी साधे रहने के लिए अमिताभ की खूब आलोचना खूब हुई थी. वे बचपन से ही राजीव गांधी के करीबी मित्र थे. बाद में वह कांग्रेस के टिकट पर इलाहाबाद से चुनाव भी लड़े और सांसद बने. लेकिन बोफोर्स कांड को लेकर काफी आलोचना और बदनामी को देखते हुए उन्होंने राजनीति छोड़ दी.

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