9/11 के 17 वीं बरसी आज, याद में आंखें हुईं नम, फ्लेश बैक में जाने क्या हुआ उस दिन
11 सितंबर 2001 को अमेरिका पर हुए आतंकी हमलों ने दुनिया को हिलाकर रख दिया था. इन हमलों ने पश्चिमी देशों को आतंकवाद के उस चेहरे से रूबरू कराया जिसे पहचानने से हर किसी ने इंकार कर दिया था. इन हमलों के साथ ही अमेरिका समेत दुनिया के तमाम देश मानने लगे कि आतंकवाद का राक्षस किसी को भी हजम करने की ताकत रखता है। 11 सितंबर 2018 को अमेरिका इन हमलों की 17वीं बरसी मना रहा है. आज भी जब 11 सिंतबर आता है तो वे जख्म हरे हो जाते हैं जो 17 वर्ष पहले मिले थे.
11 सितंबर 2001 की सुबह अमेरिका में हर दिनों की तरह सामान्य थी. नौकरीपेशा लोग दफ्तरों के लिए निकल चुके थे. दुनिया की सबसे ऊंची इमारतों में शुमार वर्ल्ड ट्रेंड सेंटर में भी करीब 18 हजार कर्मचारी रोजमर्रा का काम निपटाने में जुटे थे. मगर आठ बजकर 46 मिनट पर कुछ ऐसा हुआ कि अब तक सामान्य सी मालुम पड़ रही यह सुबह भयावह हो उठी. मंजर देख लोग कांप उठे. उस दिन जो हुआ, उसे किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था कि सुपरपॉवर अमेरिका को भी आतंकी चुनौती देने की हिमाकत करेंगे. मगर आतंकियों ने दुस्साहस की हद पार कर दी. उस दिन 19 आतंकियों ने चार विमान हाईजैक किए और फिर वर्ल्ड ट्रेंड सेंटर से दो विमानों को भिड़ा दिया. और अमेरिका समेत पूरी दुनिया को हमेशा के लिए बदल दिया.
हमलों का फ्लैश बैक :
विस्तार से जाने क्या हुआ था उस दिन –
11 सितंबर 2001 को अल कायदा के 19 आतंकियों ने अमेरिकन एयरलाइन के चार प्लेन हाइजैक किए।
सुबह 8:45 मिनट पर पहला हमला न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ टॉवर पर हुआ।
20,000 गैलन फ्यूल से लैस बोइंग 767 को नॉर्थ टॉवर की 80वीं मंजिल से जा टकराया।
18 मिनट बाद दूसरी फ्लाइट साउथ टॉवर की 60वीं मंजिल से जा टकराई।
9:45 मिनट पर एक और फ्लाइट 77 पेंटागन की बिल्डिंग से जा टकराई, 125 सैनिकों की मौत।
फ्लाइट में मौजूद 64 यात्रियों की भी मौत।
न्यूजर्सी से कैलिफोर्निया के लिए टेक ऑफ होने वाली फ्लाइट 40 मिनट के अंदर हाइजैक।
500 मील प्रति घंटे की रफ्तार से फ्लाइट को पेंसिलवेनिया में सुबह 10:10 मिनट पर क्रैश, 45 की मौत।
3,000 से ज्यादा लोगों की मौत वर्ल्ड ट्रेंड सेंटर पर हुए हमलों में हुई।
6,000 से ज्यादा लोग हमलों में घायल हुए।
वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमलों में छह लोग ऐसे थे जिन्हें कुछ नहीं हुआ था।
हमले में 10 बिलियन डॉलर की प्रॉपर्टी बर्बाद और 3 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान अमेरिकी अर्थव्यवस्था को हुआ।
400 पुलिस ऑफिसर्स और फायर फाइटर्स की भी इसमें दर्द नाक मौत हुई थी.
इस हमले का मास्टर माइंड था अलकायदा का आंतकी सरगना ओसामा बिन लादेन जिसे इस हमले के 10 साल बाद 2 मई 2011 को अमेरिका ने पाकिस्तान के ऐबटाबाद में मार गिराया।
ओसमा की मौत से अमेरिका ने अपने मारे गए 3000 हजार से ज्यादा लोगों का बदला लिया.