इंडियन आइडल : क्या फिक्स है शो का ऑडिशन ? पार्टिसिपेंट ने सुनाई आपबीती
रिएलिटी सिंगिंग शो इंडियन आइडल का सफर दसवें सीजन तक पहुंच गया है. यह शो ऐसे गायकों को बड़ा मंच देता है जिनमें गायकी का हुनर तो है, लेकिन उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका नहीं मिल रहा. शो की शुरुआत से पहले इसके लिए ऑडिशन होते हैं जिनकी प्रक्रिया का चरण भी शो में दिखाया जाता है.
May. Mumbai. I rocked up at the venue more out of casual interest. On joining a queue 2 km long I noticed enthusiasts who had arrived there as though their lives depended on them. Some with their mothers holding Prasad, other rebels who had braved odds and traveled alone.
— Nishant Kaushik (@nofreecopies) August 20, 2018
शो के लिए सलेक्शन किस तरह से होता है? ऑडिशन की इस प्रक्रिया के दौरान क्या-क्या चीजें होती हैं? साल 2012 में इस शो के लिए ऑडिशन दे चुके निशांत कौशिक ने शो के ऑडिशन की होश उड़ा देने वाली सच्चाई ट्विटर पर शेयर की है. उनके ये ट्वीट थ्रेड काफी शेयर किए जा रहे हैं.
निशांत ने अपना अनुभव साझा करते हुए लिखा, “आम धारणा है कि यह शो टैलेंट को बढ़ावा देने के लिए अच्छी जगह है. मुझे लगता है कि अपने सपनों को नष्ट करने का यह सबसे अच्छा जरिया है.” निशांत ने बताया कि साल 2012 की मई में मुंबई में ऑडिशन आयोजित कराए गए थे जहां वो सिर्फ मस्ती के लिए पहुंच गए थे. करीब 2 किलोमीटर लंबी कतारें थीं. तमाम लोग थे जो बहुत जोश में थे. जिन्हें लगता था कि यह उनके जीवन का सबसे बड़ा मौका है. तमाम ऐसे थे जो अपने माता-पिता के साथ यहां पहुंचे थे.
I joined the queue at 7 AM. There were people who had arrived at 5 AM. Others who had camped overnight. False notion that early arrival = early audition. No one from the crew to dispel such notions. Gate opens 1 PM.
— Nishant Kaushik (@nofreecopies) August 20, 2018
निशांत ने बताया, “वह भी सुबह 7 बजे से लाइन में लगे, लेकिन तमाम लोग ऐसे भी थे जो सुबह 5 बजे से ही लाइन में लग गए थे. इसके अलावा कुछ तो ऐसे भी थे जो रात भर लाइनों में थे क्योंकि वह सबसे आगे शामिल होना चाहते थे. हालांकि किसी ने भी उनकी आंखों पर पड़े पर्दे को नहीं हटाया कि यहां पहले आओ पहले पाओ जैसा कुछ भी नहीं है. घंटों का इंतजार, बावजूद इसके दरवाजे दोपहर 1 बजे खोले गए.”
At 1 PM we were herded toward a stage on the school ground where the previous year's winner Shriram was lip syncing to Desi Boyz. A volunteer amongst us was sought to go and grab Shriram's feet mid-performance and shout "I wanna be Indian Idol!" Reward promised : early audition.
— Nishant Kaushik (@nofreecopies) August 20, 2018
निशांत ने बताया, “इस लंबे वक्त में वहां न तो टॉयलेट की कोई सुविधा थी और न ही खाने-पानी के स्टॉल.” यदि आपको लाइन से बाहर आकर इसकी तलाश में जाना होता तो इस बात की पूरी संभावना थी कि आप जगह खो देते.”
When we asked the crew if we could step out to get lunch and water, we were told to do so at our own risk. As if auditions would begin any moment. Contestants who made enquiries about the actual commencement of auditions were either not responded to, or showered with vile abuses.
— Nishant Kaushik (@nofreecopies) August 20, 2018
निशांत ने लिखा, “खैर, दोपहर के एक बजे हमारा इंतजार खत्म हो गया? गलत! दोपहर एक बजे हमें किसी झुंड की तरह स्कूल ग्राउंड के एक स्टेज की तरफ भेज दिया गया जहां पिछले साल का एक विजेता कंटेस्टेंट स्पीकर पर बज रहे गानों पर होंठ हिला रहा था. निशांत ने बताया कि ये परफॉर्मेंस शाम 5 बजे तक चलती रहीं और इसी बीच हमने नोटिस किया कि हजारों की भीड़ के लिए बीच में कही एक कनस्तर पानी और एक टॉयलेट लगाया गया था.”
A scuffle followed. Crew members rescued their colleague who was assaulted, by dragging the contestant along the floor and evicting him from the room. Late into the night, we finally arrived in a corridor that had a line of rooms hosting the auditions.
— Nishant Kaushik (@nofreecopies) August 20, 2018
उन्होंने बताया कि जब उन्होंने क्रू से यह पूछा कि क्या हम खाने या पानी के लिए जा सकते हैं? तो क्रू ने कहा – आप अपने रिस्क पर जाइए, क्योंकि ऑडिशन किसी भी वक्त शुरू हो सकते हैं. हालांकि जब ऑडिशन की शुरुआत का सही वक्त पूछा गया तो इस बारे में भी हमें कुछ नहीं बताया गया. निशांत के मुताबिक, शाम 8 बजे तक ऑडिशन शुरू नहीं हुए और फिर हमें एक एक अन्य स्टेज के सामने चिल्लाने के लिए कहा गया. हमें चीखने चिल्लाने लिए कहा गया कि “WE LOVE INDIAN IDOL!”
Thank you all for your responses. We have amazing people like you who have the wisdom to understand that artists flourish when they foster positivity and an atmosphere of mutual encouragement. And we will never let TRP hungry channels tell us otherwise.
— Nishant Kaushik (@nofreecopies) August 21, 2018
निशांत ने अपनी लंबी कहानी को एक पर एक किए कई ट्वीट्स में बताया है. इसमें उन्होंने कई चौंकाने वाली बातें शो के बारे में कही हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें कतार में ऐसे लोग भी मिले जो दिव्यांग थे और कई सौ किलोमीटर दूर से यहां तक आए थे. बावजूद उनके लिए कोई अलग से सुविधा नहीं थी. दृष्टिहीन लोग भी उसी कतार में थे. निशांत के इन ट्वीट्स को सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है.
अभी तक निशांत के आरोपों पर शो के निर्माताओं की ओर से कोई बयान नहीं आया है.